कनाडा की सियासत में हलचल तेज हो गई है। देश में जल्द ही मध्यावधि चुनाव की घोषणा होने की संभावना जताई जा रही है। ताजा रिपोर्ट्स के मुताबिक, लिबरल पार्टी के नए नेता मार्क कार्नी इस रविवार को चुनाव की आधिकारिक घोषणा कर सकते हैं।
ओटावा: कनाडा के नए प्रधानमंत्री मार्क कार्नी ने रविवार को मध्यावधि चुनाव की घोषणा की है, जिसमें मतदान 28 अप्रैल को होने की संभावना है। कार्नी, जो पूर्व में कनाडा और इंग्लैंड के केंद्रीय बैंक के गवर्नर रह चुके हैं, ओटावा के नेपियन निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ेंगे ताकि संसद में अपनी सीट सुनिश्चित कर सकें। इस अचानक चुनाव घोषणा का मुख्य कारण अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा कनाडा पर लगाए गए नए शुल्क और देश को अमेरिका में मिलाने की धमकी है, जिससे कनाडा की संप्रभुता को खतरा महसूस हो रहा है। इन परिस्थितियों में, लिबरल पार्टी को उम्मीद है कि राष्ट्रीय एकता और संप्रभुता के मुद्दों पर जनता का समर्थन मिलेगा।
मध्यावधि चुनाव की जरूरत क्यों पड़ी?
प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के इस्तीफे के बाद मार्च में मार्क कार्नी ने देश की बागडोर संभाली थी। हालांकि, उनकी सरकार को संसद में पूर्ण बहुमत हासिल नहीं है। वहीं, अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा कनाडा पर व्यापारिक दबाव बढ़ाने और शुल्क लगाने की धमकी के बाद राजनीतिक समीकरण तेजी से बदल रहे हैं। ऐसे में लिबरल पार्टी को लग रहा है कि अगर अभी चुनाव कराए जाते हैं तो उन्हें फायदा हो सकता हैं।
क्या ट्रूडो की वापसी संभव?
मध्यावधि चुनाव की घोषणा के बाद सबसे बड़ा सवाल यह उठ रहा है कि क्या जस्टिन ट्रूडो दोबारा सत्ता में लौट सकते हैं? हालांकि, ट्रूडो के दोबारा चुनाव लड़ने को लेकर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। लेकिन अगर लिबरल पार्टी को बहुमत नहीं मिलता, तो ट्रूडो के लिए सत्ता में वापसी की राह मुश्किल हो सकती हैं।
यह भी दिलचस्प है कि प्रधानमंत्री बनने के बावजूद मार्क कार्नी अभी तक संसद सदस्य नहीं हैं। मध्यावधि चुनाव में वे ओटावा के नेपियन क्षेत्र से अपनी किस्मत आजमाएंगे। कार्नी, जो पहले कनाडा के केंद्रीय बैंक के गवर्नर रह चुके हैं, अपनी नीतियों और प्रशासनिक अनुभव के दम पर जनता का समर्थन हासिल करने की कोशिश करेंगे।
कनाडा में कितनी सीटों पर होगा चुनाव?
मध्यावधि चुनाव के तहत कनाडा की संसद ‘हाउस ऑफ कॉमन्स’ की 343 सीटों पर मतदान होगा। चुनाव प्रचार अभियान लगभग 37 दिनों तक चलेगा और संभावित मतदान तिथि 28 अप्रैल मानी जा रही है। डोनाल्ड ट्रंप के हालिया बयानों से कनाडा की राजनीति में उथल-पुथल मची हुई है। ट्रंप ने कनाडा के इस्पात और एल्युमीनियम उत्पादों पर 25% शुल्क लगा दिया है और 2 अप्रैल से सभी कनाडाई उत्पादों पर भारी शुल्क लगाने की चेतावनी दी है। इसके अलावा, ट्रंप ने कनाडा को अमेरिका का 51वां राज्य बनाने का बयान देकर विवाद को और भड़का दिया है। इन घटनाओं का असर निश्चित रूप से चुनावी परिणामों पर पड़ सकता हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि अगर लिबरल पार्टी समय रहते चुनाव की घोषणा कर देती है, तो उसे लाभ हो सकता है। लेकिन अगर जनता ने सरकार की नीतियों को नकार दिया, तो सत्ता विपक्षी दलों के हाथ में जा सकती हैं।