PSLV-C60 SpaDeX Mission: इसरो ने एक बार फिर किया कमाल, PSLV-C60 SpaDeX मिशन लॉन्च, सफल होने पर बन जाएगा ये शानदार रिकॉर्ड

PSLV-C60 SpaDeX Mission: इसरो ने एक बार फिर किया कमाल, PSLV-C60 SpaDeX मिशन लॉन्च, सफल होने पर बन जाएगा ये शानदार रिकॉर्ड
Last Updated: 2 दिन पहले

इसरो के PSLV-C60 SpaDeX मिशन का लॉन्च भारत के लिए स्पेस टेक्नोलॉजी में आत्मनिर्भरता और उन्नति की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। SpaDeX (Space Docking Experiment) मिशन के जरिए इसरो स्पेस में डॉकिंग तकनीक का परीक्षण करेगा।

इसरो: स्पेस टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में कई अद्भुत सफलताएं हासिल करने वाला इसरो एक और बड़ा इतिहास रचने की तैयारी में है। इसरो ने अपने PSLV-C60 SpaDeX (स्पेस डॉकिंग एक्सपेरिमेंट) मिशन को लॉन्च कर दिया है। इस मिशन के तहत इसरो ने दो उपग्रहों का उपयोग किया है, जिनका नाम चेज़र और टारगेट रखा गया है। इन उपग्रहों का वजन 220 किलोग्राम है और ये स्पेस में डॉकिंग प्रक्रिया का परीक्षण करेंगे।

SpaDeX मिशन भारत के लिए एक ऐतिहासिक क्षण है, क्योंकि इसके सफल होने पर भारत रूस, अमेरिका और चीन के बाद दुनिया का चौथा ऐसा देश बन जाएगा, जिसके पास स्पेस डॉकिंग की तकनीक होगी। यह तकनीक अंतरिक्ष में ईंधन भरने, मरम्मत, मॉड्यूल जोड़ने और स्पेस स्टेशन बनाने जैसे उद्देश्यों के लिए बेहद अहम हैं।

क्या हैं SpaDeX मिशन?

इसरो ने अपने PSLV-C60 SpaDeX मिशन के जरिए अंतरिक्ष में डॉकिंग और अनडॉकिंग तकनीक का परीक्षण शुरू कर दिया है। SpaDeX, जिसका पूरा नाम "स्पेस डॉकिंग एक्सपेरिमेंट" है, एक अत्याधुनिक मिशन है, जिसमें दो छोटे अंतरिक्ष यानों, चेज़र और टारगेट, का उपयोग किया जा रहा है। इन दोनों यानों का वजन लगभग 220 किलोग्राम है और इन्हें पीएसएलवी-सी60 के जरिए पृथ्वी से 470 किलोमीटर ऊंचाई पर, 55 डिग्री झुकाव के साथ एक वृत्ताकार कक्षा में प्रक्षेपित किया गया हैं।

डॉकिंग और अनडॉकिंग क्या है?

डॉकिंग वह प्रक्रिया है, जिसमें अंतरिक्ष में दो यान या सैटेलाइट एक-दूसरे से जुड़ते हैं। इसके विपरीत, अनडॉकिंग का मतलब है, उन्हें अंतरिक्ष में रहते हुए अलग करना। इस मिशन का प्राथमिक लक्ष्य है कि "चेज़र" अपने "टारगेट" यान का पीछा करते हुए उससे जुड़े और फिर उसे सफलतापूर्वक अलग करे। यह तकनीक साझा मिशनों, जैसे स्पेस स्टेशन निर्माण, इंटरप्लेनेटरी मिशन और लॉन्ग-टर्म स्पेस प्रोजेक्ट्स के लिए बेहद जरूरी हैं।

SpaDeX मिशन का महत्व

* भविष्य के लक्ष्यों की नींव: SpaDeX मिशन भारत के महत्वाकांक्षी अंतरिक्ष स्टेशन कार्यक्रम (2035 तक) के लिए एक अहम कदम है।
* स्वतंत्र अंतरिक्ष क्षमताएं: इस मिशन की सफलता के साथ भारत, रूस, अमेरिका और चीन के बाद दुनिया का चौथा ऐसा देश बन जाएगा, जिसके पास डॉकिंग तकनीक होगी।
* वैज्ञानिक और तकनीकी प्रगति: यह मिशन अंतरिक्ष में यानों के बीच सहयोग और साझा संसाधन उपयोग को सक्षम करेगा।
* तकनीकी पहलू: इस मिशन के तहत, दोनों यानों को स्वतंत्र रूप से लॉन्च किया जाएगा और उनका आपस में डॉकिंग और अनडॉकिंग परीक्षण किया जाएगा। यह प्रक्रिया 470 किमी की कक्षा में, 66 दिनों के स्थानीय समय चक्र पर आधारित होगी।

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