प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार अपने तीसरे कार्यकाल का पहला आम बजट 23 जुलाई 2024 (मंगलवार) को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण संसद में पेश करेगी। शिक्षा बजट से जनता को काफी उम्मीदें हैं।
एजुकेशन डेस्क: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण केंद्र सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला आम बजट 23 जुलाई 2024 को संसद में पेश करने वाली हैं। व्यापार, रेल और अन्य सेक्टर की तरह स्कूल परिसर, कॉलेज, कौशल विकास और प्रतियोगी परीक्षाओं के कोचिंग संस्थानों के अध्यक्ष और एडटेक प्लेयर्स भी इस बजट से काफी उम्मीदें लगाए बैठे हैं। बाटे दें कि बजट में अधिक लागत वाले प्रोफेशनल कोर्सेस के लिए फंड, सभी शिक्षा सेवाओं पर लगने वाले GST में कुछ छूट, शिक्षा की बुनियादी सुविधाओं का ग्रामीण क्षेत्रों में विकास और भी कई मांगे शामिल हैं. सेक्टर के स्टेकहोल्डर्स को वित्त मंत्री से बहुत ज्यादा उम्मीदें हैं।
ऑनलाइन और ऑफलाइन कोचिंग संस्थान फिजिक्सवाला के सह-संस्थापक प्रतीक कुमार माहेश्वरी ने कहां कि “जो छात्र गरीबी रेखा से नीचे (बीपीएल) और निम्न आय रखने वाले परिवारों से आते हैं, उन्हें सभी शैक्षिक खर्चों पर 100% जीएसटी छूट देनी चाहिए। शिक्षा जैसी बुनियादी जरूरत के लिए लगाया गया 18% टैक्स स्लैब काफी ज्यादा है। इसे कम करके छात्र आवास से संबंधित जीएसटी में भी छूट का प्रावधान किया जाए। इसके साथ ही निजी खिलाड़ी को विकसित करने की ओर दृष्टिकोण करना चाहिए।
जनता को बजट से काफी उम्मीद
जीडी गोएनका समूह के सीईओ गौरव कुमार हिमाकर ने कहां कि “जीएसटी परिषद द्वारा छात्रावास शुल्क को कर से मुक्त कर देना चाहिए। इस क्षेत्र की यह भी राय है कि यदि भारत का लक्ष्य पूरा करके शिक्षा क्षेत्र में "विश्व गुरु" बनना है। सेठ एमआर जयपुरिया ग्रुप ऑफ स्कूल्स के ग्रुप डायरेक्टर कनक कुमार गुप्ता ने कहां कि पिछले कुछ वर्षों से शिक्षा पर खर्च 2 से 3 प्रतिशत तक घट-बढ़ रहा है. लेकिन अब शिक्षा के लिए आवंटन को अधिकतम 6% और उससे अधिक किया जाना चाहिए।
अशोका की प्रबंध निदेशक मोनिका कुमारी मल्होत्रा कांधारी ने बताया कि हमें पीएम मोदी से उम्मीद है कि आगामी केंद्रीय बजट में बढ़ी हुई फंडिंग को प्रदान किया जाएगा और नवीन शैक्षिक समाधानों का समर्थन भी होगा। यूफियस लर्निंग के सहसंस्थापक अमित कुमार कपूर का कहना है कि “हम स्कूलों में डिजिटल बुनियादी ढांचे को तैयार करने के लिए बजट से उम्मीद कर रहे हैं। STEM/STEAM किट और रीडिंग प्रोग्राम जैसे टूल का उपयोग करने से बच्चों को सीखने में काफी वृद्धि होगी।”
बीडीओ इंडिया के एजुकेशन एण्ड स्किलिंग - मैनेजमेंट कंसल्टिंग पार्टनर रोहिन कुमार कपूर ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहां कि इस बजट में शिक्षा क्षेत्र पर होने वाले खर्च को भारत की जीडीपी के मुकाबले कम से कम 5% तक बढ़ाया जाना चाहिए। इस बजट में प्रतियोगी परीक्षाओं में गड़बड़ी रोकने के लिए भी डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर को तैयार करने के लिए स्कूलों और कॉलेजों में निवेश की घोषणा होनी चाहिए। बजट से शिक्षा के क्षेत्र में विकास के लिए लोगों को काफी उम्मीद लगी हुई हैं।