Tahawwur Rana Extradition: 26/11 हमले का आरोपी तहव्वुर राणा फिर खेल रहा कानूनी दांव, भारत प्रत्यर्पण रोकने की नई कोशिश

Tahawwur Rana Extradition: 26/11 हमले का आरोपी तहव्वुर राणा फिर खेल रहा कानूनी दांव, भारत प्रत्यर्पण रोकने की नई कोशिश
अंतिम अपडेट: 07-03-2025

मुंबई हमलों के आरोपी तहव्वुर राणा ने एक बार फिर भारत प्रत्यर्पण से बचने के लिए कानूनी लड़ाई तेज कर दी है। अमेरिका की सर्वोच्च अदालत द्वारा उसकी याचिका खारिज किए जाने के बावजूद, अब उसने मुख्य न्यायाधीश जॉन रॉबर्ट्स के समक्ष नई अर्जी दाखिल कर दी हैं।

नई दिल्ली: मुंबई हमलों के आरोपी तहव्वुर राणा ने एक बार फिर भारत प्रत्यर्पण से बचने के लिए कानूनी लड़ाई तेज कर दी है। अमेरिका की सर्वोच्च अदालत द्वारा उसकी याचिका खारिज किए जाने के बावजूद, अब उसने मुख्य न्यायाधीश जॉन रॉबर्ट्स के समक्ष नई अर्जी दाखिल कर दी है। 64 वर्षीय पाकिस्तानी मूल के कनाडाई नागरिक राणा को वर्तमान में लॉस एंजिलिस के मेट्रोपॉलिटन डिटेंशन सेंटर में रखा गया हैं।

प्रत्यर्पण रोकने के लिए लगातार प्रयास

राणा ने पहले एसोसिएट जस्टिस एलेना कागन के सामने एक आपातकालीन याचिका दायर की थी, जिसमें उसने अपने प्रत्यर्पण को रोकने की मांग की थी। हालांकि, शीर्ष अदालत ने छह मार्च को इसे अस्वीकार कर दिया। अब, उसने अपनी अर्जी को संशोधित कर इसे अमेरिका के मुख्य न्यायाधीश के समक्ष प्रस्तुत करने की मांग की हैं।

भारत प्रत्यर्पण के खिलाफ दलीलें

राणा के वकीलों का तर्क है कि यदि उसे भारत भेजा जाता है, तो उसके मानवाधिकारों का उल्लंघन होगा। उसकी याचिका में कहा गया है कि भारत में उसे यातना दिए जाने की आशंका है और उसकी गंभीर चिकित्सीय स्थिति को देखते हुए यह उसके लिए "मौत की सजा" के समान होगा। इसके अलावा, उसने अमेरिका के कानून और संयुक्त राष्ट्र यातना विरोधी संधि का हवाला देते हुए दावा किया कि उसका प्रत्यर्पण अवैध होगा।

अमेरिकी अदालतें लगातार कर रही याचिका खारिज

जनवरी में अमेरिका के सुप्रीम कोर्ट ने तहव्वुर राणा की याचिका खारिज करते हुए उसके भारत प्रत्यर्पण को हरी झंडी दे दी थी। इससे पहले, डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने भी उसके प्रत्यर्पण को मंजूरी दी थी। अब जब उसके सभी कानूनी विकल्प खत्म हो रहे हैं, तो उसने एक बार फिर कानूनी दांव चलते हुए अमेरिका के मुख्य न्यायाधीश से हस्तक्षेप की मांग की हैं।

भारत प्रत्यर्पण की संभावना फिर हुई मजबूत

अमेरिका की अदालतों द्वारा बार-बार याचिका खारिज किए जाने से यह साफ हो रहा है कि तहव्वुर राणा का भारत प्रत्यर्पण लगभग तय है। हालांकि, उसकी यह नई याचिका प्रत्यर्पण प्रक्रिया में कुछ समय की देरी जरूर कर सकती है, लेकिन इससे बचना उसके लिए मुश्किल होता जा रहा है। यदि उसकी यह अर्जी भी खारिज होती है, तो अमेरिका जल्द ही उसे भारत के हवाले कर सकता है, जहां उसे 26/11 के मामले में मुकदमे का सामना करना पड़ेगा।

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