ओलंपिक खेलों की मेजबानी के लिए भारत अपनी दावेदारी को मजबूत करने में जुटा हुआ है। भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) ने पिछले साल अक्टूबर में अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (IOC) को एक औपचारिक आशय पत्र सौंपा था, जिसमें भारत ने ओलंपिक और पैरालंपिक खेलों की मेजबानी की इच्छा जताई थी।
स्पोर्ट्स न्यूज़: 2036 ओलंपिक खेलों की मेजबानी के लिए भारत अपनी दावेदारी को मजबूत करने में जुटा हुआ है। भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) ने पिछले साल अक्टूबर में अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (IOC) को एक औपचारिक आशय पत्र सौंपा था, जिसमें भारत ने ओलंपिक और पैरालंपिक खेलों की मेजबानी की इच्छा जताई थी। अब हाल ही में आई एक रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि इस आयोजन के लिए भारत को अनुमानित 34,700 करोड़ रुपये से लेकर 64,000 करोड़ रुपये तक खर्च करने पड़ सकते हैं। यह बजट 2024 पेरिस ओलंपिक के अनुमानित खर्च (32,765 करोड़ रुपये) से दोगुना हैं।
गुजरात बनेगा मुख्य केंद्र, अन्य शहर भी होंगे शामिल
हाल ही में गांधीनगर में एक उच्च स्तरीय समन्वय समिति की बैठक हुई, जहां ‘समीक्षा बैठक - अहमदाबाद 2036 के लिए तैयारी’ नामक दस्तावेज प्रस्तुत किया गया। इस रिपोर्ट के अनुसार, अहमदाबाद और गांधीनगर को आयोजन के लिए मुख्य स्थल के रूप में प्रस्तावित किया गया है। इसके अलावा भोपाल, गोवा, मुंबई और पुणे जैसे शहरों को भी खेल आयोजनों के लिए संभावित स्थानों के रूप में चिह्नित किया गया है। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि इन सभी स्थानों को विकसित करने के लिए बड़े पैमाने पर बुनियादी ढांचे और लॉजिस्टिक्स पर निवेश किया जाएगा।
IOC अध्यक्ष किर्स्टी कोवेंट्री की प्रतिक्रिया
IOC की नई अध्यक्ष किर्स्टी कोवेंट्री ने 2036 ओलंपिक खेलों के मेजबान चयन प्रक्रिया पर कहा कि यह एक विस्तृत प्रक्रिया है और अगले कुछ महीनों तक जारी रहेगी। उन्होंने यह भी संकेत दिया कि मेजबान देशों के चयन में पारदर्शिता और भागीदारी को बढ़ाने के लिए नई रणनीतियां अपनाई जा सकती हैं। कोवेंट्री ने स्पष्ट किया कि अगले कुछ महीनों में वह इस संबंध में अपने विचार साझा करेंगी।
कतर और सऊदी अरब समेत 10 से अधिक देश दौड़ में
2036 ओलंपिक खेलों की मेजबानी की दौड़ में भारत अकेला नहीं है। कतर, सऊदी अरब समेत 10 से अधिक देशों ने भी मेजबानी में रुचि व्यक्त की है। हालांकि, अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि किन देशों ने औपचारिक रूप से अपनी दावेदारी प्रस्तुत की है। भारत की बोली अब सतत वार्ता चरण में प्रवेश कर चुकी है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि देश IOC की प्रक्रिया में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा हैं।
2026 तक लिया जा सकता है अंतिम निर्णय
IOC संभावित मेजबानों की दावेदारी की समीक्षा कर रहा है, जिसमें संबंधित देशों की परियोजनाओं, बुनियादी ढांचे, वित्तीय स्थिति और खेल संस्कृति का गहन अध्ययन किया जाएगा। प्रक्रिया के अगले चरण में ‘लक्षित संवाद’ शुरू होगा, जिसके तहत प्रत्येक इच्छुक देश को एक औपचारिक बोली प्रस्तुत करनी होगी। भविष्य के मेजबान आयोग इस बोली का मूल्यांकन करेगा और इसके बाद ही अंतिम निर्णय लिया जाएगा। उम्मीद की जा रही है कि 2026 तक 2036 ओलंपिक खेलों की मेजबानी करने वाले देश की घोषणा की जाएगी।
भारत के लिए ओलंपिक की मेजबानी करना न केवल देश की वैश्विक छवि को मजबूत करेगा, बल्कि खेलों के बुनियादी ढांचे में भी बड़ा सुधार लाएगा। इससे विदेशी निवेश आकर्षित होगा और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। हालांकि, इतने बड़े आयोजन के लिए आवश्यक वित्तीय निवेश और लॉजिस्टिक्स प्रबंधन भारत के लिए एक बड़ी चुनौती होगी।