TikTok Banned: ब्रिटेन में TikTok और Reddit की जांच, बच्चों की सुरक्षा पर उठे सवाल

TikTok Banned: ब्रिटेन में TikTok और Reddit की जांच, बच्चों की सुरक्षा पर उठे सवाल
अंतिम अपडेट: 11 घंटा पहले

ब्रिटेन में सूचना आयुक्त कार्यालय ने जांच शुरू की है कि TikTok, Reddit और Imgur बच्चों की डेटा प्राइवेसी कैसे सुरक्षित रखते हैं और उनकी उम्र का आकलन करने की प्रक्रिया क्या है।

UK News: ब्रिटेन में ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर सख्ती बढ़ती जा रही है। प्राइवेसी वॉचडॉग सूचना आयुक्त कार्यालय (ICO) ने TikTok, Reddit और Imgur जैसी कंपनियों के खिलाफ जांच शुरू कर दी है। जांच का मुख्य उद्देश्य यह जानना है कि ये प्लेटफॉर्म बच्चों की डेटा प्राइवेसी की सुरक्षा कैसे करते हैं और उनकी उम्र का सही आकलन करने के लिए क्या उपाय अपनाते हैं।

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर उठ रहे सवाल

सोशल मीडिया कंपनियां अपने एल्गोरिदम का उपयोग करके यूजर्स को अधिक समय तक जोड़े रखने का प्रयास करती हैं। हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि ये प्लेटफॉर्म बच्चों के लिए अनुचित कंटेंट को बढ़ावा दे सकते हैं, जिससे उन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।

TikTok और Reddit की जांच क्यों?

ICO ने स्पष्ट किया है कि उनकी जांच इस बात पर केंद्रित होगी कि TikTok अपने फीड में कंटेंट सुझाव देने के लिए 13-17 साल के बच्चों की व्यक्तिगत जानकारी का उपयोग कैसे करता है। वहीं, Reddit और Imgur जैसे प्लेटफॉर्म से यह जानकारी जुटाई जाएगी कि वे अपने यूजर्स की वास्तविक उम्र का आकलन कैसे करते हैं।

कार्रवाई के लिए तैयार ICO

ICO ने अपने बयान में कहा, "यदि हमें पर्याप्त सबूत मिलते हैं कि इन कंपनियों ने कानून का उल्लंघन किया है, तो हम उनसे बातचीत करेंगे और अंतिम निर्णय लेने से पहले उनकी प्रतिक्रिया लेंगे।" फिलहाल, TikTok, Reddit और Imgur ने इस मामले पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है।

पहले भी उठाए गए कड़े कदम

ब्रिटेन पहले भी डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर सख्ती दिखा चुका है। सरकार ने ऐसे कानून पारित किए हैं, जो सोशल मीडिया कंपनियों को बच्चों के लिए सुरक्षित ऑनलाइन अनुभव प्रदान करने के लिए बाध्य करते हैं। इसमें उम्र-सीमा तय करने, आयु-जांच के उपाय लागू करने और हानिकारक कंटेंट को नियंत्रित करने के नियम शामिल हैं।

एल्गोरिदम पर भी हो सकती है सख्ती

पिछले साल ब्रिटिश सरकार ने Facebook, Instagram और TikTok जैसी कंपनियों पर दबाव बनाया था कि वे अपने एल्गोरिदम में बदलाव करें और हानिकारक कंटेंट को कम प्राथमिकता दें। अब नई जांच से यह स्पष्ट है कि ब्रिटेन बच्चों की ऑनलाइन सुरक्षा को लेकर कोई समझौता नहीं करना चाहता।

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