यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि छात्रों की चिंताएं परीक्षा के एक से अधिक दिन होने, निजी संस्थानों को केंद्र नहीं बनाने और मानकीकरण प्रक्रिया को लेकर हैं। इन मुद्दों पर शीघ्र समाधान निकाला जाएगा।
UPPSC Exam Candidate protest: यूपीपीएससी परीक्षार्थियों के नॉर्मलाइजेशन को लेकर विरोध प्रदर्शन पर यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि छात्रों की चिंताएं गंभीर हैं और अधिकारियों को इन मांगों को संवेदनशीलता से सुनने का निर्देश दिया है, ताकि छात्र आंदोलन की बजाय परीक्षा की तैयारी में ध्यान केंद्रित कर सकें। मौर्य ने यह भी दावा किया कि योगी सरकार ने निष्पक्ष भर्ती प्रक्रिया की मिसाल पेश की है।
केशव प्रसाद मौर्य ने क्या कहा?
केशव प्रसाद मौर्य ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर लिखा, "यूपी पीसीएस परीक्षा में एक से अधिक दिन की परीक्षा, निजी संस्थानों को केंद्र न बनाने और मानकीकरण प्रक्रिया को लेकर छात्रों की चिंताएं गंभीर और महत्वपूर्ण हैं। छात्रों की मांग है कि परीक्षाएं पूरी तरह निष्पक्ष और पारदर्शी हों, ताकि उनकी मेहनत का सम्मान हो और भविष्य सुरक्षित रहे।"
दीप्ती सीएम ने दिए निर्देश
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के नेतृत्व में भाजपा सरकार ने 2017 से भर्ती माफियाओं के खिलाफ कठोर कदम उठाकर निष्पक्ष भर्ती प्रक्रिया की मिसाल पेश की है। लगभग 7 लाख युवाओं को नियुक्ति पत्र देकर सरकार ने अपनी दृढ़ इच्छाशक्ति का परिचय दिया है। सभी सक्षम अधिकारी छात्रों की मांगों को संवेदनशीलता से सुनें और शीघ्र समाधान निकालें। यह सुनिश्चित करें कि छात्रों का कीमती समय आंदोलन में न व्यतीत हो, बल्कि उनकी परीक्षा की तैयारी में लगे। न्यायालय में लंबित मामलों का भी शीघ्र समाधान किया जाए ताकि किसी भी छात्र का भविष्य अंधकार में न जाए।
UPPCS छात्रों का विरोध प्रदर्शन रातभर जारी
सोमवार से यूपीपीएससी के प्रतियोगी छात्रों का विरोध प्रदर्शन जारी है। छात्र वन डे शिफ्ट में परीक्षाएं कराने की मांग कर रहे हैं, जिसके बाद वे लोक सेवा आयोग के सामने विरोध कर रहे हैं। उनका प्रदर्शन रातभर जारी रहा, और वे सड़कों पर जमे रहे। इस दौरान छात्रों ने खाली बोतलें सड़क पर पीटकर अपना विरोध जाहिर किया। छात्रों का कहना है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, वे धरना जारी रखेंगे।
इस पर आयोग की प्रतिक्रिया भी सामने आई है। आयोग के प्रवक्ता ने दावा किया है कि परीक्षा की शुचिता और गुणधर्मिता सुनिश्चित करने के लिए यह व्यवस्था की गई है। छात्रों के भविष्य को सुरक्षित रखने के उद्देश्य से परीक्षाएं केवल उन केन्द्रों पर कराई जा रही हैं, जहाँ कोई गड़बड़ी होने की संभावना नहीं है।