बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय ने अपने पांच राजदूतों को वापस ढाका बुलाने का निर्णय लिया है। ये राजदूत भारत, ऑस्ट्रेलिया, बेल्जियम, पुर्तगाल और संयुक्त राष्ट्र में बांग्लादेश के प्रतिनिधि थे। इस कदम के पीछे संभावित राजनीतिक या कूटनीतिक कारण हो सकते हैं, लेकिन मंत्रालय की ओर से अभी तक इस फैसले का आधिकारिक कारण स्पष्ट नहीं किया गया हैं।
ढाका: बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने अपने राजदूतों को वापस बुलाने का निर्णय लिया है, जिसमें भारत, ऑस्ट्रेलिया, बेल्जियम, पुर्तगाल और संयुक्त राष्ट्र शामिल हैं। यह कदम विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि शेख हसीना के प्रधानमंत्री पद से हटने के बाद बांग्लादेश और भारत के बीच संबंधों में तनाव बढ़ा है।बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय के कुछ अधिकारियों का मानना है कि यह प्रशासनिक निर्णय देश की विदेश नीति के लिए सकारात्मक संकेत नहीं है। उन्हें चिंता है कि जिन राजदूतों को वापस बुलाया गया है, उनमें से कई राजनीतिक नियुक्तियां नहीं थीं, जिससे यह संकेत मिलता है कि वर्तमान प्रशासन अपने कूटनीतिक दृष्टिकोण में बदलाव कर रहा हैं।
बांग्लादेश ने जिन पांच राजदूतों को वापस बुलाने का निर्णय लिया है, उनमें भारत में उच्चायुक्त मुस्तफिजुर रहमान के साथ न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र के स्थायी प्रतिनिधि और ऑस्ट्रेलिया, बेल्जियम और पुर्तगाल में बांग्लादेश के राजदूत शामिल हैं। यह ध्यान देने योग्य है कि जिन राजदूतों को वापस बुलाया गया है, वे सभी आने वाले महीनों में रिटायर होने वाले थे, जिसमें रहमान भी शामिल हैं। इस निर्णय के पीछे की मंशा और अगले कदमों को लेकर कुछ अनिश्चितताएं हैं, खासकर जब बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय के अधिकारियों का मानना है कि यह निर्णय देश की विदेश नीति के लिए सकारात्मक नहीं हैं।
यूनुस सरकार के फैसलों से नाखुश है भारत
बांग्लादेश में हाल के विरोध प्रदर्शनों ने राजनीतिक स्थिति में महत्वपूर्ण बदलाव लाया है, जिसके कारण अगस्त की शुरुआत में प्रधानमंत्री शेख हसीना की सरकार गिर गई और उन्हें देश छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा। इसके बाद, नोबेल पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व में एक कार्यवाहक प्रशासन ने सत्ता संभाली हैं।
इस घटनाक्रम के परिणामस्वरूप भारत-बांग्लादेश संबंधों में तनाव बढ़ गया है। हसीना के भारत में शरण लेने के बाद, कार्यवाहक सरकार ने न्यूयॉर्क में पिछले महीने संयुक्त राष्ट्र महासभा के दौरान यूनुस और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच बैठक कराने के प्रयास किए। हालांकि, यूनुस ने भारत की आलोचना की और हसीना के प्रत्यर्पण का मुद्दा उठाया, जिसके कारण भारतीय पक्ष नाखुश था। इस स्थिति ने दोनों नेताओं के बीच मुलाकात को असंभव बना दिया, जिससे द्विपक्षीय संबंध और भी तनावपूर्ण हो गए हैं।
रहमान 2022 में बने थे उच्चायुक्त
कैरियर राजनयिक मुस्तफिजुर रहमान को जुलाई 2022 में भारत में बांग्लादेश के उच्चायुक्त के रूप में नियुक्त किया गया था। उनकी नियुक्ति से पहले, वे जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र में बांग्लादेश के स्थायी प्रतिनिधि के रूप में कार्यरत थे और स्विट्जरलैंड तथा सिंगापुर में भी बांग्लादेश के दूत के रूप में सेवा दी है।रहमान ने भारत और बांग्लादेश के बीच विकास सहयोग को आगे बढ़ाने और दोनों देशों के बीच बेहतर संबंध स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उनके कार्यकाल के दौरान, उन्होंने द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा करने के लिए कई मंचों का उपयोग किया और दोनों देशों के बीच आर्थिक, सांस्कृतिक और सामाजिक सहयोग को मजबूत करने के लिए प्रयास किए।