UPRERA Update: उत्तर प्रदेश रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (UP RERA) ने रियल एस्टेट मार्केट में पारदर्शिता लाने के लिए 5 नए आदेश जारी किए हैं। इन आदेशों के तहत, अगर डेवलपर्स नए नियमों का उल्लंघन करते हैं, तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा सकती है। इस लेख में हम आपको RERA द्वारा जारी आदेशों के बारे में विस्तार से बताएंगे। पढ़ें पूरी खबर...
नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (UPRERA) ने हाल ही में 5 नए आदेश जारी किए हैं जिनका सीधा असर सभी घर खरीदारों और रियल एस्टेट कंपनियों पर पड़ेगा। अगर आप भी उत्तर प्रदेश में घर या कोई प्रॉपर्टी खरीदने का प्लान बना रहे हैं तो यह खबर आपके लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। आइए हम आपको UPRERA द्वारा जारी किए गए इन पाँच अहम आदेशों के बारे में विस्तार से बताते हैं...
जारी करें विशेष यूनिक क्यूआर कोड
रियल एस्टेट मार्केट में पारदर्शिता लाने के लिए UPRERA ने आदेश जारी किया है कि डेवलपर्स को नए प्रोजेक्ट के रजिस्ट्रेशन के लिए पहले एक यूनिक क्यूआर कोड जारी करना होगा। इसके बाद, प्रमोटरों को इस क्यूआर कोड को अपने ब्रोशर और विज्ञापनों में प्रकाशित करना अनिवार्य होगा।
सभी सुविधाएं मिलने के बाद फ्लैट किए जाएंगे सौंपे
यूपीरेरा ने एक स्पष्ट आदेश जारी करते हुए कहा है कि डेवलपर्स सेल्स एग्रीमेंट में बताई गई सुविधाओं के पूरा होने के बाद ही ग्राहकों को फ्लैट दे सकते हैं। अक्सर देखा गया है कि डेवलपर्स फ्लैट देने से पहले सभी सुविधाएं पूरी नहीं करते हैं, जो कि पूरी तरह से गलत है। यूपीरेरा के इस आदेश के बाद, अब डेवलपर्स को सेल्स एग्रीमेंट में सभी नियमों और शर्तों को स्पष्ट रूप से शामिल करना होगा।
अगर कोई डेवलपर फिर भी इन नियमों का उल्लंघन करता है तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। यह आदेश उन सभी ग्राहकों के लिए एक बड़ी राहत है जिन्होंने फ्लैट खरीदे हैं लेकिन सुविधाओं के बिना ही उन्हें दिया गया है। अब ग्राहक अधिक सुरक्षित महसूस करेंगे और यह सुनिश्चित हो सकेगा कि उन्हें वादा किए गए सभी सुविधाओं के साथ फ्लैट मिलेगा।
निलंबित सूची में डालने की चेतावनी दी गई
UPRERA ने होम बायर्स के हितों की रक्षा के लिए आदेश जारी किया है कि रियल एस्टेट प्रमोटर अपने पोर्टल में लैंडमार्क और मैप अपलोड करेंगे। अगर वे ऐसा नहीं करते हैं, तो उनका नाम "निलंबित" सूची में डाला जा सकता है। हालाँकि, UPRERA ने यह चेतावनी केवल 400 ग्रुप हाउसिंग प्रोजेक्ट्स को दी है।
खरीद-बिक्री केवल नियामक के माध्यम से होगी
UPRERA के आदेश के अनुसार, रियल एस्टेट प्रोजेक्ट की खरीद और बिक्री केवल नियामक और उनके साथ के पंजीकृत एजेंटों के माध्यम से होगी। इसका मतलब यह है कि किसी भी व्यक्ति को प्रोजेक्ट को खरीदने और बेचने का अधिकार नहीं होगा।
कई प्रोजेक्ट्स ने फिर से शुरू की प्रक्रिया
उत्तर प्रदेश नियामक प्राधिकरण ने 10,000 यूनिट के अटके हुए आवास परियोजनाओं को दोबारा शुरू करने की घोषणा की है। इसके साथ ही, 2,000 करोड़ रुपये के मूल्य के 17 आवास परियोजनाओं को भी हरी झंडी दिखाई गई है। ये परियोजनाएं लोन डिफॉल्ट, प्रमोटर्स के दिवालियापन और अन्य कारणों से पिछले कई वर्षों से अटकी हुई थीं।
इस निर्णय से हजारों लोगों को राहत मिलेगी जिन्होंने इन परियोजनाओं में निवेश किया था। नियामक प्राधिकरण द्वारा किए गए इस कदम से राज्य में रियल एस्टेट सेक्टर को भी बढ़ावा मिलेगा और नए रोजगार के अवसर पैदा होंगे। यह निर्णय उत्तर प्रदेश सरकार की आवास क्षेत्र में सुधार लाने की प्रतिबद्धता का प्रमाण है।