वक्फ संशोधन अधिनियम पर बनी जेपीसी में आज तीखी बहस हुई। विपक्षी सांसदों का आरोप है कि बीजेपी सांसद बोल रहे हैं, जबकि बीजेपी सांसदों का कहना है उन्हें बोलने नहीं दिया गया।
Waqf-bill: वक्फ संशोधन अधिनियम को लेकर बनाई गई संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) में आज जोरदार हंगामा हुआ। बीजेपी और विपक्षी सांसदों के बीच तीखी बहस और आरोप-प्रत्यारोप देखने को मिले। इस दौरान बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने कहा, “मैंने विपक्ष को कभी नहीं रोका, लेकिन मुझे कभी भी मीटिंग में बोलने का मौका नहीं दिया गया। आज जिस तरह से बदतमीजी की गई, वह स्वीकार नहीं है।”
तृणमूल सांसद का आरोप
वहीं, तृणमूल पार्टी के सांसद कल्याण बनर्जी ने बीजेपी सांसदों पर हमला बोलते हुए कहा, “बीजेपी सांसद जो मन में आ रहा है, वह बोल रहे हैं।” सूत्रों के मुताबिक, जेपीसी के विपक्षी सदस्य इस बात पर सवाल उठा रहे थे कि एड-हॉक मीटिंग क्यों बुलाई जा रही है। सभी सदस्य 27 तारीख को होने वाली मीटिंग में भाग लेंगे।
बीजेपी सांसद का जवाब
बीजेपी सांसद राधामोहन अग्रवाल ने भी अपने बयान में कहा, “यह बहुत दुखद है कि INDI (INDIA) गठबंधन के सभी सदस्य कश्मीर के सामाजिक और धार्मिक प्रतिनिधियों को बोलने नहीं दे रहे थे। इसके बाद, संयुक्त संसदीय समिति ने इन सदस्यों को सस्पेंड कर जम्मू-कश्मीर के प्रतिनिधियों को सुना।”
समिति ने मांगी जानकारी
पिछले महीने, वक्फ संशोधन विधेयक की समीक्षा कर रही एक संसदीय समिति ने कर्नाटक, राजस्थान और मध्य प्रदेश द्वारा वक्फ संपत्तियों की स्थिति पर दिए गए जवाबों को असंतोषजनक बताया। समिति के अध्यक्ष और भाजपा सांसद जगदंबिका पाल ने कहा था कि इन राज्यों के प्रतिनिधियों को जवाब प्रस्तुत करने के लिए 15 दिन का समय दिया गया है, और जरूरत पड़ने पर उन्हें फिर से बुलाया जाएगा।
विधेयक पर विवाद
वक्फ संशोधन विधेयक पर विपक्षी दलों ने आपत्ति जताई है। 8 अगस्त को जब यह विधेयक लोकसभा में पेश हुआ, तो विपक्ष ने इसे मुस्लिम समुदाय के धार्मिक अधिकारों का उल्लंघन बताया। वहीं, सत्तारूढ़ भाजपा का कहना है कि यह संशोधन वक्फ बोर्ड की कार्यप्रणाली में पारदर्शिता लाएंगे और उन्हें अधिक जिम्मेदार बनाएंगे।