देश के विभिन्न हिस्सों में जून के पहले सप्ताह में मौसम ने अपना रूप बदल लिया है। एक तरफ जहां पूर्वोत्तर भारत में मूसलधार बारिश का सिलसिला जारी है, वहीं उत्तर-पश्चिम भारत के कई इलाकों में धूल भरी आंधियों और तेज़ हवाओं ने जनजीवन प्रभावित किया है।
Weather Update: जून का पहला सप्ताह होते हुए भी देश के कई हिस्सों में मानसून जैसा मौसम बना हुआ है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार, पूर्वोत्तर भारत में अगले दो दिनों तक भारी से बहुत भारी बारिश की संभावना है। इसके बाद बारिश की तीव्रता धीरे-धीरे घटेगी। वहीं, उत्तर पश्चिम भारत में भी अगले तीन दिनों तक गरज, तेज हवाओं और बारिश का सिलसिला जारी रहने की संभावना जताई गई है।
मौसम विभाग ने बताया कि पूर्वी उत्तर प्रदेश से लेकर पूर्वोत्तर असम तक एक मजबूत सिस्टम बना हुआ है, जो बिहार के मध्य भागों, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल, सिक्किम और असम के निचले हिस्सों को प्रभावित कर रहा है।
पूर्वोत्तर भारत: लगातार बारिश से तरबतर
पूर्वोत्तर भारत के अधिकांश हिस्सों में बीते कुछ दिनों से बारिश का सिलसिला जारी है, जो आगामी सप्ताह तक बने रहने की संभावना है। मौसम विभाग के अनुसार, 3 जून को अरुणाचल प्रदेश, असम, मेघालय और नगालैंड जैसे राज्यों में कुछ स्थानों पर भारी से अति भारी बारिश हो सकती है। यह बारिश दक्षिण-पश्चिम मानसून के पूर्व संकेतों की तरह मानी जा रही है।
इसके बाद बारिश की तीव्रता में हल्की गिरावट आ सकती है, लेकिन आसमान में बादलों की आवाजाही और हल्की से मध्यम बारिश की संभावना बनी रहेगी। बारिश के चलते कुछ इलाकों में भूस्खलन और जलजमाव की चेतावनी भी दी गई है।
उत्तर-पश्चिम भारत: धूल भरी आंधी और गरज के साथ बौछारें
उत्तर-पश्चिम भारत के राज्यों जैसे पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान और उत्तराखंड में मौसम ने अचानक करवट ली है। अगले तीन दिनों तक इन क्षेत्रों में तेज़ हवाओं (40-60 किमी प्रति घंटे) के साथ गरज और बिजली की गर्जना के साथ बारिश की संभावना है। उत्तराखंड में आंधी की रफ्तार 70 किमी प्रति घंटे तक पहुंच सकती है, जिससे वहां के पहाड़ी रास्तों और मैदानी इलाकों में सतर्कता की आवश्यकता है। इसी तरह, पश्चिमी राजस्थान और पंजाब में धूल भरी आंधियों के साथ दृश्यता पर असर पड़ने की आशंका है।
3 जून को दिल्ली-एनसीआर में भी तेज़ हवाओं और हल्की बारिश की संभावना जताई गई है, जिससे शहर में गर्मी से थोड़ी राहत तो मिलेगी, लेकिन वायु गुणवत्ता और यातायात पर असर पड़ सकता है।
मध्य और पूर्वी भारत: गरज-चमक के साथ मौसम में बदलाव
मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और विदर्भ में 3 से 6 जून के बीच गरज के साथ हल्की से मध्यम बारिश की संभावना जताई गई है। इन इलाकों में हवाओं की रफ्तार 50 किमी प्रति घंटे तक जा सकती है, जिससे खेतों में खड़ी फसलों को नुकसान का खतरा है। वहीं, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल में भी 4 जून तक बारिश का सिलसिला जारी रहेगा। बिहार के कुछ हिस्सों में भारी बारिश के कारण जलजमाव की स्थिति पैदा हो सकती है।
दक्षिण भारत: मानसून की दस्तक से पहले फुहारें
केरल, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश के तटीय और आंतरिक हिस्सों में 2 से 4 जून के बीच गरज और बिजली के साथ मध्यम बारिश की संभावना है। खासकर केरल में मानसून से पहले की प्री-मानसून गतिविधियां तेज़ हो गई हैं, जिससे राज्य के कई जिलों में मौसम ठंडा और सुहावना हो गया है। तेलंगाना और आंतरिक कर्नाटक में 30-40 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं, जिससे गर्मी से राहत के साथ-साथ बिजली के गिरने की घटनाएं भी देखने को मिल सकती हैं।
मौसम विभाग के अनुसार, उत्तर-पश्चिम और मध्य भारत में अगले तीन दिनों तक तापमान में कोई खास बदलाव नहीं होगा, लेकिन इसके बाद तापमान में 3-5 डिग्री सेल्सियस तक की बढ़ोतरी संभव है। यह गर्मी की वापसी का संकेत हो सकता है। पूर्वी भारत में तापमान में 3-4 डिग्री की बढ़ोतरी का अनुमान है, लेकिन इसके बाद स्थिरता आने की उम्मीद है। दक्षिण और पूर्वोत्तर भारत में तापमान में ज्यादा उतार-चढ़ाव की संभावना नहीं है।