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रेलवे रिश्वतकांड: वरिष्ठ अधिकारी समेत 3 गिरफ्तार, करोड़ों की नकदी और ज्वेलरी जब्त

रेलवे रिश्वतकांड: वरिष्ठ अधिकारी समेत 3 गिरफ्तार, करोड़ों की नकदी और ज्वेलरी जब्त
अंतिम अपडेट: 08-04-2025

देश की रेल व्यवस्था को झटका देने वाला एक बड़ा भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है। सीबीआई (CBI) ने रिश्वतखोरी के एक गंभीर मामले में उत्तर रेलवे के वरिष्ठ अधिकारियों सहित तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। 

Crime News: केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने 7 लाख रुपये की रिश्वत के लेन-देन के मामले में उत्तर रेलवे, डीआरएम कार्यालय, नई दिल्ली के एक वरिष्ठ डीईई और एक एसईई समेत तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। इस मामले में एक अन्य व्यक्ति को भी हिरासत में लिया गया है। आरोप है कि इन रेलवे अधिकारियों ने एक निजी रेलवे वेंडर की दिल्ली स्थित कंपनी और उसके परिवार को अनुचित लाभ पहुंचाने के लिए रिश्वत की मांग की और उसे स्वीकार भी किया। सीबीआई की छापेमारी के दौरान 63.85 लाख रुपये नकद, करीब 3.46 करोड़ रुपये मूल्य की सोने की छड़ें और आभूषण बरामद किए गए हैं।

7 लाख की रिश्वत बना पर्दाफाश की वजह

सीबीआई ने यह कार्रवाई 7 लाख रुपये की रिश्वत के लेन-देन से जुड़ी सूचना पर की। मामले में उत्तर रेलवे, डीआरएम कार्यालय, नई दिल्ली के वरिष्ठ डीईई साकेत चंद श्रीवास्तव, एसएसई तपेंद्र सिंह गुर्जर, और एक निजी कंपनी वत्सल इन्फोटेक के निदेशक गौतम चावला को गिरफ्तार किया गया है। इन पर आरोप है कि इन्होंने निजी कंपनियों को अनुचित लाभ पहुंचाने के लिए रिश्वत की मांग की और स्वीकार किया।

छापेमारी में बरामद हुआ करोड़ों का माल

सीबीआई ने दिल्ली और गाजियाबाद सहित 9 ठिकानों पर छापेमारी की। इस दौरान बरामद हुआ:
₹63.85 लाख नकद
लगभग ₹96.26 लाख मूल्य के सोने के गहने
एक लॉकर से 2.5 करोड़ रुपये से ज्यादा के आभूषण और सोने की छड़ें
प्रॉपर्टी दस्तावेज, मोबाइल, लैपटॉप और हार्ड डिस्क
रिश्वत के लेन-देन से जुड़े अहम दस्तावेज

सात लोगों पर केस दर्ज, CBI की कार्रवाई जारी

इस मामले में सीबीआई ने सात आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है, जिनमें रेलवे अधिकारी, निजी कंपनी के निदेशक और दोनों कंपनियां शामिल हैं। इनमें प्रमुख नाम हैं:

1. साकेत चंद श्रीवास्तव – वरिष्ठ डीईई (जनरल), डीआरएम कार्यालय, नई दिल्ली (गिरफ्तार)
2. तपेंद्र सिंह गुर्जर – एसएसई, इलेक्ट्रिकल-जी शाखा, (गिरफ्तार)
3. अरुण जिंदल – एसएसई, निविदा अनुभाग प्रभारी
4. गौतम चावला – निदेशक, वत्सल इन्फोटेक (गिरफ्तार)
5. वत्सल इन्फोटेक प्रा. लि., दिल्ली
6. साकेत कुमार – निदेशक, शिवमणि एंटरप्राइजेज, गाजियाबाद
7. शिवमणि एंटरप्राइजेज प्रा. लि., गाजियाबाद

क्या है पूरा मामला?

आरोप है कि ये अधिकारी ठेके, कार्यादेश और बिलों की मंजूरी के बदले रिश्वत मांग रहे थे। संबंधित कंपनियों को काम दिलाने और उनके हित में फर्जी प्रक्रियाएं अपनाने के लिए ये सभी मिलकर एक नेटवर्क के रूप में काम कर रहे थे। सीबीआई की यह कार्रवाई भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त रुख का संकेत है। एजेंसी अब इस नेटवर्क से जुड़े अन्य संदिग्धों और अघोषित संपत्तियों की जांच में जुटी है।

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