Stock Market Crash: सेंसेक्स-निफ्टी में जोरदार गिरावट, 273 अंकों की गिरावट के साथ निफ्टी 22,798 पर पहुंचा

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भारतीय शेयर बाजार में लगातार गिरावट जारी, सेंसेक्स 905 अंक लुढ़का, निफ्टी 22,798 तक गिरा। विदेशी निवेशकों की बिकवाली, कमजोर रुपया और ग्लोबल अनिश्चितताओं से बाजार दबाव में। 22,800 अहम समर्थन स्तर।

Stock Market Crash: भारतीय शेयर बाजारों में गिरावट का सिलसिला जारी है। बुधवार (12 फरवरी) को भी मंदी का असर देखने को मिला। सेंसेक्स 905.21 अंक गिरकर 75,388.39 पर पहुंच गया, जबकि निफ्टी 50 इंडेक्स 273.45 अंक की गिरावट के साथ 22,798.35 पर बंद हुआ।

किन शेयरों में आई गिरावट?

बाजार में भारी गिरावट के लिए ज़ोमैटो, इंडसइंड बैंक, एमएंडएम, अदानी पोर्ट्स, रिलायंस इंडस्ट्रीज, पावर ग्रिड, आईटीसी, एक्सिस बैंक और एशियन पेंट्स जैसे शेयर जिम्मेदार रहे। इन कंपनियों के शेयरों में 2-3% तक की गिरावट देखी गई।

इसके अलावा, अल्ट्राटेक सीमेंट, एनटीपीसी, बजाज फाइनेंस, टाइटन कंपनी, एसबीआई, टाटा मोटर्स, नेस्ले इंडिया और एचडीएफसी बैंक भी गिरावट वाले प्रमुख शेयरों में शामिल रहे।

निफ्टी मिडकैप इंडेक्स में 2.5% और निफ्टी स्मॉलकैप इंडेक्स में 3% की गिरावट दर्ज की गई।

गिरावट के मुख्य कारण

फाइनेंशियल एडवाइजर अखिल पुरी के अनुसार, बाजार में गिरावट के कई कारण हैं:

- बढ़ती अमेरिकी बॉन्ड यील्ड: इससे निवेशकों की रुचि अमेरिकी बाजार में बढ़ रही है, जिससे भारतीय बाजार में बिकवाली हो रही है।
- मजबूत अमेरिकी डॉलर और कमजोर रुपया: रुपये में कमजोरी आने से विदेशी निवेशकों के लिए भारतीय शेयर महंगे हो रहे हैं।
- कमजोर तिमाही नतीजे: ऑटोमोबाइल, कंज्यूमर स्टेपल और बिल्डिंग मैटेरियल सेक्टर के कमजोर प्रदर्शन ने निवेशकों की चिंता बढ़ा दी है।

- विदेशी निवेशकों (FIIs) की बिकवाली: विदेशी निवेशकों ने मंगलवार को 4,486.4 करोड़ रुपये के शेयर बेचे, जिससे बाजार पर दबाव बढ़ा।
- अमेरिकी टैरिफ नीति: डोनाल्ड ट्रंप द्वारा स्टील और एल्युमीनियम पर टैरिफ बढ़ाने के फैसले ने वैश्विक बाजारों में अनिश्चितता पैदा कर दी है।

टेक्निकल ब्रेकडाउन: निफ्टी की स्थिति क्या कहती है?

टेक्निकल एनालिस्ट्स के अनुसार, निफ्टी ने 23,400 के महत्वपूर्ण सपोर्ट लेवल को तोड़ दिया है। एचडीएफसी सिक्योरिटीज के सीनियर टेक्निकल एनालिस्ट नागराज शेट्टी के मुताबिक, "निफ्टी चार्ट पर ‘लोअर टॉप्स और बॉटम्स’ जैसा मंदी का पैटर्न बन रहा है। इंडेक्स अब 22,786 के पिछले निचले स्तर से भी नीचे जा सकता है।”

निफ्टी के लिए आगे क्या संकेत?

चॉइस ब्रोकिंग के डेरिवेटिव एनालिस्ट हार्दिक मटालिया के अनुसार:

- अगर निफ्टी 22,800 के समर्थन स्तर को बनाए रखता है, तो यह 23,800 तक रिकवरी कर सकता है।
- अगर यह इस स्तर से नीचे जाता है, तो बाजार में कंसोलिडेशन या और गिरावट देखी जा सकती है।
- निवेशकों को 22,900-23,000 के बीच गिरावट पर खरीदारी (Buy on Dips) की रणनीति अपनानी चाहिए।
- सेंसेक्स के लिए 75,000 का स्तर अहम रहेगा, अगर यह यहां सपोर्ट बनाए रखता है तो 80,000 तक तेजी संभव है।

निफ्टी में कहां तक गिरावट संभव?

एंजेल वन के टेक्निकल एक्सपर्ट समीत चव्हाण ने कहा, "अगर निफ्टी 23,000 से नीचे रहता है, तो बिकवाली और तेज हो सकती है और यह 22,750-22,800 तक गिर सकता है। दूसरी ओर, 23,250-23,350 के स्तर पर रेजिस्टेंस बना हुआ है, जिसके बाद 23,400 और 23,500 के आसपास प्रमुख बाधाएं हो सकती हैं।”

निवेशकों को क्या करना चाहिए?

- निवेशकों को 22,800-23,000 के स्तर पर खरीदारी के अवसर तलाशने चाहिए।
- बाजार में अभी उतार-चढ़ाव जारी रह सकता है, इसलिए लंबी अवधि के निवेशकों को घबराने की जरूरत नहीं है।
- विदेशी बाजारों और वैश्विक घटनाक्रमों पर नजर बनाए रखना जरूरी होगा।

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