प्रशांत किशोर का नया बयान: मोदी सरकार की शक्ति में कमी, नौ राज्यों के चुनाव के नतीजे होंगे महत्वपूर्ण

प्रशांत किशोर का नया बयान: मोदी सरकार की शक्ति में कमी, नौ राज्यों के चुनाव के नतीजे होंगे महत्वपूर्ण
Last Updated: 2 दिन पहले

जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर ने यह दावा किया है कि मोदी सरकार की ताकत तीसरे कार्यकाल में कम हुई है। उन्होंने यह भी कहा कि आने वाले विधानसभा चुनावों के नतीजे भविष्य की दिशा को निर्धारित करेंगे। यदि भाजपा को इन चुनावों में नुकसान होता है, तो सरकार की स्थिरता पर सवाल उठना निश्चित है। पीके ने बिहार में भाजपा की स्थिति पर भी बेबाकी से अपने विचार रखे।

New Delhi: प्रशांत किशोर ने मंगलवार को एक महत्वपूर्ण बयान दिया है। उन्होंने कहा कि यह स्पष्ट है कि मोदी और एनडीए सरकार की लोकप्रियता और शक्ति में कमी आई है। आने वाले नौ राज्यों के विधानसभा चुनावों के परिणाम सरकार की भविष्य की दिशा को निर्धारित करेंगे। यदि इन राज्यों के चुनाव परिणाम भाजपा के खिलाफ आते हैं, तो निश्चित रूप से उसकी शक्ति में कमी आएगी। बिहार में भाजपा के पास कोई स्पष्ट चेहरा नहीं है।

अगर बीजेपी जीतती है तो उसकी ताकत रहेगी बरकरार

प्रशांत किशोर ने कहा है कि यह बात निश्चित है कि मोदी और उनकी सरकार की लोकप्रियता और ताकत में कमी आई है। आगामी दिशा और दशा आने वाले दो से ढाई साल में नौ राज्यों में होने वाले चुनावों के परिणामों पर निर्भर करेगी। यदि चुनाव परिणाम बीजेपी के खिलाफ आते हैं, तो सरकार की स्थिरता पर सवाल उठ सकते हैं।

दूसरी ओर, यदि बीजेपी इन राज्यों में अच्छा प्रदर्शन करती है, तो उसकी ताकत बनी रहेगी। ज्ञात रहे कि जम्मू-कश्मीर, दिल्ली, हरियाणा, असम, पश्चिम बंगाल, झारखंड, महाराष्ट्र, बिहार और तमिलनाडु में अगले ढाई साल के भीतर विधानसभा चुनाव होने वाले हैं।

बिहार में नहीं भाजपा सरकार

प्रशांत किशोर ने कहा है कि बिहार में भाजपा का तो कोई चेहरा है, ही कोई प्रयास, और ही कोई उनकी बात कर रहा है। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि भाजपा ने अपने नेतृत्व को पूरी तरह से नीतीश कुमार के हाथों में सौंप दिया है। भाजपा के हर कार्यकर्ता का मानना है कि नीतीश कुमार के नाम पर चुनाव लड़कर जीत हासिल नहीं की जा सकती।

पीके ने भाजपा की मजबूरी का किया जिक्र

पीके ने आगे कहा कि कभी-कभी किस्मत भी अपने तरीके से काम करती है। भाजपा की मजबूरी यह है कि वह नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री पद से हटा नहीं सकते, क्योंकि उन्हें दिल्ली में सरकार चलानी है। उन्हें यह भी जानता है कि नीतीश कुमार के मुख्यमंत्री रहने तक बिहार में चुनाव जीतना उनके लिए संभव नहीं है। बिहार में भाजपा की स्थिति ऐसी है कि वह तो दाईं ओर जा सकती है और ही बाईं ओर।

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