चैत्र पूर्णिमा पर मनाया जाने वाला हनुमान जन्मोत्सव इस वर्ष 12 अप्रैल 2025 को पूरे देश में भक्तिभाव के साथ मनाया जाएगा। इस दिन भक्त भगवान हनुमान को प्रसन्न करने के लिए व्रत रखते हैं, विशेष पूजा करते हैं और संकटों से मुक्ति के लिए विविध उपाय अपनाते हैं। धार्मिक मान्यता है कि हनुमान जी की आराधना से व्यक्ति को भय, रोग, शोक और सभी बाधाओं से छुटकारा मिलता है।
इस वर्ष जन्मोत्सव पर एक खास उपाय भक्तों के बीच चर्चा में है, कलावे की बत्ती से दीपक जलाना। ऐसा माना जाता है कि यह उपाय करने से हनुमान जी की विशेष कृपा प्राप्त होती है और जीवन में मौजूद सभी नकारात्मक शक्तियों का विनाश होता है।
क्या है कलावे की बत्ती से दीपक जलाने का उपाय?
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, कलावा जिसे 'मौली' भी कहा जाता है, पवित्रता और रक्षा का प्रतीक होता है। इसे आमतौर पर पूजा के समय हाथ में बांधा जाता है, लेकिन हनुमान जन्मोत्सव के दिन कलावे से बनी बत्ती को दीपक में जलाना एक दुर्लभ किंतु अत्यंत शक्तिशाली उपाय माना गया है।
दीपक जलाने की विधि
• सुबह स्नान कर शुद्ध वस्त्र पहनें, विशेष रूप से लाल वस्त्र।
• हनुमान जी की प्रतिमा या चित्र के सामने एक साफ वेदी सजाएं।
• एक मिट्टी या पीतल का दीपक लें और उसमें शुद्ध घी या चमेली का तेल डालें।
• कलावे को हल्के हाथों से मरोड़कर लंबी बत्ती बना लें।
• इस बत्ती को दीपक में रखें और भगवान हनुमान के सामने प्रज्वलित करें।
• दीपक जलाते समय आंखें बंद कर मनोकामना और संकटों से मुक्ति की प्रार्थना करें।
• इसके बाद हनुमान चालीसा, बजरंग बाण या सुंदरकांड का पाठ करें।
• शाम को आरती कर दीपक को हनुमान जी के समक्ष ही रखें।
क्यों विशेष है यह उपाय?
पंडितों और ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, कलावा नकारात्मक ऊर्जा से रक्षा करता है और जब इसे दीपक की बत्ती के रूप में उपयोग किया जाता है, तो यह एक शक्तिशाली आध्यात्मिक कवच बनाता है। हनुमान जी की पूजा में यह उपाय विशेष रूप से उन लोगों के लिए फलदायी है जो जीवन में लगातार परेशानियों, भय, कोर्ट-कचहरी, या मानसिक तनाव से जूझ रहे हैं।
हनुमान जन्मोत्सव के इस शुभ दिन पर यदि श्रद्धा और नियमपूर्वक कलावे की बत्ती से दीपक जलाया जाए, तो यह न केवल भक्त के जीवन से संकटों को दूर करता है, बल्कि उसके घर-परिवार में भी सुख-शांति और समृद्धि का संचार करता है। यह सरल किंतु प्रभावशाली उपाय हर भक्त के लिए वरदान साबित हो सकता है।