उत्तर प्रदेश में विधानसभा उपचुनाव होने जा रहे हैं। इसी बीच योगी आदित्यनाथ ने यूपी की दस विधानसभा सीटों के उपचुनाव के लिए तैयारियां और भी तेज कर दी है। वहीं मायावती ने चुनाव के दौरान आज एक अहम बैठक बुलाई है। प्रदेश पदाधिकारियों से लेकर जिलाध्यक्ष तक इस बैठक में शामिल होंगे।
UP Bye Election 2024: उत्तर प्रदेश में विधानसभा की 10 सीटों उपचुनाव होने जा रहे हैं। इसके लिए सभी राजनितिक दल तैयारियों में जुट गए हैं। इसी बीच बसपा सुप्रीमो मायावती ने उपचुनाव में खाता खोलने की तैयारियों को लेकर लखनऊ में एक अहम बैठक बुलाई है। जहां बसपा के सभी पदाधिकारियों को बलाया गया।
खबरों से पता चला कि लोकसभा चुनाव में शून्य पर सिमटने से पार्टी को लगे झटके से बाहर निकलने के लिए बसपा प्रमुख की कोशिश है कि उपचुनाव में बेहतर प्रदर्शन करे जिससे अगले विधानसभा चुनाव में दो दशक पुराना इतिहास दोहराया जा सके। पूर्व में उपचुनावों से दूर रहने वाली बसपा अब हर एक सीट पर उपचुनाव लड़ने को तैयार हो गई है।
बैठक में पार्टी के नेशनल कोऑर्डिनेटर नहीं होंगे शामिल
खबरों के मुताबिक मायावती की उपचुनावों को लेकर गंभीरता से यह अनुमान लगाया जा सकता है कि उन्होंने प्रदेश पदाधिकारियों के साथ ही सभी जिलाध्यक्षों की रविवार को विशेष बैठक बुलाई थी। बताया गया है कि माल एवेन्यू स्थित पार्टी मुख्यालय में सुबह 11 बजे से होने वाली बैठक में बसपा प्रमुख उपचुनाव की तैयारियों के साथ ही उम्मीदवारों के चयन पर पदाधिकारियों से चर्चा करने वाली हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक जिन जिलों से संबंधित विधानसभा सीटें हैं उनके अध्यक्षों के साथ बसपा प्रमुख अलग से भी बैठक करेंगी। यहां तक कि हरियाणा में व्यस्तता के चलते बैठक में पार्टी के नेशनल कोऑर्डिनेटर (आकाश आनंद) शामिल नहीं होंगे।
भाजपा और सपा के उम्मीदवार उपचुनाव में उतारेंगे
सूत्रों का कहना है कि पार्टी ने हर एक सीट के जातिगत समीकरण को देखते हुए तीन-चार उम्मीदवारों के नाम तय कर दिए हैं। उनमें से अंतिम रूप से प्रत्याशी के चयन से पहले भाजपा और सपा के उम्मीदवारों को देखा जाएगा। ये दोनों पार्टियां जिस बिरादरी के उम्मीदवार उपचुनाव में उतारेंगी, बसपा उसके बजाय वहां प्रभाव रखने वाले दूसरे समाज के प्रत्याशी को चुनाव लड़ाएगी। बता दें कि बैठक में मायावती बूथ स्तर तक नए सिरे से संगठन को खड़ा करने के लिए किए गए बदलाव की समीक्षा को करेगी।
बसपा अकेले राज्य में सरकार बनाये - मायावती
मिली जानकारी के अनुसार लोकसभा चुनाव में बसपा के खराब प्रदर्शन के बाद पार्टी प्रमुख ने प्रदेश से लेकर निचले स्तर तक के कई पदाधिकारियों की छुट्टी कर सक्रिय व पार्टी के प्रति वफादार कार्यकर्ताओं को संगठन में मौका देना चाहा है। जातिगत समीकरण को ध्यान में रखकर सेक्टर व बूथ स्तर तक संगठन को खड़ा किया जा रहा है जिससे नए सिरे से मजबूत सगंठन खड़ा हो सके। मायावती की कोशिश ये है कि पार्टी का जनाधार बढ़े ताकि वर्ष 2027 के विधानसभा चुनाव में वर्ष 2007 के विधानसभा चुनाव की तरह बसपा अकेले दम पर राज्य में सरकार बनाने में कामयाब हो सकें।