ओडिशा में लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजों के बाद सियासी इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि राज्य के तीनों प्रमुख राजनीतिक दलों के प्रदेशाध्यक्ष को एक साथ हार का सामना करना पड़ा।
Lok Sabha Election 2024: ओडिशा में इस चुनाव (4 जून) के नतीजों ने प्रदेश की सभी पार्टियों को चौंका दिया है। वहीं, भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने दो दशकों से अधिक समय तक सत्ता पर काबिज बीजद को बाहर कर दिया है।
भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष मनमोहन सामल के नेतृत्व में बीजेपी चुनावी मुश्किलों को पार करने में सफल रही है। बता दें कि इस बार बीजेपी ने राज्य में 24 साल की बीजद सरकार को पीछे छोड़ते हुए अकेले बहुमत हासिल किया है। हालांकि, स्वयं प्रदेश अध्यक्ष मनमोहन सामल ये चुनाव हार गए हैं।
प्रदेश में तीनों दलों को झटका
मिली जानकारी के अनुसार ओडिशा में लोकसभा चुनाव के दौरान सियासी इतिहास में बदलाव हुआ है। इसी दौरान बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष मनमोहन सामल को हार का सामना करना पड़ा, लेकिन बता दें कि यहीं नहीं, बीजद और कांग्रेस अध्यक्ष की भी तकरीबन यही स्थिति रही है।
प्रदेश में तीनों राजनितिक दलों के अध्यक्ष इस चुनाव में जीत हासिल नहीं कर पाए। काफी प्रयासों केबाद भी चुनाव लड़ रहे तीनों दलों के प्रमुख नेताओं को हार का सामना करना पड़ा है।
बीजद अध्यक्ष नवीन पटनायक
ओडिशा लोकसभा चुनाव 2024 के तहत बीजद अध्यक्ष और मुख्यमंत्री नवीन पटनायक हिंजली और कांटाबांजी इन दो लोकसभा सीटों से चुनाव लड़े थे। बताया जा रहा है कि हालांकि, नतीजों के अनुसार कांटाबांजी सीट से उन्हें हार का सामना करना पड़ा है। यहां की सियासत में पहली बार है जब नवीन पटनायक को विपक्षी पार्टियों से हार मिली।
बता दें कि भारतीय जनता पार्टी (BJP) उम्मीदवार लक्ष्मण बाग ने उन्हें 16,321 मतों से हराया। इसी दौरान बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष मनमोहन सामल भी चांदबाली लोकसभा सीट से चुनाव लड़े थे और बीजद उम्मीदवार ब्योमकेश राय से वह 1,922 मतों के अंतर से हार गए।
प्रदेश में कांग्रेस को झटका
वहीं, प्रदेश कांग्रेस कमेटी (PCC) के अध्यक्ष शरत पटनायक लोकसभा चुनाव की नुआपाड़ा सीट से चुनाव लड़ रहे थे। लेकिन बीजद के राजेंद्र ढोलकिया से 46,321 मतों से चुनाव हार गए हैं। बताया जा रहा है कि प्रदेश में ऐसा पहली बार हुआ है जब तीन प्रमुख राजनीतिक दलों के अध्यक्षों को हार का सामना करना पड़ा है।