रूस-यूक्रेन युद्धः रूस ने काला सागर में खड़े पोतों पर हमले के बाद अनाज समझौता निलंबित किया, क्या हैं इसके मायने?

रूस-यूक्रेन युद्धः रूस ने काला सागर में खड़े पोतों पर हमले के बाद अनाज समझौता निलंबित किया, क्या हैं इसके मायने?
Last Updated: 06 अप्रैल 2023

रूस ने घोषणा की है कि वो अपने उस अंतरराष्ट्रीय समझौते को तोड़ रहा है जो यूक्रेन को उसके अनाज के निर्यात के लिए काला सागर के इस्तेमाल की इजाज़त देता है.

रूस ने ये फ़ैसला यूक्रेन पर क्राइमिया के सेवस्तोपोल स्थित काला सागर में खड़े उसके जहाजों पर ड्रोन से बड़े स्तर पर हमला करने का आरोप लगाने के बाद लिया है. हालांकि यूक्रेन ने हमले की बात को स्वीकार नहीं किया है. और राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की ने रूस के इस क़दम को 'पहले से अनुमानित' बताया है.

रूस ने शनिवार को हुए हमले में बग़ैर कोई सबूत दिए ब्रिटिश सैनिकों के भी शामिल होने की बात कही थी. उसने ब्रिटेन पर पिछले महीने गैस पाइपलाइन को उड़ाने का आरोप भी लगाया था.

इसके जवाब में ब्रिटिश रक्षा मंत्रालय ने कहा कि रूस लगातार बड़े स्तर पर झूठे दावे कर रहा है. रूस के रक्षा मंत्री ने कहा कि शनिवार को हमले में ड्रोन का इस्तेमाल किया गया था.

रूस के रक्षा मंत्रालय का कहना है कि शनिवार को हुए हमले में इस्तेमाल किए गए ड्रोनों ने अनाज डील में शामिल जहाजों पर हमले किए. मंत्रालय ने कहा कि इसमें एक जहाज को मामूली नुक़सान हुआ है.

इसके कई घंटे बाद रूस के विदेश मंत्रालय की ओर से कहा गया कि वो 'ब्लैक सी इनिशिएटिव' में भाग लेने वाले ठोस कार्गो ढोने वाले जहाजों की सुरक्षा की गारंटी नहीं दे सकता और साथ ही उसने तत्काल प्रभाव से अनिश्चित समय के लिए इस पहल को निलंबित कर दिया है.

इसमें कहा गया कि यह क़दम "ब्रिटिश विशेषज्ञों के नेतृत्व में यूक्रेन की सैन्य कार्रवाई" को देखते हुए उठाया गया है. साथ ही ये भी कहा गया कि ये हमला रूस के उन जहाज़ों के ख़िलाफ़ किया गया जो कथित मानवीय कॉरिडोर के काम को सुनिश्चित कर रहे थे.

रूस ने दावा किया कि इस हमले में कुल 16 हवाई और समुद्री ड्रोन नष्ट किए गए और इसमें केवल एक सुरंग हटाने वाले जहाज़ को नुकसान पहुंचा है.

 

अनाज की सियासत

वैसे अब तक ये स्पष्ट नहीं है कि वास्तविक नुक़सान कितना हुआ है. ये रिपोर्टें भी आ रही हैं कि हमले में नौसेना के सबसे महत्वपूर्ण जहाज़ों में से एक को भी नुक़सान पहुंचा है. दावे और प्रतिदावे इस युद्ध के अहम हिस्सा हो गए हैं.

राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की ने कहा कि रूस ने फ़ैसला आज नहीं लिया है बल्कि सितंबर में ही उसने हमारे अनाज भरे जहाज़ों की आवाजाही रोक दी थी.

वे कहते हैं, "ऐसा क्यों है कि क्रेमलिन के कुछ मुट्ठी भर लोग ये यह तय कर सकते हैं कि मिस्र या बांग्लादेश में लोगों की टेबल पर खाना होगा या नहीं?"

ज़ेलेंस्की ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र और दुनिया की शीर्ष 20 अर्थव्यवस्थाओं से एक कड़ी प्रतिक्रिया की ज़रूरत है.

वहीं अमेरिका का कहना है कि रूस अनाज को हथियार बना रहा है. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने रूस के इस क़दम को अपमानजनक बताते हुए कहा कि इससे भुखमरी बढ़ेगी. संयुक्त राष्ट्र प्रवक्ता ने कहा कि वो संस्था जिसने तुर्की के साथ समझौते को तोड़ा है वो रूस के संपर्क में है.

उसने कहा कि ये भी ज़रूरी है कि सभी पक्ष 'काला सागर अनाज पहल' को संकट में डालने वाली किसी भी कार्रवाई से दूर रहे जो कि दुनिया भर के लाखों लोगों की अनाज तक पहुंच को सुगम बनाने का एक महत्वपूर्ण मानवीय प्रयास है.

