रेस्क्यू ऑपरेशन में नौसेना की 11 बोट, मरीन पुलिस की 3 बोट और कोस्ट गार्ड की 1 बोट शामिल हैं। चार हेलिकॉप्टर भी रेस्क्यू में लगे हैं और यात्रियों को गेटवे ऑफ इंडिया वापस लाया गया।
Mumbai Boat Accident: मुंबई में बुधवार को गेटवे ऑफ इंडिया से एलिफेंटा द्वीप की यात्रा करने के दौरान नीलकमल फेरी के डूबने से 13 लोगों की दुखद मौत हो गई है। 2 लोग अब भी लापता हैं और उनकी तलाश जारी है। रेस्क्यू टीम ने 100 से ज्यादा यात्रियों को बचाया। इस हादसे के 24 घंटे बाद भी राहत और बचाव कार्य चल रहा है।
अब तक 13 लोगों की मौत
मुंबई के शांत समुद्र की चुप्पी बुधवार को नीलकमल फेरी के डूबने के साथ टूट गई। दोपहर 3 बजकर 15 मिनट पर नीलकमल फेरी 105 यात्रियों के साथ एलिफेंटा द्वीप की सैर पर निकली थी। थोड़ी ही देर बाद, लगभग 3 बजकर 55 मिनट पर नेवी की एक ट्रेनिंग स्पीड बोट तेज गति से आई और फेरी को जोरदार टक्कर मार दी। इस टक्कर के कारण बोट में छेद हो गया और उसमें पानी भरने लगा। देखते ही देखते फेरी समुद्र में समा गई।
कई यात्रियों के साथ-साथ एक ही परिवार के तीन सदस्य भी हादसे का शिकार हुए। नासिक जिले के पिंपलगांव के अहेर दंपति के साथ उनके एक बच्चे की मौत हो गई। पिंपलगांव के राकेश नाना अहेर अपनी पत्नी और बेटे के साथ इलाज के लिए मुंबई गए थे। वे शाम को गेटवे ऑफ इंडिया के पास फेरी से समुद्री सफारी का आनंद लेने गए थे, लेकिन इस दुर्घटना में उनकी जान चली गई।
रेस्क्यू ऑपरेशन जारी
इस दुखद घटना के बाद जिला प्रशासन और पुलिस सतर्क हो गए। मुंबई पुलिस की मरीन टीम और कोस्टल टीम पूरे एरिया में सर्च ऑपरेशन चला रही हैं। राहत और बचाव कार्य में नौसेना की 11 बोट, मरीन पुलिस की 3 बोट और कोस्ट गार्ड की 1 बोट लगी हैं। चार हेलिकॉप्टर भी इस ऑपरेशन में सक्रिय हैं।
रेस्क्यू किए गए यात्रियों को गेटवे ऑफ इंडिया वापस लाया गया, जहां से उन्हें विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया गया। जिन यात्रियों को मामूली चोटें आई थीं, उन्हें मुंबई के सेंट जॉर्ज और जेजे अस्पतालों में इलाज के लिए भेजा गया।
अब तक 13 लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें से कई की पहचान नहीं हो पाई है। मृतकों की सूची में 11 महिलाएं और 2 पुरुष शामिल हैं। इसमें एक छोटा बच्चा भी शामिल है। दो लोग अभी भी लापता हैं, जिनमें एक बच्चा और एक पुरुष शामिल हैं। मुंबई की मरीन टीम और कोस्टल टीम लगातार उनकी तलाश में जुटी हैं।
हादसे के कारणों पर उठ रहे सवाल
इस हादसे को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं। नीलकमल फेरी में 80 लोगों की क्षमता थी, लेकिन इसमें लगभग 110 लोग सवार थे। इसके अलावा, नेवी की ट्रेनिंग स्पीड बोट की गति इतनी तेज थी कि उसे नियंत्रित नहीं किया जा सका। सवाल उठता है कि नेवी की बोट की ट्रेनिंग क्यों सार्वजनिक बोट के पास होनी चाहिए थी और क्या किसी भी अनुभवी ट्रेनिंग अधिकारी बोट पर मौजूद नहीं था?
फेरी चालक के अनुसार, इंजन ट्रायल के दौरान कंट्रोल खोने के कारण नीलकमल को जोरदार टक्कर लगी। इस दुर्घटना के बाद सवाल उठते हैं कि क्या नेवी की ट्रेनिंग पब्लिक बोट के पास होनी चाहिए थी और क्या गलती नेवी के अधिकारियों की तरफ से थी जिन्होंने क्षमता से अधिक यात्रियों को बोर्ड करने की अनुमति दी थी?
सीएम ने मुआवजे की घोषणा की
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मृतकों के परिवारों को 2 लाख और 5 लाख रुपए की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की है। प्रधानमंत्री ने प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से 2 लाख रुपए की राशि देने की भी घोषणा की। सीएम देवेंद्र फडणवीस ने भी कहा कि सरकार प्रभावित परिवारों को हरसंभव सहायता प्रदान करेगी।
जांच के दौरान कानूनी कार्रवाई
इस हादसे में मुंबई पुलिस ने मामला दर्ज किया है और नेवी के स्पीड बोट के ड्राइवर को आरोपी बनाया गया है। डीसीपी प्रवीण मुंडे ने बताया कि नीलकमल नाव को नेवी की एक बोट ने कोलाबा में टक्कर मारी थी। मामले में नेवी की स्पीड बोट चलाने वाले ड्राइवर के खिलाफ तेज गति से नाव चलाने का मामला दर्ज किया गया है। 13 लोगों की मौत हो गई है और अब तक 2 लोग लापता हैं, जिनकी तलाश जारी है।
इस घटना के बाद मुंबई में फेरी यात्राओं की सुरक्षा और व्यवस्थाओं की समीक्षा की जा रही है। सवाल उठते हैं कि क्या इस प्रकार की दुर्घटनाओं को रोकने के लिए और कड़े कदम उठाने की आवश्यकता है?