ऑस्ट्रेलिया के जंगल में एक अद्भुत दिखने वाला मेंढक मिला है. अन्य मेंढकों की तुलना में इसका रंग काफी अलग है. यह मेंढक नीला रंग का है और इसके सिर पर हरे रंग का जहर से भरा ग्लैंड भी है. वैज्ञानिक भी इस मेंढक को देखकर हैरान हो गए हैं. आइए जानते हैं इस मेंढक के बारे में...
केनबरा: ऑस्ट्रेलिया में मंगलवार (16 जुलाई 2024) वैज्ञानिकों को जंगलों में खोज के दौरान एक अद्भुत किस्म का मेंढक मिला है. पेड़ों पर रहने वाला ये मेंढक दिखने में अन्य मेंढक से म्यूटेंट है. खास बात ये है कि इसकी त्वचा का रंग नीला और सिर पर हरे रंग का जहर से भरा ग्लैंड लगा हुआ है. इस मेंढक में खास तरह के जेनेटिक म्यूटेशन, जिसे एक्सेनथिज्म (Axanthism) कहां जाता हैं. बता दें की इस म्यूटेशन में मेंढक के अंदर पीले रंग की कमी हो जाती है. जबकि आम हरे रंग के मेंढकों में पीले रंग के पिगमेंट ज्यादा पाए जाते हैं।
मेंढक के सिर पर मौजूद हरा रंग
वैज्ञानिक ने बताया कि इस मेंढक के सिर पर अजीबोगरीब हरा रंग मौजूद है. इन मेंढक का नीला रंग जेनेटिक म्यूटेशन के कारण है. बता दें कि पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया के किंबरले में मौजूद वाइल्डलाइफ सैंक्चुरी में यह अलग किस्म का मेंढक पाया गया हैं. हैरानी की बात यह है कि ये मेंढक खुद कूदकर जंगल में रिसर्च कर रहे वैज्ञानिकों की लैब में आ गया. इसके तुरंत बाद वैज्ञानिकों ने इसके बारे में जानने के लिए जांच शुरू कर दी।
जानकारी के मुताबिक यह एक पेड़ पर रहने वाला मेंढक है. जिसे लिटोरिया स्पलेंडिडा (Litoria splendida) के नाम से जाना जाता हैं. इस सैंक्चुरी के कर्मचारियों ने इसकी फोटो लेकर जेक बार्कर के पास भेजी. बता दें जेक ऑस्ट्रेलियन वाइल्डलाइफ कंजरवेंसी में काम करते हैं. जेक ने मेंढक की फोटो देखकर कहां कि इसे देखक मैं हैरान हो गया। क्योकि मैंने नीले रंग का मेंढक अपनी लाइफ में पहली बार देखा था।
मेंढक के लिए जेक ने क्या कहां?
जेक बार्कर ने बताया कि आमतौर पर पेड़ों पर रहने वाले मेंढकों के शरीर का रंग हरा होता हैं और सफेद रंग के छींटे भी होते हैं. लेकिन ये म्यूटेंट मेंढक अन्य की तुलना में चार इंच तक बढ़ सकता है. इसके अलावा इसके सिर पर हरे रंग का हिस्सा दिख रहा है, उसमे जहर से भरी ग्रंथि यानी ग्लैंड मौजूद है. यह जहर स्वाद में बेहद तीखा होता है. इसका शिकार करने वाले को यह जहर बहुत परेशान कर देता हैं।
उन्होंने बताया कि यह अलग दिखने वाला मेंढक अधिकतम 20 साल तक जीवित रह सकता है. साथ ही यह कम बारिश वाले इलाके में ही पाया जाता है. खासतौर से किंबरले में पहली बार शोधकर्ताओं ने इस नीली त्वचा वाले मेंढक को करीब से देखा है. इसके शरीर पर कुछ सफेद छीटें और पैरों का रंग पीला है. ऑस्ट्रेलियन म्यूजियम की हरपेटोलॉजिस्ट जोडी रॉली ने जानकारी देते हुए कहां कि यह प्रकृति का डरावना जीव है. कोई मेंढक नीले रंग का हो सकता है ऐसी कोई उम्मीद ही नहीं कर सकता. इस मेंढक की लंबाई करीब 4.7 इंच है. लेकिन यह अपने तय आकार से काफी बड़ा है. यानी इसकी उम्र भी ज्यादा होगी।