कोचीन शिपयार्ड, हुडको, और भारत डायनेमिक्स समेत 12 स्टॉक्स ने पिछले एक वर्ष में मल्टीबैगर रिटर्न प्रदान किया है, लेकिन अब ये अपने 52-सप्ताह के उच्चतम स्तर से 40% से अधिक गिर चुके हैं। इस गिरावट ने निवेशकों को एक महत्वपूर्ण सवाल पर विचार करने के लिए मजबूर कर दिया है: क्या यह खरीदारी का सही समय है, या यह एक धोखा हो सकता है?
Stok Market: शेयर बाजार में दिवाली से पहले उथल-पुथल जारी है। सोमवार को निफ्टी में आई पुल बैक रैली मंगलवार को सेल ऑफ में बदलती दिखाई दे रही है, जिससे निफ्टी सुबह के सत्र में 150 अंकों की गिरावट के साथ 24,180 के स्तर पर ट्रेड कर रहा है। पिछले कुछ दिनों से बाजार का ट्रेंड नकारात्मक रहा है, जिससे निवेशकों के लिए चिंता बढ़ गई है।
दिवाली से पहले बाजार में गिरावट को दिवाली सेल मानकर कुछ निवेशक अच्छे स्टॉक्स खरीदने का प्रयास कर रहे हैं। हालाँकि, कुछ प्रमुख स्टॉक्स अपने हालिया उच्च स्तर से 40% तक गिर चुके हैं, जिससे यह संदेह उत्पन्न होता है कि क्या यह वास्तव में एक खरीदने का मौका है या केवल एक ट्रैप। इस गिरावट के पीछे के कारणों में कॉर्पोरेट अर्निंग में कमजोरी और एफआईआई द्वारा लगातार बिकवाली शामिल हैं, जिसने मार्केट के ट्रेंड को कमजोर किया है।
40% गिरावट का सामना
कोचीन शिपयार्ड, हुडको और भारत डायनेमिक्स जैसे 12 स्टॉक्स ने पिछले एक साल में मल्टीबैगर रिटर्न देने के बाद अपने 52-सप्ताह के उच्चतम स्तर से कम से कम 40% गिरावट का सामना किया है। इस गिरावट ने निवेशकों के लिए एक महत्वपूर्ण सवाल खड़ा कर दिया है: क्या यह खरीदने का सही समय है, या यह केवल एक जाल है?
स्टॉक की गिरावट का विश्लेषण
बीएसई में लिस्टेड सभी स्टॉक्स की एक स्टडी से पता चला है कि कम से कम 1,000 करोड़ रुपये के बाजार पूंजीकरण वाले 115 स्टॉक्स अपने उच्चतम स्तर से 40% तक गिर चुके हैं। इनमें से कई स्टॉक्स सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों (PSUs) में शामिल हैं, जो हाल के समय में कठिनाई का सामना कर रहे हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह की गिरावट अक्सर निवेशकों के लिए आकर्षक अवसरों का संकेत हो सकती है, लेकिन इसके साथ ही, बाजार के मौजूदा ट्रेंड और कंपनी की मूलभूत स्थिति पर ध्यान देना भी आवश्यक है। उदाहरण के लिए, मुनाफावसूली, महंगे मूल्यांकन और कमजोर कॉर्पोरेट अर्निंग जैसे कारक इस गिरावट के पीछे हो सकते हैं।
कोचीन शिपयार्ड के शेयर अपने उच्चतम स्तर से 54% गिर चुके हैं, लेकिन पिछले एक साल में यह अभी भी 176% की बढ़त दर्शा रहे हैं। इसी तरह, वारी रिन्यूएबल टेक्नोलॉजीज के शेयर भी चर्चा में हैं, क्योंकि इसकी ग्रुप कंपनी वारी एनर्जीज हाल ही में स्टॉक एक्सचेंजों में लिस्ट हुई है। हालांकि, वारी रिन्यूएबल टेक्नोलॉजीज ने अपने उच्चतम स्तर से लगभग 53% की गिरावट देखी है।
अन्य प्रभावित स्टॉक्स
- हुडको
- भारत डायनेमिक्स
- आईएफसीआई
- यूनिटेक
- क्यूपिड
- लोटस चॉकलेट
- डॉल्फिन ऑफशोर एंटरप्राइजेज
हालांकि अधिकांश सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों और पूंजीगत व्यय वाली कंपनियों के पास मजबूत ऑर्डर बुक और विकास की संभावनाएँ हैं, इस गिरावट का मुख्य कारण महंगे मूल्यांकन और मुनाफावसूली का दबाव है। खुदरा निवेशक, जिन्होंने पहले गिरावट पर खरीदारी की थी, अब इन स्टॉक्स के शॉर्ट-टर्म प्राइस मूवमेंट्स को लेकर चिंतित हैं।
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के रिसर्च और वेल्थ मैनेजमेंट के प्रमुख, सिद्धार्थ खेमका, ने बताया कि भविष्यवाणी करना मुश्किल है, लेकिन उन्हें विश्वास है कि यह क्षेत्र कुछ समय के लिए मजबूत रहेगा, क्योंकि मूल्यांकन बुनियादी बातों से आगे निकल चुके हैं। जनवरी में बजट के बारे में चर्चाएँ शुरू होने के बाद बाजार में सुधार की संभावना है।
मार्केट ट्रेंड्स
पिछले एक साल में, निफ्टी स्मॉलकैप इंडेक्स ने 45% की वृद्धि की है, जो निफ्टी के 27% लाभ से अधिक है। एंसिड कैपिटल के मैनेजिंग पार्टनर, अनुराग सिंह, का कहना है कि अगर किसी ने 20-30% करेक्शन देखा है, तो इसका मतलब है कि उनके पोर्टफोलियो की दिशा सही नहीं है। उन्होंने निवेशकों को सलाह दी है कि वे अपने पोर्टफोलियो को फिर से देखें और यह सुनिश्चित करें कि उनका लगभग 50% हिस्सा लार्जकैप में हो।
अर्थव्यवस्था और लाभ
कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज के संजीव प्रसाद ने संकेत दिया कि हालिया आर्थिक रिपोर्टों से पता चलता है कि भारतीय अर्थव्यवस्था मंदी का सामना कर सकती है। उन्होंने कहा कि 2QFY25 के नतीजे उम्मीद से कमज़ोर रहे हैं, जिसके परिणामस्वरूप निफ्टी-50 इंडेक्स के लाभ में गिरावट हो सकती है। वे वित्त वर्ष 2025 और 2026 में निफ्टी-50 के शुद्ध लाभ में क्रमशः 5% और 17% की वृद्धि की उम्मीद कर रहे हैं।