रतन टाटा की कुल संपत्ति, जानें उनकी नेट वर्थ और कंपनियों की संख्या

रतन टाटा की कुल संपत्ति, जानें उनकी नेट वर्थ और कंपनियों की संख्या
Last Updated: 10 अक्टूबर 2024

टाटा ग्रुप के पूर्व चेयरमैन रतन टाटा का निधन कल रात हो गया। वे नमक से लेकर सॉफ्टवेयर कंपनियों तक कई प्रतिष्ठानों के मालिक थे। हालांकि, उन्होंने कभी भी फैंसी अरबपतियों की सूची में शामिल होने की इच्छा नहीं दिखाई। उन्हें एक परोपकारी व्यक्तित्व के रूप में जाना जाता है, जिन्होंने शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में कई सराहनीय कार्य किए हैं, जिसके लिए वे हमेशा याद किए जाएंगे।

नई दिल्ली: Ratan Tata Death अपनी विनम्रता के लिए प्रसिद्ध टाटा ग्रुप के पूर्व चेयरमैन रतन टाटा का बुधवार रात निधन हो गया। 86 साल की उम्र में उन्होंने अंतिम सांस ली, जिससे भारत को एक अपूरणीय क्षति हुई है। हाल ही में उम्र संबंधी बीमारियों के कारण उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। रतन टाटा के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित कई प्रमुख नेताओं ने शोक व्यक्त किया है और उन्हें भावपूर्ण श्रद्धांजलि दी है।

रतन टाटा की व्यावसायिक विरासत

टाटा ग्रुप के पूर्व चेयरमैन रतन टाटा कभी भी विश्व के सबसे प्रभावशाली अरबपतियों की सूची में नहीं आए, हालाँकि उनका व्यापार नमक, स्टील, ऑटोमोबाइल, सॉफ्टवेयर और एयरलाइंस वे 30 से अधिक कंपनियों के मालिक थे, और उनका व्यापार 100 से अधिक देशों में फैला हुआ था। रतन टाटा का सादा जीवन जीने का सिद्धांत उनकी विनम्रता और परोपकारिता को स्पष्ट रूप से दर्शाता है।

रतन टाटा की नेट वर्थ: 3,800 करोड़ रुपये और परोपकारी दृष्टिकोण

आईआईएफएल वेल्थ हुरुन इंडिया रिच लिस्ट 2022 के अनुसार, टाटा ग्रुप के पूर्व चेयरमैन रतन टाटा की कुल संपत्ति 3,800 करोड़ रुपये आंकी गई थी, जिससे वे इस लिस्ट में 421वें स्थान पर हैं। रतन टाटा ने अपनी संपत्ति का बड़ा हिस्सा टाटा ट्रस्ट को दान किया था, और टाटा संस में उनकी हिस्सेदारी दो तिहाई थी। इसके अलावा, टाटा संस के डिविडेंड से आने वाले पैसे का 60 प्रतिशत हिस्सा धर्मार्थ कार्यों में लगाया जाता था।

धर्मार्थ कार्यों में लगाता था कमाई का बड़ा हिस्सा

टाटा ग्रुप द्वारा स्थापित टाटा ट्रस्ट ने देश के विभिन्न राज्यों में 10 कैंसर अस्पतालों का निर्माण किया है, जिनमें असम, झारखंड और आंध्र प्रदेश शामिल हैं। ये अस्पताल आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को कैंसर का मुफ्त इलाज प्रदान करने के लिए समर्पित हैं, जो अपनी स्वास्थ्य सेवाओं का खर्च उठाने में असमर्थ हैं। रतन टाटा ने अपनी कमाई का बड़ा हिस्सा ऐसे धर्मार्थ कार्यों में लगाने का प्रण लिया था, जिससे समाज की भलाई को प्राथमिकता मिली।

रतन टाटा की सैलरी: सालाना 2.5 करोड़ रुपये

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, रतन टाटा को हर साल 2.5 करोड़ रुपये (लगभग $300,000) का वेतन मिलता था, जो व्यवसाय में शामिल अन्य शीर्ष पदाधिकारियों की तुलना में कम है। उनकी इस आय में टाटा संस में उनकी हिस्सेदारी से मिलने वाला डिविडेंड भी शामिल है। रतन टाटा ने हमेशा अपने सादा जीवन और परोपकारी दृष्टिकोण को प्राथमिकता दी, जो उनके वेतन और संपत्ति के प्रबंधन को दर्शाता है।

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