महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव: MVA में दरार, शिवसेना (UBT) ने कांग्रेस की रणनीति पर उठाए सवाल

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव: MVA में दरार, शिवसेना (UBT) ने कांग्रेस की रणनीति पर उठाए सवाल
Last Updated: 4 घंटा पहले

महाराष्ट्र में हालिया विधानसभा चुनाव में महा विकास अघाड़ी (MVA) की करारी हार के बाद, गठबंधन के भीतर अब एक नई दरार सामने आ रही है। शिवसेना (यूबीटी) ने हार का ठीकरा कांग्रेस पर फोड़ते हुए कहा कि कांग्रेस के अति आत्मविश्वास ने चुनाव परिणामों को प्रभावित किया। शिवसेना (यूबीटी) नेता अंबादास दानवे ने कांग्रेस की रणनीतियों पर सवाल उठाते हुए इस बार के चुनावी नतीजों को लेकर अपनी आलोचना व्यक्त की है।

कांग्रेस की अति आत्मविश्वास ने दिया करारा झटका

दानवे ने कहा, "कांग्रेस ने चुनावों के दौरान खुद को बहुत अधिक आत्मविश्वासी महसूस किया। लोकसभा चुनावों में कांग्रेस की मेहनत साफ नजर आई थी, लेकिन महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में उनका यह अति आत्मविश्वास नुकसान का कारण बना।" उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि लोकसभा चुनाव के बाद, कांग्रेस के नेताओं का आत्मविश्वास हर चुनावी राज्य में दिखाई दिया, लेकिन यही अति आत्मविश्वास इस बार के चुनाव में काम नहीं आया।

सीट बंटवारे पर उलझाव और मुख्यमंत्री का चेहरा

दानवे ने महा विकास आघाड़ी की चुनावी रणनीति को भी लेकर आलोचना की। उन्होंने कहा, "हम सीट बंटवारे को लेकर आखिरी पल तक उलझे रहे, जबकि उस समय हमें जनता से सीधा संवाद करना चाहिए था।" उनके अनुसार, कुछ सीटें शिवसेना को दी जानी चाहिए थीं, लेकिन कांग्रेस ने इसमें सहमति नहीं जताई। दानवे ने यह भी कहा कि कांग्रेस ने मुख्यमंत्री पद के शपथ ग्रहण समारोह को ही प्राथमिकता दी, जबकि जनता और गठबंधन के बीच सामंजस्य पर ज्यादा ध्यान देना चाहिए था।

उद्धव को सीएम चेहरा बनाने का सुझाव

दानवे ने आगे कहा कि यदि उद्धव ठाकरे को मुख्यमंत्री पद के लिए उम्मीदवार के रूप में पेश किया गया होता, तो चुनाव परिणाम अलग हो सकते थे। उन्होंने कहा, "उद्धव ठाकरे को सीएम चेहरा बनाए जाने से स्थिति अलग हो सकती थी और शायद हम चुनाव में बेहतर प्रदर्शन कर सकते थे।" यह बयान एमवीए के भीतर बढ़ते तनाव और गहरे मतभेदों को उजागर करता है, खासकर कांग्रेस और शिवसेना (यूबीटी) के बीच।

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष का इस्तीफा

महाराष्ट्र चुनाव में कांग्रेस की करारी हार के बाद कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। इस इस्तीफे से यह साफ है कि कांग्रेस ने अपनी हार के लिए जिम्मेदारी ली है, लेकिन शिवसेना (यूबीटी) के आरोपों से एमवीए के भीतर रिश्ते और भी तनावपूर्ण हो गए हैं।

क्या कांग्रेस की रणनीति पर सवाल उठाने से एमवीए को होगा लाभ?

अब सवाल यह है कि क्या कांग्रेस की रणनीतियों पर उठाए गए सवाल और अंदरूनी दरारें एमवीए के भविष्य के लिए खतरनाक साबित होंगी? शिवसेना (यूबीटी) और कांग्रेस के बीच की यह खींचतान एमवीए गठबंधन के अंदर और भी असहमति पैदा कर सकती है, जो अगले चुनावों में गठबंधन की ताकत को प्रभावित कर सकती है।

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