RG Kar Case: ममता को HC से बड़ा झटका, डॉक्टर रेप-हत्या मामले में अदालत ने क्या कहा?

RG Kar Case: ममता को HC से बड़ा झटका, डॉक्टर रेप-हत्या मामले में अदालत ने क्या कहा?
Last Updated: 2 घंटा पहले

सियालदह कोर्ट ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज की ट्रेनी महिला डॉक्टर के रेप-हत्या मामले में दोषी संजय राय को उम्रकैद की सजा दी। भाजपा ने बंगाल सरकार पर सवाल उठाए।

RG Kar Case: कलकत्ता हाईकोर्ट ने बुधवार को आरजी कर अस्पताल में प्रशिक्षु महिला चिकित्सक के साथ दुष्कर्म और हत्या के मामले में निचली अदालत द्वारा सुनाई गई सजा को अपर्याप्त बताने वाली बंगाल सरकार की अपील को स्वीकार करने से पहले सीबीआई, पीड़िता के परिवार और दोषी का पक्ष सुनने का निर्णय लिया है। इस मामले की अगली सुनवाई 27 जनवरी को होगी।

राज्य सरकार की अपील पर हाईकोर्ट का फैसला

हाईकोर्ट ने कहा कि वह राज्य सरकार की अपील पर सुनवाई करने से पहले सीबीआई, पीड़िता के परिवार और दोषी के वकील से उनकी दलीलें सुनेगा। राज्य के महाधिवक्ता किशोर दत्ता ने दोषी संजय राय के लिए मृत्युदंड की मांग की और कहा कि उसे आजीवन कारावास की सजा अपर्याप्त है। दत्ता ने अदालत से अपील स्वीकार करने का अनुरोध करते हुए दावा किया कि अभियोजन एजेंसी, पीड़ित परिवार और दोषी के अलावा राज्य भी सजा की अवधि को चुनौती दे सकता है।

सीबीआई का विरोध

सीबीआई ने राज्य सरकार की दलील का विरोध करते हुए कहा कि पश्चिम बंगाल सरकार को 'अपर्याप्तता के आधार' पर निचली अदालत के आदेश के खिलाफ अपील करने का अधिकार नहीं है। सीबीआई की ओर से पेश उप-सॉलिसिटर जनरल राजदीप मजूमदार ने कहा कि सीबीआई ने निचली अदालत के समक्ष राय को मृत्युदंड देने का अनुरोध किया था।

दुष्कर्म-हत्या के मामले में दोषी को उम्रकैद

सियालदह की अदालत ने आरजी कर मेडिकल कालेज एवं अस्पताल में ड्यूटी पर मौजूद चिकित्सक के साथ 9 अगस्त 2024 को दुष्कर्म और हत्या के मामले में दोषी संजय राय को उम्रभर के लिए कारावास की सजा सुनाई थी। इस फैसले के बाद भाजपा नेताओं ने बंगाल सरकार पर सवाल उठाए और राज्य सरकार को उच्च न्यायालय में अपील करने की आवश्यकता बताई।

13 अगस्त 2024 को, कलकत्ता हाईकोर्ट ने इस मामले की जांच को कोलकाता पुलिस से सीबीआई को स्थानांतरित करने का आदेश दिया था, जिसके बाद सीबीआई ने मामले की जांच शुरू की।

भाजपा का ममता सरकार पर हमला

इस फैसले के बाद भाजपा नेताओं ने ममता सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि राज्य सरकार अपने राजनीतिक फायदे के लिए इस मामले को खींचने की कोशिश कर रही है। भाजपा नेता अर्जुन सिंह ने कहा कि निचली अदालतों में कोई आदेश नहीं आता, बल्कि राज्य सचिव का फोन आता है और सरकारी अभियोक्ता बेगुनाह लोगों को जबरन जेल में रखते हैं।

राजनीतिक दलों के आरोपों और सवालों के बीच इस मामले की कानूनी प्रक्रिया जारी रहेगी, और हाईकोर्ट 27 जनवरी को मामले की अगली सुनवाई करेगा।

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