IAS Shruti Sharma Success Story: सोशल मीडिया संतुलन और कड़ी मेहनत से AIR-1 तक पहुँचीं, असफलता से मिली सफलता की प्रेरणा

IAS Shruti Sharma Success Story: सोशल मीडिया संतुलन और कड़ी मेहनत से AIR-1 तक पहुँचीं, असफलता से मिली सफलता की प्रेरणा
Last Updated: 17 घंटा पहले

यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा, जिसे भारत की सबसे कठिन परीक्षा माना जाता है, पास करने की सफलता हर किसी के लिए बड़ी बात होती है। हर साल लाखों उम्मीदवार इस परीक्षा में शामिल होते हैं, लेकिन उनमें से केवल कुछ ही इस परीक्षा में सफलता हासिल कर पाते हैं। इन चुनिंदा सफल उम्मीदवारों में से एक नाम है श्रुति शर्मा, जो यूपीएससी 2021 के ऑल इंडिया रैंक (AIR)-1 से आयी हैं। उनकी सफलता की कहानी केवल उनकी मेहनत और समर्पण का परिणाम नहीं, बल्कि उनके दृढ़ निश्चय और सही दृष्टिकोण का भी नतीजा हैं।

श्रुति शर्मा का शुरुआती सफर

श्रुति शर्मा, उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले की रहने वाली हैं। उनका शिक्षा जीवन भी बहुत प्रेरणादायक रहा है। श्रुति ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा दिल्ली के प्रतिष्ठित सर्दार पटेल विद्यालय से की, इसके बाद दिल्ली विश्वविद्यालय के सेंट स्टीफंस कॉलेज से स्नातक की डिग्री प्राप्त की। अपनी पढ़ाई के दौरान उन्होंने महसूस किया कि UPSC के लिए तैयारियां करने की उनकी इच्छा थी, और यही कारण था कि उन्होंने जामिया मिलिया इस्लामिया रेजिडेंशियल कोचिंग एकेडमी में दाखिला लिया। यही वह स्थान था, जहां से उनकी UPSC की तैयारी में एक नया मोड़ आया।

पढ़ाई के दौरान सोशल मीडिया से तालमेल

श्रुति ने अपनी सफलता की कहानी में एक महत्वपूर्ण पहलू साझा किया है। उन्होंने बताया कि उन्होंने सोशल मीडिया से पूरी तरह दूरी नहीं बनाई थी। उनके अनुसार, पढ़ाई के दौरान ब्रेक लेते वक्त सोशल मीडिया स्क्रॉल करना, पिक्चर देखना और वॉक करना उन्हें बहुत पसंद था। यह उन्हें मानसिक रूप से ताजगी देने का एक तरीका था। श्रुति का मानना है कि सामाजिक संतुलन बनाए रखना बहुत जरूरी है, ताकि व्यक्ति किसी भी कार्य को अच्छी तरह से कर सके।

UPSC में पहला प्रयास और असफलता

श्रुति ने अपनी पहली कोशिश में यूपीएससी इंटरव्यू के दौरान सिर्फ एक अंक से असफलता का सामना किया। उस वक्त उन्हें लगा कि उनकी मेहनत पूरी तरह से रंग नहीं लाई, लेकिन उन्होंने इसे हार मानने का कारण नहीं माना। उनका नजरिया था कि यह असफलता एक नया अवसर है, जिससे उन्होंने और कड़ी मेहनत करने की ठानी। यह घटना उनके लिए एक सबक बन गई कि मेहनत के बाद भी असफलता मिल सकती है, लेकिन यही असफलता एक नए अवसर के रूप में सामने आती हैं।

अगले प्रयास में मिली सफलता

श्रुति ने दूसरी बार पूरी मेहनत और दृढ़ता के साथ अपनी तैयारी की। उन्होंने अपनी पिछली गलतियों से सीखा और अपनी तैयारी की रणनीति में सुधार किया। इस बार उन्होंने ऑल इंडिया रैंक (AIR)-1 प्राप्त किया, जो उनके परिश्रम और आत्मविश्वास का परिणाम था। यह उनकी सफलता की कहानी को और भी प्रेरणादायक बनाता है, क्योंकि इस बार उन्होंने साबित कर दिया कि अगर किसी में लगन और आत्मविश्वास हो, तो कोई भी बाधा उसे सफलता से रोक नहीं सकती।

यूपीएससी की तैयारी में मददगार साबित हुईं न्यूज पेपर

श्रुति ने बताया था कि उनकी यूपीएससी की तैयारी में न्यूज पेपर ने उन्हें सबसे ज्यादा मदद की। वह करंट अफेयर्स के नोट्स बनाने के लिए नियमित रूप से न्यूज पेपर पढ़ती थीं, और यह उन्हें सिविल सेवा परीक्षा के विभिन्न पहलुओं को समझने में मदद करता था। उनका मानना है कि वर्तमान घटनाओं के बारे में अपडेट रहना और उन्हें सही ढंग से समझना UPSC की परीक्षा में सफलता पाने के लिए बहुत जरूरी हैं।

कुल अंक और पदस्थापना

श्रुति शर्मा को यूपीएससी परीक्षा में कुल 1105 अंक प्राप्त हुए थे, जिसमें से उन्होंने मेन्स में 932 अंक और इंटरव्यू राउंड में 173 अंक प्राप्त किए। उनके प्रयासों का परिणाम यह हुआ कि वह आवास एवं शहरी मामलों के विभाग में सहायक सचिव के पद पर तैनात हो गईं। उनका यह पद ग्रहण करने का सपना अब हकीकत में बदल चुका है, और उनकी मेहनत ने यह साबित कर दिया कि अगर मेहनत सच्ची हो, तो कोई भी सफलता दूर नहीं होती।

सफलता के बाद श्रुति का संदेश

श्रुति शर्मा का संदेश आज लाखों युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत है। वह हमेशा यह कहती हैं कि सफलता कभी आसान नहीं होती, लेकिन अगर व्यक्ति अपनी मेहनत और ईमानदारी से काम करे, तो किसी भी मुश्किल को पार किया जा सकता है। उन्होंने हमेशा खुद पर विश्वास रखा और लगातार कठिन परिश्रम किया। उनका यह संदेश है कि जो अपने लक्ष्य के प्रति सच्चे होते हैं, उन्हें सफलता मिलती हैं।

आईएएस श्रुति शर्मा की सफलता केवल उनके परिश्रम और कठिनाईयों को पार करने की कहानी नहीं, बल्कि एक प्रेरणा है। वह यह साबित करती हैं कि यदि एक व्यक्ति के पास आत्मविश्वास, दृढ़ता और सही दिशा में मेहनत हो, तो वह किसी भी मुश्किल को पार कर सकता है और अपनी मंजिल तक पहुंच सकता है। उनकी सफलता की कहानी आज लाखों युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत है, जो यूपीएससी या किसी भी कठिन परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं।

यूपीएससी के माध्यम से समाज की सेवा करने का श्रुति का सपना अब साकार हो चुका है। अब वह आने वाली पीढ़ियों के लिए एक आदर्श बन चुकी हैं, जिनकी सफलता ने यह साबित कर दिया कि मेहनत और सही दृष्टिकोण से कोई भी लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता हैं।

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