Nashik: नासिक के आर्टिलरी सेंटर में प्रशिक्षण के दौरान विस्फोट, हादसे में दो अग्निवीरों की मौत, हैरदराबाद से आये थे ट्रेनिंग लेने

Nashik: नासिक के आर्टिलरी सेंटर में प्रशिक्षण के दौरान विस्फोट, हादसे में दो अग्निवीरों की मौत, हैरदराबाद से आये थे ट्रेनिंग लेने
Last Updated: 1 घंटा पहले

महाराष्ट्र के नासिक जिले के आर्टिलरी सेंटर में फायरिंग अभ्यास के दौरान एक भारतीय फील्ड गन का गोला फटने से दो अग्निवीरों की मौत हो गई। यह घटना गुरुवार दोपहर को नासिक रोड क्षेत्र में हुई। पुलिस ने शुक्रवार को इस घटना की जानकारी दी, जिसमें अधिकारियों ने इस दुखद दुर्घटना की पुष्टि की।

Nashik Artillery Center: नासिक आर्टिलरी सेंटर में एक दुखद घटना घटित हुई, जिसमें नियमित प्रशिक्षण सत्र के दौरान हुए विस्फोट में दो अग्निवीरों की जान चली गई। यह दुर्घटना लाइव-फायर आर्टिलरी अभ्यास के दौरान हुई।

यह विस्फोट उस समय हुआ जब सैनिक तोपखाने से फायरिंग का अभ्यास कर रहे थे, जिसके कारण दोनों अग्निवीर गंभीर रूप से घायल हो गए। उन्हें तुरंत बचाने के प्रयास किए गए, लेकिन उनकी चोटें इतनी गंभीर थीं कि वे अपनी जान नहीं बचा सके। इस दुखद घटना ने पूरे तोपखाने केंद्र में शोक की लहर फैला दी है, और अधिकारियों ने विस्फोट के वास्तविक कारणों की जांच शुरू कर दी है।

प्रशिक्षण के दौरान हुआ विस्फोट

नासिक के आर्टिलरी सेंटर में फायर फाइटर्स को प्रशिक्षण दिया जाता है। कल दोपहर, अग्निशमन कर्मी आर्टिलरी सेंटर में अभ्यास कर रहे थे। इसी अभ्यास के दौरान, फायरिंग करते समय अचानक एक विस्फोट हो गया। इस घटना से तोपखाने के केंद्र में हड़कंप मच गया।

हादसे के दौरना दो जवानों की मौत

विस्फोट में अग्निवीर गोहिल विश्वराज सिंह (20) और सैफत शिट (21) की जान चली गई। अग्निवीरों की एक टीम भारतीय फील्ड गन से फायरिंग कर रही थी, तभी अचानक एक गोला फट गया। अधिकारी ने आगे कहा कि दोनों को गंभीर चोटें आईं और उन्हें देवलाली के सैना अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां पर उन्हें मृत घोषित कर दिया गया।

सुप्रिया सुले ने व्यक्त किया दुःख

एनसीपी नेता सुप्रिया सुले ने एक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर इस घटना पर गहरा दुःख प्रकट करते हुए कहा, "नासिक के एक तोपखाने केंद्र में प्रशिक्षण के दौरान हुए विस्फोट में दो अग्निवीरों की जान चली गई। यह घटना अत्यंत दुःखद है। इन दोनों जवानों को हमारी भावपूर्ण श्रद्धांजलि। हम सभी इन जवानों के परिवारों के दुख में सहभागी हैं। रक्षा मंत्रालय को चाहिए कि वह इन जवानों को शहीद का दर्जा प्रदान करे और उनके परिवारों को उचित लाभ दे।"

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