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यूक्रेन-रूस शांति वार्ता: इस्तांबुल में उम्मीदों और चुनौतियों के बीच मुलाकात

यूक्रेन-रूस शांति वार्ता: इस्तांबुल में उम्मीदों और चुनौतियों के बीच मुलाकात

तुर्की के इस्तांबुल में यूक्रेन और रूस के बीच शांति वार्ता शुरू हुई। दोनों देशों के बीच ड्रोन हमले और सैन्य टकराव जारी हैं। वार्ता के बावजूद तनाव कम होने की संभावना अभी दूर है।

Russia-Ukraine: यूक्रेन और रूस के बीच चल रहे लंबे समय से जारी संघर्ष के बीच एक बार फिर दोनों देशों के प्रतिनिधि तुर्की के इस्तांबुल में शांति वार्ता के लिए मिले हैं। इस वार्ता को लेकर दुनिया में उम्मीदें हैं कि कहीं इस जंग का कोई अंत निकलेगा। हालांकि, फिलहाल शांति के रास्ते पर कुछ ठोस प्रगति की खबर नहीं है और दोनों पक्षों के बीच तनाव कम होने का नाम नहीं ले रहा है। इस खबर में हम विस्तार से जानेंगे कि इस वार्ता में क्या-क्या हुआ, किन मुद्दों पर चर्चा हुई और भविष्य में क्या उम्मीदें हैं।

इस्तांबुल में दोनों देशों के प्रतिनिधिमंडल की मुलाकात

तुर्की की राजधानी इस्तांबुल में रविवार शाम को रूस और यूक्रेन के प्रतिनिधिमंडल पहुंच गए। यूक्रेन की तरफ से रक्षा मंत्री रुस्तम उमेरोव की अगुवाई में प्रतिनिधिमंडल मौजूद है। वहीं, रूस की ओर से राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के करीबी सहयोगी व्लादिमीर मेंजिस्की प्रतिनिधिमंडल के नेतृत्व में पहुंचे हैं। यह वार्ता पिछले कुछ हफ्तों में दोनों देशों के बीच दूसरी प्रत्यक्ष बातचीत है।

यूक्रेनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता हेओरही ताइखयी ने व्हाट्सएप ग्रुप में बताया कि इस बैठक का मकसद द्विपक्षीय तनाव को कम करना और युद्ध को रोकने के लिए संभावित समाधान खोजना है।

शांति वार्ता के बीच जारी ड्रोन हमले और टकराव

जहां एक तरफ इस्तांबुल में शांति की कोशिशें चल रही हैं, वहीं दूसरी तरफ दोनों देशों के बीच झड़पें लगातार जारी हैं। हाल ही में यूक्रेनी सशस्त्र बलों ने रूस के सैन्य ठिकानों पर ड्रोन से हमला किया है। इस हमले को यूक्रेन ने एक महत्वपूर्ण सैन्य ऑपरेशन बताया है जिसमें 117 ड्रोन इस्तेमाल किए गए।

यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की ने कहा कि इस ऑपरेशन का मुख्य उद्देश्य रूस के सैन्य ढांचे को कमजोर करना था। उन्होंने यह भी कहा कि रूस से मिली खुफिया जानकारी के आधार पर यह हमला किया गया ताकि रूसी सैन्य ताकतों को पीछे धकेला जा सके। जेलेंस्की ने यह स्पष्ट किया कि वे हर तरह के रूसी हमले का सामना करने के लिए तैयार हैं।

अमेरिका की भूमिका और वैश्विक दबाव

यूक्रेन-रूस युद्ध में अमेरिका की भूमिका भी महत्वपूर्ण बनी हुई है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप सहित कई वैश्विक नेता इस शांति वार्ता को सफल बनाने में लगे हैं। ट्रंप और अन्य पश्चिमी देशों का मानना है कि दोनों देशों के बीच सीजफायर और डायलॉग से ही संघर्ष का स्थायी समाधान संभव है।

हालांकि, इस वार्ता के बीच भी दोनों पक्षों के बीच ड्रोन हमलों और सैन्य गतिविधियों में कमी नहीं आई है। इससे साफ होता है कि शांति की राह अभी कठिन है और दोनों देशों को अपने-अपने हितों के चलते समझौते में समय लग सकता है।

क्या है शांति वार्ता की संभावनाएं?

विशेषज्ञ मानते हैं कि इस तरह की वार्ता में तुरंत बड़ा समझौता होना मुश्किल होता है। दोनों देशों के बीच गहरे राजनीतिक, सैन्य और क्षेत्रीय मतभेद हैं। रूस अपने सुरक्षा हितों की रक्षा करना चाहता है, जबकि यूक्रेन अपनी संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता को बचाने पर जोर दे रहा है।

फिलहाल वार्ता का उद्देश्य दोनों पक्षों को बातचीत की मेज पर लाना और तनाव को कम करना है। अगर यह वार्ता सफल रही तो आगे के दौर में व्यापक समझौते और सैन्य संघर्ष को कम करने की दिशा में कदम उठाए जा सकते हैं।

यूक्रेन के हालिया ड्रोन हमले का प्रभाव

यूक्रेन द्वारा किए गए ड्रोन हमले ने रूस को खासा नुकसान पहुंचाया है। यह हमला रूस की सैन्य क्षमता को कमजोर करने की कोशिश का हिस्सा है। यूक्रेन ने बताया कि इस ऑपरेशन में उन्हें महत्वपूर्ण सफलता मिली है, जिससे रूस को बड़ा नुकसान हुआ है।

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