1999 में हुए कंधार प्लेन हाईजैक पर आधारित 'आईसी 814: द कंधार हाईजैक' (IC 814 The Kandahar Hijack) सीरीज को लेकर अब विवाद उत्पन्न हो गया है। फिल्म में आतंकवादियों के हिंदू नाम रखे जाने पर भाजपा ने आपत्ति जताई है और इस मुद्दे पर सवाल उठाए हैं।
New Delhi: कंधार प्लेन हाईजैक पर आधारित "आईसी 814 द कंधार हाईजैक" सीरीज को लेकर अब गरमागरमी शुरू हो गई है। इस फिल्म में आतंकवादियों के हिंदू नाम रखे जाने पर भाजपा ने सवाल उठाए हैं। भाजपा का आरोप है कि फिल्म निर्माता अनुभव सिन्हा ने यह सब जानबूझकर किया है। भाजपा नेता अमित मालवीय ने इस फिल्म के बहिष्कार की मांग की है।
भाजपा सरकार ने लगाया आरोप
भाजपा ने आरोप लगाया है कि फिल्म निर्माता अनुभव सिन्हा ने जानबूझकर ऐसे नामों का उपयोग किया है। भाजपा नेता अमित मालवीय ने कहा कि आतंकियों की मुस्लिम पहचान को छिपाने के लिए हिंदू नामों का सहारा लिया गया है। इसलिए, अब इस फिल्म का बहिष्कार होना चाहिए।
मालवीय ने बताया कि पाकिस्तानी आतंकवादियों के अपराधों को छुपाने के लिए लेफ्ट का यह एजेंडा है। यह सिनेमा की ताकत है, जिसका प्रयोग कम्युनिस्ट 70 के दशक से प्रभावी ढंग से कर रहे हैं। यह केवल समय के साथ-साथ भारत की सुरक्षा मशीनरी पर सवाल उठाने का कारण बनेगा।
क्या है विमान हाईजैक की स्टोरी?
24 दिसंबर 1999 को 176 यात्रियों के साथ उड़ान भरने वाले इंडियन एयरलाइंस के विमान IC-814 को काठमांडू के त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट से नई दिल्ली के लिए रवाना होना था। इसी दौरान, उड़ान भरते समय इस विमान का अपहरण कर लिया गया। इस विमान को पांच आतंकवादियों ने हाईजैक किया था। ये आतंकवादी विमान को अमृतसर, लाहौर, दुबई होते हुए कंधार ले गए। सात दिनों तक यह हाईजैक की घटना चलती रही।
फिल्म को किया जा सकता हैं बायकॉट
बता दें कि जिन पांच आतंकवादियों ने प्लेन हाईजैक किया था वो सभी मुस्लिम थे। जिनका नाम इब्राहिम अख्तर, शाहिद अख्तर, सन्नी अहमद, जहूर मिस्त्री और शाकिर था। हालांकि, इस फिल्म में इन आतंकवादियों के बदले हुए नाम भोला और शंकर रखे गए हैं। इसी पर विवाद छिड़ गया है। सोशल मीडिया पर भी फिल्म के बायकॉट की मांग हो रही है।
फिल्म में एक्टर विजय वर्मा ने कैप्टन देवी शरण का किरदार निभाया है, जो प्लेन के हाईजैक के दौरान पायलट हैं। नेटफ्लिक्स पर इस सीरीज की स्ट्रीमिंग शुरू हो चुकी है।
मुकेश छाबड़ा ने स्पष्ट किये बयान
आतंकियों के बदलते नामों को लेकर फिल्म श्रृंखला के निर्देशक मुकेश छाबड़ा ने स्पष्ट किया कि इस घटना में शामिल आतंकवादियों ने एक-दूसरे के विभिन्न नकली नामों का उपयोग किया था। इस श्रृंखला को बनाने के लिए गहन शोध किया गया है।