दिल्ली में अरविंद केजरीवाल के इस्तीफे के बाद, आतिशी ने नई कैबिनेट के गठन का दावा किया है। नई कैबिनेट में कुल सात मंत्री होंगे, जिनमें से एक दलित समुदाय से और एक सिख चेहरे को शामिल किया जा सकता है। गोपाल राय, कैलाश गहलोत, इमरान हुसैन और सौरभ भारद्वाज भी मंत्री पद पर बने रह सकते हैं।
Delhi Cabinet: मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के इस्तीफे के बाद दिल्ली में नई कैबिनेट के गठन की प्रक्रिया में तेजी आई है। विधायक दल के नए नेता चुने जाने के बाद आतिशी ने अपनी सरकार बनाने का दावा पेश किया है। जल्दी ही उनके नेतृत्व में एक नई कैबिनेट का गठन होगा, जिसमें मुख्यमंत्री सहित कुल सात मंत्री होंगे। मुख्यमंत्री का चेहरा कौन होगा, इस रहस्य के खुलने के बाद अब यह चर्चा शुरू हो गई है कि आतिशी की कैबिनेट में मंत्री कौन-कौन बनेगा।
खाली पद की नियुक्ति कर सकता हैं दलित समुदाय
दिल्ली सरकार में मंत्री का एक पद राजकुमार आनंद के इस्तीफे के बाद से खाली पड़ा हुआ है। अब, अरविंद केजरीवाल के इस्तीफे और आतिशी के मुख्यमंत्री बनने के बाद एक और पद खाली होगा। इसका मतलब है कि नई सरकार में दो नए मंत्रियों की नियुक्ति होना तय है। सूत्रों के अनुसार, इनमें से एक मंत्री दलित समुदाय से होने की संभावना है, जैसा कि पिछली कैबिनेट में पहले राजेंद्र पाल गौतम और फिर राजकुमार आनंद थे।
आतिशी की कैबिनेट में दलित समुदाय का प्रतिनिधित्व करने के लिए कुलदीप कुमार, विशेष रवि या राखी बिड़लान को स्थान मिल सकता है, जो लंबे समय से आम आदमी पार्टी से जुड़े हुए हैं और जिनकी गिनती तेज तर्रार युवा विधायकों में होती है। राखी बिड़लान ने अरविंद केजरीवाल की पहली सरकार में भी मंत्री के रूप में कार्य किया था और वर्तमान में विधानसभा में उपाध्यक्ष हैं। वहीं, कुलदीप कुमार और विशेष रवि भी विधानसभा की महत्वपूर्ण समितियों में रह चुके हैं।
कैबिनेट में सिख चेहरे भी होंगे शामिल
इस बार चर्चा का विषय यह है कि नई कैबिनेट में किसी सिख चेहरे को शामिल किया जा सकता है। इस दौड़ में तिलक नगर के विधायक जरनैल सिंह का नाम सबसे प्रमुख है, जिन्हें लंबे समय से पार्टी के एक मजबूत सिपाही के रूप में जाना जाता है और वे पार्टी के कुछ वरिष्ठ नेताओं के करीबी मित्र माने जाते हैं। इसके अलावा, सोमनाथ भारती, दिलीप पांडेय, दुर्गेश पाठक और संजीव झा को भी इस चयन प्रक्रिया में मजबूत दावेदार के रूप में देखा जा रहा है।
ये सभी पार्टी के पुराने कार्यकर्ता हैं और हमेशा पार्टी के लिए जमीनी स्तर पर काम करते रहे हैं। सोमनाथ भारती पहले भी अरविंद केजरीवाल की सरकार में कानून मंत्री के रूप में काम कर चुके हैं। वहीं, दिलीप पांडेय विधानसभा में आम आदमी पार्टी के चीफ व्हिप हैं। संजीव झा भी पूर्वांचल के प्रतिनिधि के रूप में पार्टी और सरकार के लिए काफी समय से सक्रिय हैं।
आतिशी के जिम्मे होंगे मुख्य कार्य
अन्य मंत्रियों के संदर्भ में, यह माना जा रहा है कि पहले से चल रहे कार्यों को जारी रखने और नीतिगत मामलों में सरकार के दृष्टिकोण को बनाए रखने के लिए कैबिनेट में ज्यादा परिवर्तन या बदलाव नहीं किया जाएगा। इस स्थिति में, गोपाल राय, कैलाश गहलोत, इमरान हुसैन और सौरभ भारद्वाज को नई कैबिनेट में फिर से मंत्री के रूप में शामिल किया जा सकता है।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के पास किसी विभाग का प्रभार नहीं था, लेकिन चूंकि अब वह सरकार के बाहर रहकर निगरानी करेंगे, ऐसे में आतिशी कुछ महत्वपूर्ण विभागों का प्रभार अपने पास रख सकती हैं। वर्तमान में उनके पास वित्त, राजस्व, शिक्षा, बिजली, जल, पीडब्ल्यूडी, योजना, सेवाओं समेत दर्जन भर से अधिक विभागों का प्रभार था।