Rajasthan Loudspeaker controversy: बैरवा ने उठाया सख्त कदम, राजनीति का नया मोड़

Rajasthan Loudspeaker controversy: बैरवा ने उठाया सख्त कदम, राजनीति का नया मोड़
अंतिम अपडेट: 8 घंटा पहले

राजस्थान लाउडस्पीकर के शोर को लेकर चल रहा विवाद अब एक नया राजनीतिक मोड़ ले चुका है। राज्य के उपमुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा ने इस मुद्दे पर सख्त कार्रवाई की घोषणा की है। 

जयपुर: राजस्थान लाउडस्पीकर के शोर को लेकर उपमुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा ने सख्त कदम उठाने की घोषणा की है। उन्होंने बताया कि इस पर एक कमेटी बनाई जाएगी जो शिकायतों की जांच करेगी, और रिपोर्ट के बाद लाउडस्पीकर के नियमों में बदलाव किया जा सकता है। इसके साथ ही, अगर आवश्यकता पड़ी तो इस मुद्दे पर सख्त कानून भी लाया जाएगा। बीजेपी विधायक बाल मुकंद आचार्य के बयान के बाद यह विवाद सियासी खींचतान का कारण बना है। बैरवा ने जोधपुर में राजनीतिक एकता की नई पहल की भी घोषणा की।

बीजेपी विधायक के बयान के बाद बढ़ी सियासी खींचतान

यह विवाद तब शुरू हुआ जब बीजेपी के हवामहल से विधायक बाल मुकंद आचार्य ने लाउडस्पीकर के शोर पर सवाल उठाए। उनके बयान के बाद सत्ताधारी और विपक्षी दलों के बीच इस मुद्दे पर तीखी बयानबाजी शुरू हो गई। इस दौरान मंत्री जोगाराम पटेल ने भी कहा था कि इस मुद्दे पर कड़े कदम उठाए जाएंगे। अब उपमुख्यमंत्री बैरवा ने भी इस पर सख्त रुख अपनाते हुए घोषणा की है कि एक कमेटी बनाई जाएगी, जो विभिन्न स्थानों से प्राप्त शिकायतों का विश्लेषण करेगी।

कमेटी की रिपोर्ट के बाद बनेगा कानून

बैरवा ने जोधपुर दौरे के दौरान एबीपी न्यूज़ से खास बातचीत में कहा, “हम जनता की परेशानियों को समझते हैं और एक कमेटी का गठन करेंगे, जो शिकायतों की समीक्षा करेगी। रिपोर्ट मिलने के बाद हम इस पर कड़े कदम उठाएंगे और अगर जरूरत पड़ी तो कानून भी बनाएंगे।”

राजनीतिक एकता की नई पहल

इस दौरान बैरवा ने जोधपुर में होली के अवसर पर एक नई राजनीतिक पहल की भी घोषणा की। उन्होंने कहा, “हमारी कोशिश है कि सभी राजनीतिक दलों को एक मंच पर लाकर विकास की दिशा में काम किया जाए।” इस अवसर पर लूणी के पूर्व विधायक बाबू मलखान सिंह बिश्नोई भी मौजूद थे, जिन्होंने इस पहल का समर्थन किया।

राजस्थान में लाउडस्पीकर विवाद अब केवल एक स्थानीय समस्या नहीं, बल्कि एक गंभीर राजनीतिक मुद्दा बन चुका है, और राज्य सरकार अब इस पर सख्त कदम उठाने की योजना बना रही है। यह कदम राज्य की राजनीति में एक नया मोड़ ला सकता है।

Leave a comment