यह समझौता यूक्रेन को काला सागर के ज़रिए अनाज के निर्यात की अनुमति देता है जो रूस के उस पर आक्रमण के बाद से अवरुद्ध है. इसे लेकर संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने व्यक्तिगत रूप से बात की थी और वैश्विक अनाज संकट को कम करने की दिशा में कूटनीतिक रूप से इसे बड़ी जीत के रूप में बताया गया था.

लेकिन रूस ने ये भी शिकायत की है कि उसके ख़ुद के निर्यात अभी बाधित हैं और पहले उसने कहा था कि वो इस समझौते को जारी नहीं रख सकता.

 

'जहाज़ों का आवागमन बाधित'

हाल के दिनों में, यूक्रेन ने रूस पर जहाज़ों के आवागमन में जानबूझ कर देरी करने का आरोप भी लगाया है. यूक्रेन ने दावा किया कि इसकी वजह से 170 से अधिक जहाज़ लाइन में खड़े हैं.

24 फ़रवरी को शुरू हुए इस युद्ध में शनिवार के ड्रोन हमले रूस से अपने कई इलाक़े वापस लेने के बाद किए गए.

रूस ने इसका जवाब यूक्रेन की बुनियादी संरचनाओं पर हमले से दिया, इसमें ख़ास तौर पर देश के ऊर्जा स्रोतों पर हमले किए गए.

रूस ने यूक्रेन से 2014 में क्राइमिया पर क़ब्ज़ा किया था. यह यूक्रेन के दक्षिण में फैले काला सागर और अज़ोव सागर के बीच प्रायद्वीप पर स्थित है.

हाल के दिनों में इस प्रायद्वीप के उन कई इलाक़ों पर हमले किए गए हैं जहां रूसी सेना की बड़े स्तर पर मौजूदगी है.

काला सागर लंबे अरसे से बड़े पोतों का ठिकाना रहा है और सेवास्तोपोल का बंदरगाह प्रमुख नौसैनिक अड्डा है.

रूस के ओर से बनाए गए शहर के गवर्नर मिख़ाइल राज़वोज़ेव ने कहा कि रूसी सेना ने इस हमले को नाकाम कर दिया जो फ़रवरी के बाद से इस शहर पर हुआ सबसे बड़ा हमला था.

उन्होंने कहा कि मानव रहित सभी विमानों को मार गिराया और इस हमले में एक भी सार्वजनिक बुनियादी ढांचे को कोई नुकसान नहीं हुआ है.

रूस के अधिकारियों के किए गए दावों पर यूक्रेन की सरकार की ओर से शायद ही कभी कोई बयान आता है, हालांकि वरिष्ठ अधिकारी अक्सर क्राइमिया में हुई किसी ऐसी घटना पर जश्न मनाते हैं.

 

रूस पर झूठे प्रचार का आरोप

यूक्रेन ने रूस के क़ब्ज़े वाले इलाक़ों को वापस हासिल करने का प्रण लिया है और इसमें क्राइमिया भी शामिल है, जो कि फ़रवरी में शुरू हुए इस हमले में पुतिन का एक महत्वपूर्ण बेस रहा है.

रूस के रक्षा मंत्रालय ने बिना कोई सबूत दिए ब्रिटेन की नौसेना के विशेषज्ञों पर आरोप लगाया है कि वो शनिवार सुबह के हमले की तैयारी करने में यूक्रेन की सेना को मदद कर रहे हैं.

रूसी रक्षा मंत्रालय ने ये भी कहा है कि "यही यूनिट इस साल 26 सितंबर को नॉर्ड स्ट्रीम 1 और नॉर्ड स्ट्रीम 2 गैस पाइपलाइनों को उड़ाने के लिए बाल्टिक सागर में हुए आतंकवादी हमले की साजिश रचने, उसे अंजाम देने में भी शामिल थी."

यूक्रेन के रक्षा मंत्रालय ने अपने जवाब में कहा, "यूक्रेन में अपनी अवैध घुसपैठ के विनाशकारी प्रबंधन से ध्यान हटाने के लिए रूस का रक्षा मंत्रालय अब अलग ही स्तर पर जाकर फर्ज़ी दावे कर रहा है."

"ये मनगढ़ंत कहानी, पश्चिम से ज़्यादा रूस की सरकार के अंदर चल रही खींचतान को दिखा रही है."

फ़्रांस ने भी कहा है कि उसे रूस के आरोपों पर भरोसा नहीं है. अमेरिका और यूक्रेन के अधिकारियों का आरोप है कि रूस ने यूक्रेन पर रेडियोएक्टिव डर्टी बम बनाने का एक झूठा अभियान चला रखा है.

इसी वर्ष रूसी नौसेना के ब्लैक सी फ़्लीट के मुख्य युद्धपोत मोस्कवा को निशाना बनाया गया था. 510 क्रू वाला ये युद्धपोत यूक्रेन पर रूसी नौसेना की हमले की अगुवाई कर रहा था.

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