Uniform Civil Code: समान नागरिक संहिता नियमावली का बना ड्राफ्ट, इसका उल्लंघन करने पर एक लाख जुर्माना और तीन साल की जेल, जानें 13 प्रमुख बातें

Uniform Civil Code: समान नागरिक संहिता नियमावली का बना ड्राफ्ट, इसका उल्लंघन करने पर एक लाख जुर्माना और तीन साल की जेल, जानें 13 प्रमुख बातें
Last Updated: 19 अक्टूबर 2024

 

समान नागरिक संहिता (यूसीसी) के नियमों को लागू करने की प्रक्रिया तेजी से आगे बढ़ रही है। शुक्रवार को तैयार हुए ड्राफ्ट पर अब मंत्रिमंडल चर्चा करेगा, जिसके बाद इसे मंजूरी दी जाएगी। यूसीसी के लागू होने पर यदि किसी व्यक्ति द्वारा गलत या झूठी सूचना दी जाती है, तो उन्हें गंभीर दंड का सामना करना पड़ सकता हैं।

देहरादून: यह प्रावधान समान नागरिक संहिता (यूसीसी) के तहत विवाह, लिव इन रिलेशनशिप, और विवाह विच्छेद से संबंधित सूचनाओं की सटीकता सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण हैं। यूसीसी के लागू होने के बाद, यदि कोई व्यक्ति विवाह के पंजीकरण या अन्य संबंधित प्रक्रियाओं में गलत या झूठी सूचना देता है, तो उसे दंडित किया जाएगा। इन अपराधों के लिए दंड तीन से छह महीने की जेल, 25,000 रुपये का जुर्माना, या दोनों हो सकते हैं।

इसके अतिरिक्त, संबंध विच्छेद या तलाक की प्रक्रियाओं के दौरान दुष्कर्म और अप्राकृतिक यौन हिंसा के मामलों को भी गंभीरता से लिया गया है। ऐसे मामलों में दंड 50,000 रुपये से एक लाख रुपये तक का जुर्माना और छह महीने से साढ़े तीन साल तक की कारावास की सजा हो सकती हैं।

यूसीसी के नियमों को लेकर समिति को सौंपी रिपोर्ट

समान नागरिक संहिता (यूसीसी) के लिए प्रस्तावित नियमावली में उल्लंघनों के प्रकरणों को अपराध घोषित करने की प्रक्रिया और संबंधित विभागों एवं न्यायालयों को संदर्भित किए जाने वाले मामलों से संबंधित स्पष्ट नियम बनाए गए हैं। यूसीसी के लिए गठित विशेषज्ञ समिति ने अपनी रिपोर्ट को चार खंडों में सरकार को सौंपी, जो पिछले जुलाई में ऑनलाइन जनता के लिए उपलब्ध कराई गई थी।

यह रिपोर्ट यूसीसी कानून के निर्माण का आधार बनी है, और इसके आधार पर शुक्रवार को नियमावली का ड्राफ्ट तैयार किया गया है। अब इस ड्राफ्ट पर मंत्रिमंडल चर्चा करेगा, जिसके बाद इसे औपचारिक मंजूरी दी जाएगी। यह प्रक्रिया यह सुनिश्चित करेगी कि यूसीसी के अंतर्गत नियमों का पालन किया जाए और कानूनों का उल्लंघन करने वाले व्यक्तियों को दंडित किया जा सके।

समान नागरिक संहिता नियमावली की प्रमुख बातें

1. विवाह पंजीकरण:

* सूचना न देने या ढुलमुल रवैया अपनाने पर सब रजिस्ट्रार पर 10,000 रुपये तक जुर्माना लगाया जा सकेगा।

* गलत या झूठी सूचना देने पर तीन महीने का कारावास, 25,000 रुपये जुर्माना, या दोनों सजा हो सकती है।

* सब रजिस्ट्रार पर पंजीकरण में लापरवाही के लिए 25,000 रुपये का जुर्माना लगाया जा सकेगा।

2. लिव-इन रिलेशनशिप:

* पंजीकरण कराने में कन्नी काटने पर तीन महीने का कारावास या 10,000 रुपये जुर्माना हो सकता है।

* गलत या झूठी सूचना देने पर 25,000 रुपये का जुर्माना होगा।

* नोटिस मिलने के बाद कन्नी काटने पर लिव-इन रिलेशन को अपराध घोषित किया जा सकता है, जिससे छह महीने का कारावास या 25,000 रुपये जुर्माना  लगाया जा सकेगा।

3. विवाह और विवाह विच्छेद के नियम:

* विवाह और विवाह विच्छेद के नियमों के उल्लंघन पर कारावास और जुर्माना दोनों का प्रावधान है।

* एक से अधिक पत्नी रखने को अपराध माना जाएगा।

* विवाह विच्छेद और बहु पत्नी के मामलों में तीन साल का कारावास और एक लाख रुपये जुर्माना हो सकता है।

* जुर्माना न चुकाने पर कारावास की अवधि छह महीने तक बढ़ाई जा सकती हैं।

4. अंतिम निर्णय:

* नियमावली पर अंतिम निर्णय मंत्रिमंडल को लेना हैं।

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