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Uttarakhand Nikay Election: कांग्रेस की नई रणनीति, महापौर पद के लिए पूर्व विधायकों पर फोकस, जानिए पूरी जानकारी

Uttarakhand Nikay Election: कांग्रेस की नई रणनीति, महापौर पद के लिए पूर्व विधायकों पर फोकस, जानिए पूरी जानकारी
अंतिम अपडेट: 19-12-2024

उत्तराखंड नगर निकाय चुनावों में कांग्रेस महापौर पदों के लिए पूर्व विधायकों और विधानसभा उम्मीदवारों पर दांव लगाने की योजना बना रही है। पार्टी इन चुनावों को आगामी विधानसभा चुनावों का सेमीफाइनल मानकर रणनीति तैयार कर रही है।

Uttarakhand: उत्तराखंड नगर निकाय चुनाव के लिए कांग्रेस सशक्त और जिताऊ प्रत्याशियों की खोज में है। पार्टी ने महापौर पदों पर पूर्व विधायकों और विधानसभा चुनाव के प्रत्याशियों को मैदान में उतारने की योजना बनाई है। अंतिम निर्णय जिला पर्यवेक्षकों की रिपोर्ट के बाद लिया जाएगा, जो 25 दिसंबर तक सौंपे जाने की संभावना है।

आरक्षण अधिसूचना के बाद स्थिति होगी स्पष्ट

प्रदेश में ओबीसी आरक्षण की अनंतिम अधिसूचना जारी हो चुकी है। सात दिन के भीतर आपत्तियों का निराकरण होने के बाद अंतिम अधिसूचना जारी की जाएगी। इसके बाद 102 नगर निकायों में चुनाव होंगे, जिनमें 11 नगर निगम, 43 नगर पालिका परिषद और 46 नगर पंचायतें शामिल हैं।

शहरी क्षेत्रों में कांग्रेस की रणनीति

कांग्रेस इन चुनावों को अगले विधानसभा चुनाव का सेमीफाइनल मानकर अपनी रणनीति बना रही है। पार्टी विशेष रूप से शहरी मतदाताओं पर अपनी पकड़ मजबूत करना चाहती है। पिछली बार कांग्रेस के पास केवल दो नगर निगम थे, लेकिन इस बार पार्टी अधिक निगमों में जीत का लक्ष्य लेकर चल रही है।

सत्तारूढ़ भाजपा के गढ़ में सेंध की तैयारी

प्रदेश के अधिकांश शहरी निकायों में भाजपा का दबदबा है। कांग्रेस के सामने चुनौती इन क्षेत्रों में सेंध लगाने की है। पार्टी दमदार और जिताऊ प्रत्याशियों के माध्यम से यह लक्ष्य हासिल करना चाहती है। इसके लिए जिलेवार पर्यवेक्षकों को नियुक्त किया गया है, जो अपनी रिपोर्ट पार्टी को सौंपेंगे।

हाईकमान की निगाहें निकाय चुनाव पर

कांग्रेस हाईकमान ने इन चुनावों को लेकर बेहतर प्रदर्शन की अपेक्षा जताई है। पार्टी के सह प्रभारी सुरेंद्र शर्मा 23 दिसंबर के बाद से निकाय चुनाव तक उत्तराखंड में रहकर चुनाव तैयारियों का जायजा लेंगे।

पर्यवेक्षकों की रिपोर्ट पर आधारित होगा निर्णय

जिला पर्यवेक्षक ओबीसी आरक्षण की अंतिम अधिसूचना जारी होने के बाद अपनी रिपोर्ट प्रदेश संगठन को सौंपेंगे। इसके बाद प्रदेश के वरिष्ठ नेताओं और समन्वय समिति की बैठक में प्रत्याशियों के चयन पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा। 

कांग्रेस उपाध्यक्ष का बयान

प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष मथुरादत्त जोशी ने बताया कि अंतिम अधिसूचना के बाद पर्यवेक्षकों की रिपोर्ट से प्राप्त इनपुट के आधार पर प्रत्याशियों का चयन किया जाएगा। पार्टी शहरी निकाय चुनावों को गंभीरता से लेते हुए हर संभव प्रयास में जुटी हुई है।

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