13 अगस्त 2025 को भाद्रपद कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि व बुधवार का दिन है। इस दिन रक्षा पंचमी भी मनाई जाती है। जानिए इस दिन का शुभ मुहूर्त, राहुकाल, चंद्रमा की स्थिति, सूर्योदय-सूर्यास्त का समय और अन्य महत्वपूर्ण पंचांग विवरण।
आज का पंचांग: बुधवार को भाद्रपद कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि है, जो पूरे दिन रहेगी। साथ ही इस दिन रक्षा पंचमी का पर्व भी मनाया जाएगा। 13 अगस्त को राहुकाल, योग, नक्षत्र और चंद्रमा की स्थिति से लेकर सूर्योदय-सूर्यास्त का समय भी महत्वपूर्ण रहेगा। जानिए दिल्ली, मुंबई, कोलकाता जैसे शहरों में राहुकाल का समय और इस दिन के शुभ मुहूर्त की जानकारी, जो आपके कार्यों को सफल बनाने में सहायक होगी।
तिथि, नक्षत्र और योग
13 अगस्त को भाद्रपद माह की कृष्ण पक्ष पंचमी तिथि है, जो पूरे दिन व्याप्त रहेगी और 14 अगस्त के तड़के 4 बजकर 24 मिनट तक अपनी प्रभावशीलता बनाए रखेगी। पंचमी तिथि के बाद शाम 4 बजकर 6 मिनट तक धृति योग रहेगा, जो अपने आप में एक शुभ योग माना जाता है।
दिनभर उत्तरा भाद्रपद नक्षत्र का प्रभाव रहेगा जो सुबह 10 बजकर 33 मिनट पर समाप्त होकर रेवती नक्षत्र में परिवर्तित हो जाएगा। ये दोनों नक्षत्र धार्मिक कर्मकांडों और शुभ कार्यों के लिए काफी अनुकूल माने जाते हैं।
चंद्रमा इस दिन मीन राशि में स्थित रहेगा, जो सामान्यतः आध्यात्मिक ऊर्जा और भावनात्मक स्थिरता का प्रतीक है। मीन राशि का प्रभाव मानसिक शांति और समर्पण की भावना को बढ़ाता है।
राहुकाल और शुभ मुहूर्त
ज्योतिष में राहुकाल को अशुभ समय माना जाता है। इस दौरान कोई भी महत्वपूर्ण कार्य शुरू करना शुभ नहीं होता। इसलिए राहुकाल का ध्यान रखना बहुत जरूरी होता है। 13 अगस्त 2025 को प्रमुख शहरों में राहुकाल का समय इस प्रकार रहेगा:
- दिल्ली: दोपहर 12:26 से 2:05 तक
- मुंबई: दोपहर 12:43 से 2:20 तक
- चंडीगढ़: दोपहर 12:28 से 2:08 तक
- लखनऊ: दोपहर 12:11 से 1:50 तक
- भोपाल: दोपहर 12:25 से 2:02 तक
- कोलकाता: सुबह 11:41 से दोपहर 1:19 तक
- अहमदाबाद: दोपहर 12:44 से 2:21 तक
- चेन्नई: दोपहर 12:26 से 2:05 तक
राहुकाल के दौरान नए कार्य या महत्वपूर्ण फैसले न लें तो बेहतर रहता है, क्योंकि यह समय नकारात्मक प्रभावों से जुड़ा होता है।
13 अगस्त को अभिजीत मुहूर्त नहीं रहेगा, अतः शुभ कार्यों के लिए तिथि और योग के अनुकूल समय का चयन करना चाहिए।
सूर्योदय और सूर्यास्त का समय
प्राकृतिक प्रकाश का समय भी दैनिक जीवन और धार्मिक अनुष्ठानों में महत्वपूर्ण होता है। 13 अगस्त को सूर्योदय सुबह 6:19 बजे होगा और सूर्यास्त शाम 7:08 बजे होगा। इस समय को ध्यान में रखते हुए पूजा, व्रत, यात्रा और अन्य कार्यों का आयोजन करना लाभकारी होता है।
सूर्योदय के बाद का समय खासकर आध्यात्मिक गतिविधियों और योगाभ्यास के लिए उपयुक्त माना जाता है क्योंकि इस समय वातावरण शुद्ध और मन शांत होता है।
रक्षा पंचमी का महत्व और इस दिन के शुभ कार्य
13 अगस्त 2025 को रक्षा पंचमी मनाई जाएगी, जो बहनों और भाइयों के बीच प्रेम और सुरक्षा के प्रतीक के रूप में विख्यात है। यह पर्व श्रावण मास के बाद आता है और माना जाता है कि इस दिन बहनें भाई की कलाई पर रक्षा सूत्र बांधकर उसकी लंबी उम्र और समृद्धि की कामना करती हैं।
रक्षा पंचमी के दिन पूजा-पाठ, व्रत और धार्मिक अनुष्ठान विशेष रूप से शुभ माने जाते हैं। पंचमी तिथि की महत्ता के कारण यह दिन न केवल पारिवारिक बंधन मजबूत करता है बल्कि आध्यात्मिक उन्नति का भी माध्यम बनता है।
इस दिन के शुभ मुहूर्त में राखी बांधना, भगवान विष्णु और देवी दुर्गा की पूजा करना सर्वोत्तम माना गया है। पूजा के दौरान पंचमी तिथि और धृति योग का संयोजन धार्मिक क्रियाओं को और भी प्रभावशाली बनाता है।
कैसे करें दिन की शुरुआत और समापन?
ज्योतिष के अनुसार दिन की शुरुआत सूर्योदय के बाद करने से शुभ फल मिलता है। 13 अगस्त को सुबह 6:19 बजे सूर्योदय के साथ ही दिन की शुरुआत करना चाहिए। इसके बाद धार्मिक अनुष्ठान, व्रत या रक्षा सूत्र बांधने जैसे कार्य कर सकते हैं।
दिन का समापन सूर्यास्त के बाद किया जाना चाहिए। शाम 7:08 बजे सूर्यास्त का समय है, जिसके बाद आरती और शाम की पूजा करना लाभकारी होता है। सूर्यास्त के बाद दिनभर के कर्मों का फल प्राप्ति होती है।