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आज के पंचांग में छिपा है सौभाग्य का राज़, जानें कब और कैसे मिलेगा लाभ

आज के पंचांग में छिपा है सौभाग्य का राज़, जानें कब और कैसे मिलेगा लाभ

हिंदू पंचांग के अनुसार आज का दिन यानी 3 जुलाई 2025, आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि है। गुरुवार के दिन पड़ने वाली अष्टमी तिथि को विशेष धार्मिक महत्व प्राप्त है। आज का दिन मां दुर्गा की उपासना के लिए समर्पित है और दुर्गाष्टमी व्रत भी आज ही रखा जा रहा है। यह व्रत विशेषकर महिलाओं के बीच संतान सुख और पारिवारिक समृद्धि की कामना से किया जाता है।

तिथि और वार का संयोग

विक्रम संवत 2082 और शक संवत 1947 के अनुसार आज का दिन आषाढ़ शुक्ल अष्टमी है। गुरुवार का दिन स्वयं में गुरु ग्रह से जुड़ा होता है, जो ज्ञान और धर्म का प्रतीक माना जाता है। इस तरह आज का दिन ज्ञान, पूजा और व्रत के लिए अनुकूल माना गया है। अष्टमी तिथि दोपहर 2 बजकर 7 मिनट तक रहेगी, इसके बाद नवमी तिथि का आरंभ होगा।

दुर्गाष्टमी व्रत की मान्यता

आज का दिन दुर्गाष्टमी व्रत के रूप में मनाया जा रहा है। इस दिन श्रद्धालु मां दुर्गा की पूजा करते हैं, दुर्गा सप्तशती का पाठ करते हैं और व्रत रखते हैं। कन्या पूजन की परंपरा भी आज के दिन निभाई जाती है। माना जाता है कि इस दिन किया गया पूजन सभी दुखों और विघ्नों को हरता है।

सूर्योदय और सूर्यास्त का समय

आज सूर्योदय सुबह 5 बजकर 27 मिनट पर हुआ और सूर्यास्त शाम 7 बजकर 23 मिनट पर होगा। इन दोनों समयों को ध्यान में रखकर पूजा-पाठ और संकल्प लिए जाते हैं। खासकर व्रतधारी महिलाएं सूर्योदय के बाद उपवास प्रारंभ कर सूर्यास्त तक देवी पूजन करती हैं।

राहुकाल और अशुभ समय

आज दोपहर 1 बजकर 30 मिनट से 3 बजे तक राहुकाल रहेगा। यह काल नया कार्य शुरू करने के लिए अशुभ माना जाता है। इसके अलावा गुलिक काल सुबह 9 बजे से 10 बजकर 30 मिनट तक और यमगंड काल सुबह 6 बजे से 7 बजकर 30 मिनट तक रहेगा। इन समयों के दौरान यात्रा, खरीदारी या नया कार्य शुरू करने से बचा जाता है।

शुभ मुहूर्त की जानकारी

आज कई शुभ मुहूर्त बन रहे हैं जो पूजा, व्रत संकल्प और अन्य धार्मिक क्रियाओं के लिए अनुकूल हैं।

ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 4 बजकर 7 मिनट से 4 बजकर 47 मिनट तक

अमृत काल: सुबह 5 बजकर 27 मिनट से 7 बजकर 12 मिनट तक

विजय मुहूर्त: दोपहर 2 बजकर 45 मिनट से 3 बजकर 40 मिनट तक

गोधूलि बेला: शाम 7 बजकर 22 मिनट से 7 बजकर 42 मिनट तक

निशिथ काल: रात 12 बजकर 5 मिनट से 12 बजकर 46 मिनट तक

इन सभी समयों में जप, पाठ, हवन और देवी उपासना करने का विशेष महत्व होता है।

अशुभ समय

आज दुर्मुहूर्त काल सुबह 10 बजकर 6 मिनट से 11 बजकर 2 मिनट तक रहेगा। यह समय किसी भी शुभ कार्य के लिए उपयुक्त नहीं होता। मान्यता है कि इस समय में किया गया कोई भी नया कार्य बाधा उत्पन्न कर सकता है।

नक्षत्र और योग की स्थिति

आज का दिन हस्त नक्षत्र के प्रभाव में आरंभ होगा। यह नक्षत्र दोपहर 1 बजकर 51 मिनट तक रहेगा, उसके बाद चित्रा नक्षत्र का प्रवेश होगा। नक्षत्र परिवर्तन के साथ-साथ आज परिधि योग शाम 6 बजकर 36 मिनट तक रहेगा, इसके बाद शिव योग शुरू होगा। परिधि और शिव दोनों ही शुभ योग माने जाते हैं, जो व्रत, पूजन और मांगलिक कार्यों के लिए उपयुक्त होते हैं।

करण और चंद्रमा का गोचर

आज दोपहर 2 बजकर 7 मिनट तक बव करण रहेगा, इसके उपरांत कौलव करण लगेगा। करणों का असर दिन की प्रवृत्तियों और कार्यों की सिद्धि पर पड़ता है। वहीं चंद्रमा आज कन्या राशि में रहेगा और अर्धरात्रि 3 बजकर 19 मिनट पर तुला राशि में प्रवेश करेगा। चंद्रमा का यह गोचर मन की स्थिति, भावनात्मक स्थिरता और पारिवारिक जीवन पर असर डाल सकता है।

घर के लिए आज का उपाय

आज के दिन एक विशेष उपाय भी किया जाता है। मान्यता है कि हल्दी मिले जल का छिड़काव यदि घर के मुख्य द्वार पर किया जाए, तो इससे नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और सुख-शांति बनी रहती है। चूंकि आज गुरुवार भी है, इसलिए यह उपाय और भी ज्यादा असरकारी माना जाता है। गुरुवार को भगवान विष्णु और बृहस्पति देव को प्रसन्न करने का दिन माना जाता है।

ऋतु और सूर्य की स्थिति

आज सूर्य दक्षिणायन में है और मौसम के अनुसार वर्षा ऋतु का दौर चल रहा है। दक्षिणायन का यह समय आध्यात्मिक दृष्टि से आत्मचिंतन, साधना और उपवास के लिए विशेष माना गया है। उत्तर गोलार्ध में सूर्य की स्थिति गर्मी की समाप्ति और वर्षा की शुरुआत का संकेत देती है।

अन्य पंचांग विवरण

राष्ट्रीय तिथि: आषाढ़ 12

सौर मास: आषाढ़ प्रविष्टे 19

हिजरी तिथि: मुहर्रम 07, हिजरी संवत 1447

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