ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स ने साइकिल, घड़ी, जूते और पानी के लिए जीएसटी स्लैब में बदलाव की सिफारिश की है। आगामी महीने में होने वाली जीएसटी काउंसिल की बैठक में विभिन्न वस्तुओं पर राहत मिलने की संभावना जताई गई है।
नई दिल्ली: जीएसटी पर गठित मंत्रियों के समूह ने विभिन्न स्थानों पर टैक्स दरों में बदलाव की सिफारिश की है। इन सभी मुद्दों पर अगले महीने होने वाली जीएसटी काउंसिल की बैठक में निर्णय लिया जा सकता है। साइकिल पर से टैक्स हटाने की संभावना जताई गई है, जबकि महंगे जूतों और घड़ियों पर टैक्स बढ़ाने का सुझाव दिया गया है। इसके अतिरिक्त, सिन टैक्स को बढ़ाने पर भी चर्चा हो सकती है, जिससे सरकार को 22,000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त कमाई होने की उम्मीद है।
महंगे जूतों और घड़ियों पर टैक्स बढ़ेगा, साइकिलें होंगी सस्ती
ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स के अनुसार, कई स्थानों पर टैक्स बढ़ाने और घटाने की सिफारिश की गई है। यदि सभी सिफारिशें मान ली जाती हैं, तो 25,000 रुपये से महंगी घड़ी पर जीएसटी 18% से बढ़कर 28% हो सकता है। इसी तरह, 15,000 रुपये से महंगे जूतों पर भी जीएसटी 18% से बढ़कर 28% हो सकता है।
प्रस्ताव के अनुसार, 10,000 रुपये से सस्ती साइकिल पर अब 12% के बजाय 5% जीएसटी लगाया जा सकता है। बोतलबंद पानी की 20 लीटर से बड़ी बोतल पर भी जीएसटी 18% के बजाय 5% स्लैब में डाला जा सकता है। इसके अलावा, एक्सरसाइज बुक्स पर जीएसटी को 12% से घटाकर 5% करने का भी प्रस्ताव है।
सिन टैक्स वृद्धि की सिफारिश
ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स ने सिन टैक्स (Sin Tax) को बढ़ाने की सिफारिश की है, जिसके तहत ऐसी वस्तुओं को 18% से बढ़ाकर 28% के दायरे में लाने की मांग की गई है। सिन गुड्स में शराब, तंबाकू और सिगरेट जैसे उत्पाद शामिल हैं।
एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, सरकार लग्जरी आइटम पर टैक्स बढ़ाकर अपना राजस्व बढ़ाना चाहती है, जबकि आम जनता के इस्तेमाल की चीजों पर टैक्स घटाने का लक्ष्य रखती है।
इसके अलावा, हेल्थ इंश्योरेंस और लाइफ इंश्योरेंस पर से जीएसटी हटाने की भी सिफारिश की गई है। इस संबंध में अंतिम निर्णय जीएसटी काउंसिल द्वारा लिया जाएगा। जीएसटी काउंसिल ने पिछले महीने अपनी बैठक में 13 सदस्यीय ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स (GOM) का गठन किया था।