पाकिस्तान से अपनी पुरानी दुश्मनी को भुलाकर, बांग्लादेश अब उससे एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल खरीद रहा है। इस हथियार का नाम "बक्तार शिकन" है। यह मिसाइल वास्तव में चीनी एटीजीएम की नकल है, जिसे पाकिस्तान अपने देश में लाइसेंस के तहत बनाता है। आइए जानते हैं इस मिसाइल की विशेषताओं और ताकत के बारे में...
Baktar Shikan ATGM: जन्मजात शत्रुता को पीछे छोड़ते हुए, बांग्लादेश अब पाकिस्तान के साथ हथियारों की खरीददारी करने की दिशा में बढ़ रहा है। बांग्लादेश ने उन दुखद दिनों को भुला दिया है जब पाकिस्तान ने उस पर बर्बरता की थी और लाखों बांग्लादेशियों की जानें ली थीं। वर्तमान में, बांग्लादेश की सेना पाकिस्तान से बक्तार शिकन एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल (Baktar Shikan ATGM) की खरीदारी की योजना बना रही है।
ATGM से मिलेंगे बांग्लादेश को लाभ
हाल ही में बांग्लादेश ने पाकिस्तान ऑर्डिनेंस फैक्ट्री से आर्टिलरी एम्यूनिशन और एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल (एटीजीएम) का आदेश दिया है। आइए जानते हैं कि इस मिसाइल प्रणाली से बांग्लादेश की सेना को किस प्रकार के लाभ मिलने वाले हैं। वे इन हथियारों का उपयोग कहां और किस प्रकार से कर सकते हैं?क्या इससे भारत के लिए कोई चिंता का विषय है? वास्तव में, पाकिस्तान की एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल बक्तार शिकन, देखने में चीन के नॉर्निको HJ-8 यानी हॉन्ग जैन 8 के समान है।
माना जाता है कि पाकिस्तान ने इसे चीन से लाइसेंस प्राप्त करके अपने देश में निर्मित किया है और इसका नाम बदलकर रखा है। यह मिसाइल अपने लक्ष्य को ऑप्टिकल लक्ष्यमीकरण और इन्फ्रारेड ट्रैकिंग के माध्यम से सटीकता से हिट करती है।
ट्राईपॉड का उपयोग करके मिसाइलें दागी जाती
इसे दूर से नियंत्रित किया जा सकता है। इसके अलावा, तार के माध्यम से भेजे जाने वाले गाइडेंस सिग्नल के जरिए भी लक्ष्य तक पहुँचाया जा सकता है। इस पूरे सिस्टम का वजन 250 किलोग्राम है, और इसे ट्राईपॉड पर स्थापित किया जाता है। यह कंधे पर रखकर दागने के लिए डिज़ाइन नहीं किया गया है। इसकी लंबाई 5.13 फीट और व्यास 4.72 इंच है।
हथियार विशेष रूप से टैंकों के लिए किया गया डिज़ाइन
इस मिसाइल लॉन्चर से दागी जाने वाली मिसाइल में आमतौर पर HEAT वॉरहेड लगाया जाता है, जिसका मतलब है हाई-एक्सप्लोसिव एंटी-टैंक हथियार। यह किसी भी टैंक से टकराने पर उसे पूरी तरह तबाह कर देता है, विस्फोट के साथ आग लगा देता है। इस स्थिति में दुश्मन के सैनिक टैंक के अंदर ही जलकर खाक हो जाते हैं, और टैंक पूरी तरह से नष्ट हो जाता है।
बांग्लादेशी सेना के पास इस हथियार के होने से भारतीय सीमा पर थोड़ी समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं, लेकिन इसका प्रभाव अधिक नहीं होगा। कारण यह है कि भारतीय सेना के पास हल्की, सटीक, तेज़ और विभिन्न प्रकार की एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइलें मौजूद हैं, जो इन हथियारों को बेकार कर देंगी।