दिल्ली नगर निगम (MCD) में आगामी 25 अप्रैल को होने वाले मेयर और डिप्टी मेयर चुनाव से पहले राजनीतिक पारा चढ़ चुका है। जहां भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने पार्षद संख्या के लिहाज से बढ़त बना ली है, वहीं आम आदमी पार्टी (AAP) रणनीति के ज़रिए चुनावी वापसी की कोशिश में जुटी है।
MCD Mayor Election: दिल्ली नगर निगम (MCD) 25 अप्रैल को महापौर और उपमहापौर पदों के लिए चुनाव कराने जा रहा है। यह चुनाव राजनीतिक दृष्टिकोण से बेहद अहम माने जा रहे हैं, खासकर ऐसे समय में जब आम आदमी पार्टी (AAP) के कई पार्षदों के इस्तीफे या दल-बदल के चलते भारतीय जनता पार्टी (BJP) की ताकत एमसीडी में बढ़कर 119 पार्षदों तक पहुंच गई है।
एमसीडी सचिवालय द्वारा शुक्रवार को जारी नोटिस के मुताबिक, निगम की सामान्य बैठक 25 अप्रैल को आयोजित होगी, जिसमें दोपहर 2 बजे से महापौर और उपमहापौर पदों के लिए चुनाव कराए जाएंगे।
AAP की 2022 में हुई थी जबरदस्त जीत
2022 में हुए MCD चुनावों में AAP ने 250 में से 134 वार्डों पर जीत हासिल कर बहुमत से सत्ता में प्रवेश किया था। BJP को 104 सीटें मिली थीं और कांग्रेस को 9। लेकिन राजनीतिक पाला बदलने के सिलसिले ने समीकरण पूरी तरह बदल दिए। फरवरी 2025 में AAP के तीन पार्षदों के BJP में शामिल होने के बाद भाजपा की ताकत बढ़कर 119 पार्षदों तक पहुंच गई।
MCD सचिवालय के अनुसार, 15 अप्रैल से नामांकन प्रक्रिया शुरू होगी और 21 अप्रैल तक चलेगी। महापौर और उपमहापौर के चुनाव 25 अप्रैल दोपहर 2 बजे होंगे। बीजेपी जहां अब "संख्या बल" के आधार पर आगे दिख रही है, वहीं AAP इस बार अपने वफादारों और रणनीति पर भरोसा कर रही है।
BJP की बढ़त या रणनीति की मात?
BJP की ओर से महापौर पद के लिए राजा इकबाल सिंह, योगेश वर्मा और संदीप कपूर के नामों पर चर्चा है। पार्टी इस बार एक ऐसा चेहरा सामने लाने की सोच रही है जो संगठन और क्षेत्र दोनों में मजबूत पकड़ रखता हो। वहीं AAP सूत्रों के मुताबिक, पार्टी इस चुनाव को "जनादेश की चोरी" करार दे सकती है और इसे जनता के सामने एक "लोकतांत्रिक लड़ाई" के रूप में पेश करने की रणनीति पर काम कर रही है। पार्टी जल्द ही अपने पार्षदों के साथ एक विस्तृत बैठक कर उम्मीदवार और रणनीति तय करेगी।
नामांकित सदस्य भी बन सकते हैं किंगमेकर
दिल्ली नगर निगम के महापौर और उपमहापौर चुनावों में मनोनीत सांसदों और विधायकों को भी मतदान का अधिकार होता है। ऐसे में पार्टी लाइन से हटकर वोटिंग या अनुपस्थित रहना भी चुनाव के नतीजों को प्रभावित कर सकता है। AAP इस संभावना को भी ध्यान में रखकर वोटिंग के दिन "फुल स्ट्रेंथ" में मैदान में उतरने की तैयारी कर रही है।