शशि थरूर ने कहा कि अगर अमेरिका व्यापार समझौते में अनुचित रुख अपनाता है तो भारत अन्य देशों से सहयोग बढ़ाएगा। भारत के पास मजबूत घरेलू बाजार है और वह आत्मनिर्भर रणनीति पर काम कर रहा है।
US-India Trade: कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने भारत और अमेरिका के बीच चल रही व्यापार वार्ता पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने साफ कहा कि यदि अमेरिका अपनी शर्तों को लेकर अनुचित रुख अपनाता है, तो भारत के पास अन्य देशों के साथ व्यापार के विकल्प मौजूद हैं। थरूर का मानना है कि भारत अब पूरी तरह अमेरिका पर निर्भर नहीं है और उसे किसी दबाव में आने की जरूरत नहीं है।
‘भारत चीन नहीं है’, थरूर ने बताया देश की आर्थिक ताकत
थरूर ने भारत की आर्थिक संरचना को लेकर कहा कि भारत, चीन की तरह पूरी तरह निर्यात-आधारित अर्थव्यवस्था नहीं है। हमारे पास एक मजबूत घरेलू बाज़ार है जो किसी भी वैश्विक आर्थिक दबाव का सामना करने में सक्षम है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत की ताकत उसकी विविधता और आत्मनिर्भरता है, जो देश को किसी भी व्यापारिक वार्ता में मजबूती देती है।
अमेरिका अकेला विकल्प नहीं: थरूर
शशि थरूर ने यह भी स्पष्ट किया कि अमेरिका एकमात्र देश नहीं है जिससे भारत व्यापार वार्ता कर रहा है। उन्होंने बताया कि यूरोपीय संघ और ब्रिटेन के साथ भारत की बातचीत सकारात्मक दिशा में बढ़ रही है। ब्रिटेन के साथ एक समझौता पहले ही हो चुका है और अन्य देशों के साथ भी बातचीत चल रही है।
अच्छा सौदा नहीं तो पीछे हटना बेहतर
थरूर ने भारत सरकार से आग्रह किया कि वह अपने वार्ताकारों को पूरी आज़ादी दे ताकि वे देश के हित में सर्वश्रेष्ठ सौदा कर सकें। उन्होंने कहा कि यदि कोई सौदा भारत के पक्ष में नहीं है, तो सरकार को बिना हिचक पीछे हट जाना चाहिए। यह फैसला आत्मसम्मान और रणनीतिक विवेक के तहत होना चाहिए।
कार्ति चिदंबरम ने ट्रंप को बताया 'अपरंपरागत नेता'
कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम ने भी इस मसले पर अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि डोनाल्ड ट्रंप पारंपरिक राजनेता नहीं हैं, इसलिए उनके साथ सामान्य कूटनीतिक प्रोटोकॉल काम नहीं करता। चिदंबरम का मानना है कि अमेरिका के साथ बातचीत के शुरुआती दौर में घबराने की जरूरत नहीं है। उन्होंने उम्मीद जताई कि भारत सरकार संयम बनाए रखेगी और संतुलन के साथ समझौता करेगी।