RBI: ब्याज दर में घट-बढ़ से पर्सनल लोन की EMI पर क्या असर पड़ेगा, जानिए RBI का बयान

RBI: ब्याज दर में घट-बढ़ से पर्सनल लोन की EMI पर क्या असर पड़ेगा, जानिए RBI का बयान
Last Updated: 8 घंटा पहले

RBI ने बैंकों को निर्देश दिए कि पर्सनल लोन EMI फिक्स्ड ब्याज दर पर हों। लोन एग्रीमेंट में ब्याज दर और EMI जानकारी देना आवश्यक, तिमाही स्टेटमेंट भी अनिवार्य होगा।

RBI statement on personal loan: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने शुक्रवार को सभी बैंकों को आदेश दिया कि वे EMI आधारित सभी पर्सनल लोन को फिक्स्ड ब्याज दर पर प्रदान करें। यह निर्देश उन लोन पर लागू होगा जो एक्सटर्नल या इंटरनल बेंचमार्क पर आधारित हैं।

EMI लोन से संबंधित जानकारी

RBI ने स्पष्ट किया कि जब लोन मंजूर किया जाएगा, तो उसे लेकर पूरी जानकारी लोन एग्रीमेंट और फैक्ट स्टेटमेंट (KFS) में दी जानी चाहिए। इसमें सालाना ब्याज दर, EMI राशि और लोन की अवधि के बारे में पूरी जानकारी शामिल होनी चाहिए। अगर लोन की अवधि में बढ़ोतरी की जाती है, तो उधारकर्ता को इसके बारे में पूरी जानकारी दी जानी चाहिए।

संचार के लिए तिमाही स्टेटमेंट अनिवार्य

RBI ने यह भी कहा कि अगर किसी लोन में ब्याज दरों के बदलाव होते हैं, तो तिमाही स्टेटमेंट जारी करना जरूरी होगा। इस स्टेटमेंट में उधारकर्ता को प्रिंसिपल और ब्याज, EMI राशि, बची हुई EMI और लोन की अवधि की जानकारी दी जानी चाहिए।

पर्सनल लोन लेने वालों की संख्या में इजाफा

एक रिपोर्ट के अनुसार, पिछले कुछ वर्षों में पर्सनल लोन लेने वालों की संख्या में वृद्धि हुई है। करीब 50 लाख लोग ऐसे हैं जिन्होंने चार या उससे अधिक लेंडर्स से कर्ज लिया है, जो कि कुल कर्ज लेने वालों का लगभग 6% हैं। क्रेडिट ब्यूरो CRIF High Mark के आंकड़ों के अनुसार, 1.1 करोड़ लोग तीन या उससे अधिक लेंडर्स से कर्ज ले चुके हैं।

RBI के इन दिशा-निर्देशों का उद्देश्य उधारकर्ताओं को पारदर्शिता और सुरक्षा प्रदान करना है, ताकि वे अपनी EMI की स्थिति और कर्ज की जानकारी आसानी से समझ सकें।

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