Market Outlook: महंगाई और तिमाही नतीजों से प्रभावित होगा शेयर बाजार का रुख, चेक करें डिटेल्स 

Market Outlook: महंगाई और तिमाही नतीजों से प्रभावित होगा शेयर बाजार का रुख, चेक करें डिटेल्स 
Last Updated: 9 घंटा पहले

इस सप्ताह भारतीय शेयर बाजार की दिशा कंपनियों के तिमाही नतीजों, मुद्रास्फीति के आंकड़ों और विदेशी निवेशकों की गतिविधियों से तय होगी। इन्फोसिस, रिलायंस जैसी कंपनियों के नतीजों पर बाजार की दिशा निर्भर रहेगी।

Market Outlook: भारतीय शेयर बाजार इस सप्ताह कुछ उतार-चढ़ाव का सामना कर सकता है, क्योंकि निवेशक बड़ी कंपनियों के तीसरी तिमाही के नतीजों का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। इस सप्ताह इन्फोसिस, रिलायंस इंडस्ट्रीज, एचसीएल टेक्नोलॉजीज, एचडीएफसी एएमसी, एचडीएफसी लाइफ इंश्योरेंस कंपनी और एक्सिस बैंक जैसे दिग्गज कंपनियां अपने दिसंबर तिमाही के नतीजों की घोषणा करेंगी। इन नतीजों का असर बाजार की दिशा पर महत्वपूर्ण पड़ सकता है।

मुद्रास्फीति के आंकड़े और रुपये की स्थिति पर ध्यान

बाजार की दिशा तय करने में मुद्रास्फीति के आंकड़े भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। सोमवार को उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित मुद्रास्फीति के आंकड़े और मंगलवार को थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) के आंकड़े जारी किए जाएंगे। इन आंकड़ों के आधार पर बाजार में उतार-चढ़ाव हो सकता है। साथ ही, निवेशकों की निगाह कच्चे तेल की कीमतों और डॉलर के मुकाबले रुपये की स्थिति पर भी रहेगी। पिछले सप्ताह डॉलर के मजबूत होने और अमेरिका में बॉन्ड पर प्रतिफल बढ़ने से निवेशकों की धारणा प्रभावित हुई थी।

विदेशी निवेशकों और घरेलू संस्थाओं के बीच संघर्ष

स्वस्तिका इन्वेस्टमार्ट के वरिष्ठ तकनीकी विश्लेषक प्रवेश गौड़ के अनुसार, भारतीय शेयर बाजार में इस सप्ताह उतार-चढ़ाव हो सकता है, क्योंकि विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) और घरेलू संस्थागत निवेशक (डीआईआई) के बीच संघर्ष जारी रहेगा। पिछले सप्ताह बाजार में तेज गिरावट आई थी, जिसमें विदेशी कोषों की निकासी, डॉलर के मुकाबले रुपये की गिरावट और अमेरिका में बॉन्ड पर प्रतिफल बढ़ना प्रमुख कारण थे।

महंगाई और कच्चे तेल की कीमतों का असर

महंगाई को लेकर चिंताएं भी बढ़ गई हैं, क्योंकि डॉलर इंडेक्स में मजबूती और कच्चे तेल की कीमतों में तेज उछाल ने निवेशकों की धारणा प्रभावित की है। इसके अलावा, अमेरिकी अर्थव्यवस्था और श्रम बाजार के आंकड़े विदेशी निवेशकों के प्रवाह को प्रभावित कर सकते हैं। इस सप्ताह के दौरान कंपनियों के तिमाही नतीजों और मुद्रास्फीति के आंकड़ों के आधार पर बाजार की दिशा स्पष्ट हो सकती है।

आर्थिक आंकड़ों का प्रभाव

नवंबर 2024 में औद्योगिक उत्पादन (आईआईपी) की वृद्धि दर 5.2 प्रतिशत पर पहुंच गई, जो छह महीने का उच्चतम स्तर था। हालांकि, बाजार में तेज गिरावट के कारण निवेशकों में चिंता बनी हुई है। मास्टर ट्रस्ट ग्रुप के निदेशक पुनीत सिंघानिया का कहना है कि यह गिरावट कई कारकों के कारण आई है, जिसमें विदेशी कोषों की निकासी और कच्चे तेल की कीमतों में तेज उछाल शामिल हैं।

आगे का रुख

जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा कि इस सप्ताह कंपनियों के तिमाही नतीजों और मुद्रास्फीति जैसे वृहद आर्थिक आंकड़ों पर सभी की निगाह होगी। वैश्विक मोर्चे पर अमेरिकी अर्थव्यवस्था विशेष रूप से श्रम बाजार के आंकड़े और महंगाई का रुख एफआईआई के प्रवाह को प्रभावित कर सकता है।

इस सप्ताह बाजार में महत्वपूर्ण घटनाक्रम हो सकते हैं, और निवेशकों को सतर्क रहना होगा।

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