मेरठ में शिक्षिका सुजाता यादव की छुट्टियों के मामले में जांच के दौरान खुलासा हुआ है कि उन्होंने 2920 दिनों में से अधिकांश दिन छुट्टी ली थी, जो स्कूल की अवकाश नियमावली के विपरीत है। जांच में यह भी सामने आया कि तत्कालीन प्रधानाध्यापक धर्म सिंह ने उनकी अनुपस्थिति को लगातार स्वीकार किया। जब यह मामला मीडिया में आया, तो जांच बिठाई गई और आरोपों को सही पाया गया
Meerut: मेरठ के परीक्षितगढ़ के प्राथमिक विद्यालय साहनी से एक मामला सामने आया है, जहां शिक्षिका सुजाता यादव ने 2,920 दिनों में से केवल 759 दिन ही स्कूल में उपस्थिति दर्ज कराई, जबकि उनकी हाजिरी रजिस्टर में लगातार उपस्थिति दिखाई गई।
शिक्षिका, सुजाता यादव, ने पिछले 2920 दिनों में केवल 759 दिन स्कूल में हाजिर होने की जानकारी दी, जबकि अटेंडेंस रजिस्टर में उनकी उपस्थिति पूरी दर्ज की गई थी। जब इस मामले की शिकायत आई, तो जांच में शिक्षिका दोषी पाई गई। इसके बाद, मेरठ की बेसिक शिक्षा अधिकारी ने उसे निलंबित कर दिया है। शिक्षिका, सुजाता यादव, ने पिछले 2920 दिनों में केवल 759 दिन स्कूल में हाजिर होने की जानकारी दी, जबकि अटेंडेंस रजिस्टर में उनकी उपस्थिति पूरी दर्ज की गई थी। जब इस मामले की शिकायत आई, तो जांच में शिक्षिका दोषी पाई गई। इसके बाद, मेरठ की बेसिक शिक्षा अधिकारी ने उसे निलंबित कर दिया है।
स्कूल के हेड मास्टर को किया निलंबित
इस मामले में जानकारी छुपाने के आरोप में स्कूल के हेड मास्टर, धर्म सिंह, को भी निलंबित किया गया है। शिक्षिका सुजाता यादव के लंबे समय तक अनुपस्थित रहने के बावजूद हेड मास्टर ने उनकी अनुपस्थिति को गंभीरता से नहीं लिया, जिससे स्कूल के कार्यों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा।
एक शिक्षक ने बताया कि सुजाता यादव की अनुपस्थिति के कारण बच्चों की पढ़ाई भी प्रभावित हुई थी, लेकिन प्रधानाध्यापक ने कभी इस मुद्दे पर ध्यान नहीं दिया। इस घटना के बाद स्कूल के शिक्षकों और कर्मचारियों में हड़कंप मच गया है।
6 साल से स्कूल से गायब रही शिक्षिका
इस मामले में सुजाता यादव, जो मेरठ के परीक्षितगढ़ के प्राथमिक विद्यालय साहनी की शिक्षिका हैं, ने लगभग 2920 दिनों में से केवल 759 दिन स्कूल में हाजिर रहकर भी सैलरी नियमित रूप से प्राप्त की। अटेंडेंस रजिस्टर में उनकी उपस्थिति पूरी दिखाई गई, जबकि वास्तविकता में वह स्कूल नहीं आ रहीं थीं। जब यह मामला बीएसए आशा चौधरी के संज्ञान में आया, तो उन्होंने जांच के आदेश दिए। जांच के बाद सुजाता को दोषी पाया गया और निलंबित कर दिया गया।
दोषी शिक्षिका को किया सस्पेंड
बीएसए आशा चौधरी ने बताया कि सुजाता यादव की लगातार अनुपस्थिति के कारण स्कूल के बच्चों की शिक्षा प्रभावित हुई। उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों में कड़ी कार्रवाई की जाएगी ताकि शिक्षा व्यवस्था में सुधार हो सके। इस मामले में शिकायत मिलने के बाद त्रिस्तरीय जांच कमेटी का गठन किया गया था, जिसकी रिपोर्ट में सुजाता को स्वीकृत सीमा से अधिक अवकाश लेने के लिए दोषी पाया गया। उनके साथ-साथ तत्कालीन हेड मास्टर धर्म सिंह को भी सस्पेंड किया गया, क्योंकि उन्होंने तथ्यों को छिपाया था।