Indian Navy: समुद्र में और भी ताकतवर होगी इंडियन नेवी, जल्द नौसेना के बेड़े में दो स्वदेशी युद्धपोत और एक डीजल-इलेक्ट्रिक पनडुब्बी को किया जाएगा शामिल

Indian Navy: समुद्र में और भी ताकतवर होगी इंडियन नेवी, जल्द नौसेना के बेड़े में दो स्वदेशी युद्धपोत और एक डीजल-इलेक्ट्रिक पनडुब्बी को किया जाएगा शामिल
Last Updated: 31 दिसंबर 2024

हिंद महासागर क्षेत्र में चीन की लगातार बढ़ती पैठ का प्रभावी मुकाबला करने के लिए भारत अपनी नौसैनिक क्षमताओं को सशक्त कर रहा है। इस रणनीति के तहत, भारत अगले महीने जनवरी में अपनी नौसेना के बेड़े में दो स्वदेशी युद्धपोत और एक डीजल-इलेक्ट्रिक पनडुब्बी शामिल करने जा रहा हैं।

नई दिल्ली: भारत अपनी समुद्री लड़ाकू क्षमताओं को सशक्त बनाने के लिए भारतीय नौसेना में जल्द ही तीन प्रमुख स्वदेशी युद्धपोत और पनडुब्बी को शामिल करने जा रहा है। इनमें INS वाग्शीर, INS सूरत, और INS नीलगिरि शामिल हैं। INS वाग्शीर प्रोजेक्ट 75 के तहत निर्मित कलवरी श्रेणी की आखिरी डीजल-इलेक्ट्रिक पनडुब्बी है, जो अत्याधुनिक तकनीकों से लैस है और समुद्र में गुप्त रूप से कार्य करने में सक्षम हैं।

वहीं, INS सूरत, प्रोजेक्ट 15 के तहत विशालपट्टनम सीरीज का अंतिम विध्वंसक जहाज है, जो स्टील्थ तकनीक और शक्तिशाली मिसाइल प्रणालियों से सुसज्जित है। इसके साथ ही, INS नीलगिरि प्रोजेक्ट 17 ए के तहत नीलगिरि सीरीज का पहला मिसाइल फ्रिगेट है, जो लंबी दूरी तक प्रभावी हमला करने के लिए डिजाइन किया गया है। ये तीनों प्लेटफार्म जनवरी में मुंबई में भारतीय नौसेना के बेड़े में शामिल किए जाएंगे। 

1. INS वाग्शीर 

INS वाग्शीर का नाम हिंद महासागर की गहराई में रहने वाली एक शिकारी मछली, सैंड फिश, के नाम पर रखा गया है। यह पनडुब्बी प्रोजेक्ट 75 के तहत डिज़ाइन की गई है और सभी ऑपरेशनल टास्क को पूरा करने के लिए तैयार की गई है। इसका वजन लगभग 1600 टन है और इसमें अत्याधुनिक सेंसर और हथियार प्रणालियाँ लगी हुई हैं, जो इसे समुद्र के नीचे एक प्रभावी युद्धपोत बनाती हैं। 

वहीं, INS सूरत और INS नीलगिरि युद्धपोतों को पिछले हफ्ते मुंबई स्थित मंझगांव डॉक्स (MDL) द्वारा भारतीय नौसेना को सौंप दिया गया था। INS नीलगिरि, प्रोजेक्ट 17A के तहत निर्मित स्टील्थ तकनीक वाला पहला फ्रिगेट जहाज है। इस परियोजना के तहत कुल सात जहाज बनाए जा रहे हैं, जिनमें से निर्माण MDL मुंबई और GRSE कोलकाता द्वारा किया जा रहा हैं। 

2. INS सूरत

INS सूरत भारतीय नौसेना को प्राप्त हुआ एक महत्वपूर्ण युद्धपोत है, जो 35 हजार करोड़ रुपये की लागत से बने प्रोजेक्ट बी स्टील्थ गाइडेड मिसाइल विध्वंसक का चौथा और आखिरी जहाज है। इससे पहले इसी प्रोजेक्ट के तहत तीन अन्य जहाज INS विशाखापत्तनम, INS मोरमुगाओ, और INS इम्फाल को नौसेना के बेड़े में शामिल किया जा चुका है। INS सूरत की डिलीवरी के साथ इस स्वदेशी विध्वंसक निर्माण परियोजना का समापन हुआ है, जिसकी शुरुआत 2021 में हुई थी। 

यह जहाज अब तक का सबसे शक्तिशाली विध्वंसक जहाज है, जिसका वजन 7400 टन और लंबाई 164 मीटर है। INS सूरत को अत्याधुनिक हथियारों और सेंसर से लैस किया गया है, जिसमें हवा में मार करने वाली मिसाइलें, जहाजरोधी मिसाइलें और टॉरपीडो शामिल हैं।

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