कनाडा में खालिस्तान समर्थकों द्वारा किए गए एक विवादित वीडियो में यह देखा जा सकता है कि खालिस्तान समर्थक कनाडावासियों को धमकी देते हुए कह रहे हैं कि "कनाडा हमारा देश है" और "गोरे (श्वेत) लोगों को इंग्लैंड या यूरोप चले जाना चाहिए।" वीडियो में खालिस्तान समर्थक एक जुलूस निकालते हुए यह संदेश दे रहे थे कि कनाडा उनका है और अन्य समुदायों को यहां से बाहर जाना चाहिए।
नई दिल्ली: कनाडा में खालिस्तान समर्थकों द्वारा की जा रही गतिविधियाँ अब एक गंभीर मुद्दा बन गई हैं। एक वायरल वीडियो में खालिस्तान समर्थक खुलेआम धमकी दे रहे हैं और कह रहे हैं कि "कनाडा उनका देश है," साथ ही यह भी कह रहे हैं कि "गोरे (श्वेत) लोगों को इंग्लैंड या यूरोप चले जाना चाहिए।" वीडियो में एक खालिस्तान समर्थक जुलूस निकालते हुए इस तरह की बातें कर रहा है, और कैमरे के पीछे एक व्यक्ति लगातार यह दावा कर रहा है कि कनाडा उनका हैं।
यह घटना कनाडा में खालिस्तान समर्थकों की बढ़ती ताकत और उनकी गतिविधियों को लेकर चिंता का कारण बन गई है। खालिस्तान समर्थकों द्वारा इस तरह के खुले बयानों और धमकियों से स्थानीय नागरिकों, खासकर श्वेत समुदाय के बीच असुरक्षा की भावना पैदा हो रही है। यह भी सवाल उठ रहा है कि क्या कनाडा सरकार को खालिस्तान समर्थकों की बढ़ती गतिविधियों पर कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए, खासकर जब यह कनाडा के सामाजिक ताने-बाने और सुरक्षा के लिए खतरा बन सकती हैं।
वायरल वीडियों ने मचाया बवाल
कनाडा में खालिस्तान समर्थकों का एक वायरल वीडियो इस समय गंभीर विवाद का कारण बन रहा है। इस वीडियो में खालिस्तान समर्थक कनाडाई नागरिकों को "घुसपैठिया" कह रहे हैं और खुलेआम यह दावा कर रहे हैं कि "कनाडा उनका है," साथ ही श्वेत समुदाय (गोरे लोगों) को यूरोप और इज़राइल वापस चले जाने की धमकी दी जा रही है। वीडियो में खालिस्तान समर्थकों का एक समूह जुलूस निकालते हुए यह आपत्तिजनक बयान दे रहा है, और सोशल मीडिया पर इसे साझा किया गया हैं।
इस घटना ने कनाडा के नागरिकों और सरकार को गंभीर सवालों का सामना करवा दिया है। एक व्यक्ति ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए लिखा, "खालिस्तानी लोग बीसी में मार्च कर रहे हैं और दावा कर रहे हैं कि वे कनाडा के मालिक हैं।" इसके बाद इसने यह सवाल भी उठाया, "हम इन लोगों को अपनी विदेश नीति को आकार देने की अनुमति कैसे दे रहे हैं?"
अब क्या करेंगे ट्रूडो?
कनाडा में खालिस्तान समर्थकों की बढ़ती गतिविधियों और उनकी ओर से उठाए जा रहे विवादित कदमों ने कनाडा सरकार की चिंता को और बढ़ा दिया है। पीएम जस्टिन ट्रूडो की सरकार ने अब तक खालिस्तान समर्थकों को सुरक्षा और समर्थन प्रदान किया है, लेकिन अब ये लोग देश के विभिन्न पहलुओं पर अपना प्रभाव बनाने की कोशिश कर रहे हैं। उनके द्वारा कनाडा में की जा रही गतिविधियाँ अब सरकार के लिए मुश्किलें पैदा कर रही हैं।
भारत ने कई बार कनाडा से खालिस्तान समर्थकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है, लेकिन कनाडा सरकार ने उन मांगों को नजरअंदाज किया है और इसके बजाय खालिस्तान समर्थकों के खिलाफ उठाए गए कदमों को अनदेखा किया है। इसके अतिरिक्त, कनाडा की सरकार ने भारत पर यह आरोप भी लगाया है कि वह खालिस्तान समर्थकों की हत्या का झूठा इल्जाम भारत पर थोप रही है, जिससे दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ा हैं।
यह स्थिति एक ओर चिंता का विषय बन चुकी है, क्योंकि खालिस्तान समर्थकों के बढ़ते प्रभाव से न केवल कनाडा की आंतरिक राजनीति प्रभावित हो रही है, बल्कि यह भारत और कनाडा के बीच कूटनीतिक संबंधों को भी चुनौती दे रहा है। कनाडा में रहने वाले खालिस्तान समर्थकों की यह कार्रवाई उनके विचारों और कार्यों के असर को लेकर और अधिक विवाद उत्पन्न कर सकती है, जिससे जस्टिन ट्रूडो सरकार को आने वाले समय में और अधिक कठिनाई का सामना करना पड़ सकता हैं।