पीएम मोदी का रूस दौरा, भारत पहुंची रुसी 'ब्लैक हॉल', साइलेंट किलर ‘उफा’ सबरीन से क्यों है खौफ में दुश्मन? जानें खासियत

पीएम मोदी का रूस दौरा, भारत पहुंची रुसी 'ब्लैक हॉल', साइलेंट किलर ‘उफा’ सबरीन से क्यों है खौफ में दुश्मन? जानें खासियत
Last Updated: 23 अक्टूबर 2024

रूसी सबमरीन उफा देर रात केरल के कोच्चि बंदरगाह पहुंची है, जिसका भारतीय नौसेना ने गर्मजोशी से स्वागत किया। सबमरीन की कई तस्वीरें भी सामने आई हैं। भारतीय तट पर रूसी पनडुब्बी का डॉकिंग ऐसे समय पर हुआ है जब पीएम मोदी 16वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के लिए रूस की दो दिवसीय यात्रा पर गए हुए हैं।

Russian submarine UFA: रूसी पनडुब्बी 'उफा' मंगलवार रात केरल के कोच्चि बंदरगाह पर पहुंची, जिसका भारतीय नौसेना ने गर्मजोशी से स्वागत किया। रक्षा जनसंपर्क अधिकारी ने स्वागत की तस्वीरें साझा की हैं। भारतीय तट पर रूसी पनडुब्बी का डॉकिंग उस समय हुआ है जब पीएम मोदी 16वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के लिए रूस की दो दिवसीय यात्रा पर गए हुए हैं।

'उफा' क्यों है साइलेंट किलर

भारत पहुंची 'उफा' सबमरीन को साइलेंट किलर कहा जाता है। दरअसल, यह पनडुब्बी बिना शोर किए पानी के अंदर अपने ऑपरेशन को अंजाम दे सकती है, और कई मामलों में इसे अमेरिका की सबसे उन्नत पनडुब्बी से भी बेहतर माना जाता है। इसे 'ब्लैकहोल' भी कहा जाता है।

इस सबमरीन के साथ रूसी नौसेना के प्रशांत बेड़े की एक टुकड़ी कोच्चि बंदरगाह पहुंची है, जिसमें डीजल-इलेक्ट्रिक पनडुब्बी 'उफा' और बचाव टग 'अलाटाऊ' भी शामिल हैं।

यह पहली बार नहीं है जब रूसी जहाज कोच्चि पहुंचे हैं। अगस्त में, रूसी प्रशांत बेड़े के मिसाइल क्रूजर 'वैराग' और फ्रिगेट 'मार्शल शापोशनिकोव' सहित अन्य रूसी युद्धपोत अपने लंबी दूरी के मिशन के लिए कोच्चि में पहुंचे थे।

क्या है 'UFA'?

'उफा' डीजल-इलेक्ट्रिक पनडुब्बी को रूस की सबसे ताकतवर सबमरीन माना जाता है। इसे नवंबर 2019 में लॉन्च किया गया था और 2022 में रूस ने इसे अपनी नौसेना में शामिल कर लिया।

इस पनडुब्बी का रडार भी आसानी से इसे पहचान नहीं पाता, जिससे यह दुश्मन के लिए एक बड़ा खतरा बन जाती है। इसे सबसे शांत सबमरीन भी कहा जाता है, क्योंकि यह पानी के अंदर पूरी तरह से चुपचाप रहती है और अपने लक्ष्य पर हमला कर देती है। इसका यह विशेषता इसे युद्ध की स्थिति में बेहद प्रभावी बनाती है।

क्या है 'उफा' सबमरीन की खासियत?

'उफा' सबमरीन की यात्रा प्रशांत बेड़े के व्यापक दीर्घकालिक मिशन का हिस्सा है, जो इस वर्ष 22 जनवरी को शुरू हुआ था। यह पनडुब्बी 240 फीट लंबी है और 20 समुद्री मील (लगभग 37 किमी/घंटा) की गति से यात्रा कर सकती है।

इसकी खासियत यह है कि यह 45 दिनों तक समुद्र में रह सकती है, जिससे यह दुश्मन के लिए एक खतरनाक खतरा बन जाती है। उफा अपनी अद्वितीय तकनीक और सामरिक क्षमताओं के कारण समुद्र में अपने लक्ष्यों को चुपचाप नष्ट करने में सक्षम है।

 

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