कनाडा की लिबरल पार्टी ने हिंदू सांसद चंद्र आर्य का टिकट रद्द कर दिया। खालिस्तान पर बयान देने के बाद, ट्रूडो की पार्टी ने नेपियन से उनका नामांकन रद्द कर दिया।
Canada Politics: कनाडा की सत्तारूढ़ लिबरल पार्टी ने हिंदू सांसद चंद्र आर्य को बड़ा झटका देते हुए आगामी चुनाव में उनके नामांकन को रद्द कर दिया है। आर्य खालिस्तान समर्थकों के खिलाफ लगातार मुखर रहे हैं, जिससे पार्टी ने उन पर सख्त कार्रवाई की। प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की लिबरल पार्टी, जिसे खालिस्तान समर्थक माना जाता है, ने उन्हें दोबारा चुनाव लड़ने से रोक दिया है।
चंद्र आर्य अब नहीं लड़ पाएंगे चुनाव
62 वर्षीय चंद्र आर्य, जो 2015 से ओटावा की नेपियन सीट का प्रतिनिधित्व कर रहे थे और तीन बार सांसद रह चुके हैं, अब आगामी चुनाव में हिस्सा नहीं ले पाएंगे। उन्होंने खुद खुलासा किया कि पार्टी ने उनका टिकट रद्द कर दिया है। आर्य कनाडा में खालिस्तानी गतिविधियों के खुले आलोचक रहे हैं और उन्होंने कई बार इन मुद्दों पर अपनी चिंता व्यक्त की थी।
लंबे समय से लिया गया था यह फैसला
लिबरल पार्टी के राष्ट्रीय अभियान के सह-अध्यक्ष एंड्रयू बेवन के एक पत्र के अनुसार, यह निर्णय काफी पहले ही लिया गया था। दरअसल, चंद्र आर्य को हटाने का फैसला तब लिया गया जब पार्टी में नए नेतृत्व के लिए प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की जगह लेने की अटकलें तेज हो गई थीं।
"ग्रीन लाइट कमेटी" की सिफारिश पर टिकट रद्द
आर्य ने एक्स (Twitter) पर पार्टी द्वारा भेजा गया पत्र साझा किया, जिसमें कहा गया कि लिबरल पार्टी की "ग्रीन लाइट कमेटी" को कुछ नई जानकारी मिली थी। इसी आधार पर पार्टी नेतृत्व को यह सिफारिश दी गई कि आर्य की उम्मीदवारी को रद्द कर दिया जाए। हालांकि, पत्र में यह स्पष्ट नहीं किया गया कि आखिर वह कौन सी "नई जानकारी" थी जिसके कारण आर्य को टिकट से वंचित किया गया।
क्या खालिस्तान मुद्दा बना टिकट कटने की वजह?
कई विश्लेषकों का मानना है कि चंद्र आर्य की बेबाकी और खालिस्तान के खिलाफ उनके सख्त रुख के चलते लिबरल पार्टी ने उन्हें चुनावी दौड़ से बाहर कर दिया। आर्य लंबे समय से खालिस्तान समर्थकों और उनकी गतिविधियों के खिलाफ बोलते रहे हैं, जिससे पार्टी के कई गुट नाराज थे। उनके टिकट रद्द किए जाने को कनाडा की लिबरल पार्टी के खालिस्तान समर्थक रुख से भी जोड़ा जा रहा है।