Meta AI Memory Feature: 'नीला गोला' हुआ और स्मार्ट, Meta AI अब यूजर्स की पुरानी बातें याद रखेगा और समझदारी से जवाब देगा

Meta AI Memory Feature: 'नीला गोला' हुआ और स्मार्ट,  Meta AI अब यूजर्स की पुरानी बातें याद रखेगा और समझदारी से जवाब देगा
Last Updated: 1 दिन पहले

आजकल हर जगह एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) का बोलबाला है। AI ने हमें कई मामलों में मदद की है, जैसे कंटेंट क्रिएशन, फोटो एडिटिंग, जानकारी खोजना और भी बहुत कुछ। अब मेटा ने भी अपने एआई टूल को और स्मार्ट बना लिया है। मेटा के चैटबॉट 'नीला गोला' में एक नया फीचर जोड़ा गया है, जिसे 'मेमोरी फीचर' कहा जा रहा है। इस फीचर से मेटा यूजर्स को और ज्यादा पर्सनलाइज्ड अनुभव देने की कोशिश कर रहा हैं।

क्या है मेटा का नया मेमोरी फीचर?

मेटा ने हाल ही में घोषणा की है कि अब उनके एआई चैटबॉट्स, जो Facebook, Messenger और WhatsApp पर मौजूद हैं, वे यूजर्स की पर्सनल जानकारी याद रखेंगे। यह जानकारी यूजर्स से की गई व्यक्तिगत बातचीत के आधार पर होगी। उदाहरण के लिए, यदि कोई यूजर चैटबॉट से यह बात करता है कि वह शाकाहारी है, तो भविष्य में चैटबॉट उसे शाकाहारी रेसिपी या वेजिटेरियन डाइट के बारे में सुझाव देगा।

इसके अलावा, मेटा के AI चैटबॉट्स आपके ट्रेवल पैटर्न, पसंदीदा भाषाएं, और कई अन्य जानकारी भी याद रखेंगे। अगर आपने कभी चैटबॉट से यह बात की है कि आप स्पेनिश सीखने में रुचि रखते हैं, तो AI आपको स्पेनिश सीखने से संबंधित सुझाव देने में सक्षम होगा।

क्या हैं इसके फायदे?

इस नए फीचर से यूजर्स को कई तरह के फायदे हो सकते हैं। मेटा का AI चैटबॉट अब पहले से कहीं ज्यादा समझदार हो जाएगा। यह आपको अधिक व्यक्तिगत और प्रासंगिक सुझाव देने में सक्षम होगा। जैसे यदि आप छुट्टियों के दौरान कहीं ट्रेवल करने की योजना बना रहे हैं, तो AI चैटबॉट आपके हाल ही के ट्रेवल हिस्ट्री और लोकेशन के आधार पर आपको ट्रिप की सलाह दे सकता हैं।

क्या है इसकी सुरक्षा और प्राइवेसी पर चिंता?

जैसे-जैसे यह तकनीक स्मार्ट होती जा रही है, वैसे-वैसे इससे जुड़ी सुरक्षा और प्राइवेसी पर सवाल उठना स्वाभाविक है। मेटा का कहना है कि वे केवल एक-एक व्यक्तिगत बातचीत को याद रखेंगे और अगर यूजर चाहे तो उसे डिलीट भी कर सकता है। साथ ही, मेटा ने यह भी स्पष्ट किया है कि वे सिर्फ वन-टू-वन चैट्स के डेटा का रिकॉर्ड रखेंगे और इससे संबंधित जानकारी को यूजर की अनुमति से साझा करेंगे।

मेटा का कहना है कि उनका AI चैटबॉट अब सभी ऐप्स से यूजर के अकाउंट से जानकारी लेकर सुझाव देगा। इसमें फेसबुक प्रोफाइल से यूजर की लोकेशन या इंस्टाग्राम पर हाल ही में देखी गई वीडियो जैसी जानकारी शामिल हो सकती हैं।

भारत में कब होगा इसका रोलआउट?

इस नए फीचर का रोलआउट अभी तक केवल अमेरिका और कनाडा के iOS और Android यूजर्स के लिए किया गया है। लेकिन मेटा ने यह भी कहा है कि आने वाले समय में भारत समेत अन्य देशों में भी इसे रोलआउट किया जाएगा। भारत में इस फीचर के आने से यूजर्स को खासा फायदा हो सकता है, क्योंकि लोग यहां ट्रेवलिंग और व्यक्तिगत सिफारिशों के लिए चैटबॉट्स पर भरोसा करते हैं।

क्या यह फीचर यूजर्स के लिए वैकल्पिक होगा?

मेटा का यह फीचर पूरी तरह से यूजर्स की पसंद पर निर्भर करेगा। अगर कोई यूजर नहीं चाहता कि उसका डेटा याद रखा जाए, तो वह इसे डिलीट कर सकता है या इसे बंद कर सकता है। यह पूरी तरह से यूजर की प्राइवेसी पर निर्भर करेगा कि वह कितना डेटा साझा करना चाहता है और कितना नहीं। मेटा का नया मेमोरी फीचर चैटबॉट्स को और स्मार्ट और पर्सनलाइज्ड बनाता है, जिससे यूजर्स को ज्यादा आसानी और सटीक जानकारी मिलती हैं। 

हालांकि, इससे जुड़े सुरक्षा और प्राइवेसी के मुद्दे भी हैं, जिन्हें मेटा को ठीक से सुलझाना होगा। लेकिन यह फीचर एआई की दिशा में एक और कदम आगे बढ़ाते हुए व्यक्तिगत अनुभव को और बेहतर बनाने में सहायक साबित हो सकता हैं। एआई का यह नया युग हमें नई सुविधाएं और अनुभव प्रदान करने के साथ-साथ हमारे डेटा की सुरक्षा पर भी जोर दे रहा हैं।

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