Tamil Leaders: हिंदी विरोध और फिल्मों की डबिंग पर पवन कल्याण का हमला, बोले- यह कैसा पाखंड?

Tamil Leaders: हिंदी विरोध और फिल्मों की डबिंग पर पवन कल्याण का हमला, बोले- यह कैसा पाखंड?
अंतिम अपडेट: 3 घंटा पहले

आंध्र प्रदेश के उपमुख्यमंत्री और जनसेना पार्टी के प्रमुख पवन कल्याण ने तमिलनाडु के नेताओं पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने हिंदी भाषा के विरोध को लेकर सवाल उठाते हुए कहा कि तमिल नेता एक तरफ हिंदी को अस्वीकार करते हैं, वहीं दूसरी ओर हिंदी में अपनी फिल्मों को डब करके आर्थिक लाभ कमाते हैं।

तमिलनाडु: आंध्र प्रदेश के उपमुख्यमंत्री और जनसेना पार्टी के प्रमुख पवन कल्याण ने हाल ही में तमिलनाडु के नेताओं पर हिंदी भाषा के प्रति उनके विरोध को लेकर तीखी आलोचना की है। उन्होंने इस विरोध को "पाखंड" करार देते हुए सवाल उठाया कि तमिलनाडु के नेता हिंदी का विरोध क्यों करते हैं, जबकि वित्तीय लाभ के लिए अपनी फिल्मों को हिंदी में डब करने की अनुमति देते हैं। 

नेशनल एजुकेशन पॉलिसी को लेकर पवन कल्याण का बड़ा बयान

पवन कल्याण का यह बयान उस वक्त आया जब तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने केंद्र सरकार पर राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) के जरिए हिंदी थोपने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा था कि यह नीति शिक्षा सुधार के बजाय "भगवाकरण" की कोशिश है। "तमिल नेता हिंदी भाषा का विरोध करते हैं, लेकिन जब अपनी फिल्मों को हिंदी में डब करने की बात आती है, तो उन्हें कोई दिक्कत नहीं होती। वे बॉलीवुड से पैसा कमाने के लिए हिंदी को अपनाते हैं, लेकिन आम लोगों के लिए इसका विरोध करते हैं। यह दोहरे मापदंड क्यों?"

भाषाई विविधता और भारत की एकता पर दिया जोर

पवन कल्याण ने भाषाई विविधता को भारत की ताकत बताते हुए कहा कि हमें तमिल, तेलुगु, हिंदी, संस्कृत समेत सभी भाषाओं को स्वीकार करना चाहिए। उन्होंने कहा, "हम केवल दो भाषाओं तक सीमित नहीं रह सकते। हमें अपनी भाषाई विविधता को बनाए रखना होगा, ताकि देश में प्रेम और एकता को बढ़ावा मिल सके।"

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने कहा था कि NEP तमिलनाडु की शिक्षा प्रणाली को खत्म करने की कोशिश है। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार हिंदी थोपने के लिए राज्य सरकार पर दबाव बना रही है और शैक्षिक अनुदान की राशि भी रोकी जा रही है। स्टालिन के अनुसार, यह नीति भारत के विकास के लिए नहीं, बल्कि हिंदी को बढ़ावा देने के लिए बनाई गई हैं। 

NEP को लेकर दक्षिण भारतीय राज्यों में लगातार विरोध देखा जा रहा है। वहीं, पवन कल्याण के इस बयान के बाद यह विवाद और तेज हो सकता है। अब देखना होगा कि तमिलनाडु के नेता इस पर क्या प्रतिक्रिया देते हैं और क्या यह मुद्दा आगामी चुनावों में भी देखने को मिलेगा?

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