New Delhi: राष्ट्रपति भवन के निर्णय पर सियासी पारा तेज, प्रियंका गांधी ने कहा -दरबार का कोई कॉन्सेप्ट नहीं है, लेकिन 'शहंशाह' का

New Delhi: राष्ट्रपति भवन के निर्णय पर सियासी पारा तेज, प्रियंका गांधी ने कहा -दरबार का कोई कॉन्सेप्ट नहीं है, लेकिन 'शहंशाह' का
Last Updated: 25 जुलाई 2024

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने गुरुवार (25 जुलाई) को एक महत्वपूर्ण फैसला लेते हुए राष्ट्रपति भवन के दो हॉलों का नाम बदल दिया है। 'दरबार हॉल' का नाम 'गणतंत्र मंडप' और 'अशोक हॉल' का नाम 'अशोक मंडप' रखा गया है। यह फैसला भारतीय संविधान और गणराज्य के महत्व को दर्शाने और स्थायी नामकरण करने के लिए किया गया है।

Priyanka Gandhi On PM Modi: राष्ट्रपति भवन ने आज (25 जुलाई) 'दरबार हॉल' और 'अशोक हॉल' के नामों में परिवर्तन किया है। अब से दरबार हॉल को 'गणतंत्र मंडप' और अशोक हॉल को 'अशोक मंडप' के नाम से जाना जाएगा। इस मामले पर सियासत में भी तेजी गई है, और इस विषय पर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा है।

प्रियंका गांधी ने NDA सरकार को घेरा

मिली जानकारी के अनुसार कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने राष्ट्रपति भवन में दरबार हॉल और अशोक हॉल के नामों में परिवर्तन करने पर कांग्रेस की आक्रामक सियासत की आलोचना की है। उन्होंने कहा कि दरबार की कोई अवधारणा नहीं होती, लेकिन 'शहंशाह' की अवधारणा होती है। इस बयान के माध्यम से उन्होंने सीधे तौर पर पीएम मोदी पर निशाना साधा है।

राष्ट्रपति भवन सचिवालय ने दिया बयान

राष्ट्रपति भवन सचिवालय ने बयान में कहा है कि राष्ट्रपति भवन, भारतीय राष्ट्रपति का महत्वपूर्ण कार्यालय और निवास है, जो भारतीय संस्कृति के मूल्यों और लोकाचारों को प्रतिबिंबित करता है। इसे लोगों के लिए अधिक सुलभ बनाने के लिए निरंतर प्रयास किया जा रहा है। राष्ट्रपति भवन की व्यावसायिक, सांस्कृतिक और राष्ट्रीय महत्वपूर्णता को मान्यता दी जाती है और यह भारतीय राजनीति और समाज के प्रमुख केंद्र है।

दरबार हॉल का बदला नाम

बता दें कि 'गणतंत्र' शब्द की अवधारणा भारतीय समाज में बहुत प्राचीन काल से ही अत्यंत महत्वपूर्ण रही है। गणतंत्र का अर्थ जनतंत्र होता है, जिसमें शासन लोगों की सहमति और संविधान के प्रावधानों के माध्यम से होता है। भारतीय संस्कृति में गणतंत्र का महत्व इसलिए है क्योंकि यह लोकतंत्रता की अनमोल विरासत को दर्शाता है, जिसमें आम जनता द्वारा सरकार चुनी जाती है और उनकी सेवा में कार्य करती है। इस लिए राष्ट्रपति भवन ने आज दरबाल हॉल का नाम बदलकर 'गणतंत्र मंडप' कर दिया है।

अशोक हॉल की जगह अब 'अशोक मंडप'

सरकार का 'अशोक हॉल' को 'अशोक मंडप' में बदलने का नामकरण एक महत्वपूर्ण निर्णय है जो भारतीय संस्कृति, धर्म, और राष्ट्रीय भावनाओं को मजबूत करता है। बता दें कि अशोक सम्राट का नाम भारतीय इतिहास में गहरा महत्व रखता है, जो धर्म, शांति, और एकता के प्रतीक हैं। उनकी अधिकांश शिलालेखों में बुद्धधर्म के सिद्धांतों का प्रचार किया गया था, जो समृद्ध भारतीय सभ्यता का प्रतीक है। अशोक मंडप का नामकरण भारतीय संस्कृति के मूल्यों को सुरक्षित और मान्यता प्राप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

 

Sandeep Kumar

- Thu, 25 Jul 2024

Acha fausla

Pushpa Kumari

- Thu, 25 Jul 2024

Sahi to Kiya. Yun hi congress Har bar par halka machati hai

Pushpa Kumari

- Thu, 25 Jul 2024

Sahi to Kiya. Yun hi congress Har bar par halka machati hai

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