अश्विनी वैष्णव का बड़ा ऐलान, पहला मेड इन इंडिया चिप 2025 में होगा जारी

अश्विनी वैष्णव का बड़ा ऐलान, पहला मेड इन इंडिया चिप 2025 में होगा जारी
Last Updated: 8 घंटा पहले

केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने दावोस में घोषणा की कि भारत की पहली 'मेड इन इंडिया' चिप इस साल लॉन्च होगी, जो सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री में आत्मनिर्भरता की दिशा में बड़ा कदम है।

World Economic: दावोस में चल रहे World Economic Forum के दौरान केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बड़ा ऐलान किया। उन्होंने कहा कि भारत की पहली ‘मेड इन इंडिया’ चिप इस साल लॉन्च की जाएगी। पहले इसे दिसंबर 2024 में लॉन्च करने की योजना थी, जिसे पिछले साल जनवरी में दावोस सम्मेलन में घोषित किया गया था। इस ऐलान से भारत के सेमीकंडक्टर सेक्टर में तेजी से आत्मनिर्भरता की दिशा में महत्वपूर्ण कदम बढ़ाने की उम्मीदें बढ़ गई हैं।

भारत का सेमीकंडक्टर प्रोग्राम बढ़ा रहा है इंडस्ट्री का भरोसा

मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि भारत के सेमीकंडक्टर कार्यक्रम को लेकर इंडस्ट्री में बड़ा भरोसा है। उन्होंने कहा, “हमारी पहली ‘मेड इन इंडिया’ चिप इस साल आएगी। अब हमारा फोकस अगले चरण पर है, जिसमें हम उपकरण निर्माताओं, सामग्री निर्माताओं और डिज़ाइनरों को भारत में लाना चाहते हैं।” उन्होंने यह भी कहा कि सेमीकंडक्टर निर्माण में उपयोग होने वाले मटेरियल्स की शुद्धता को और बढ़ाने की आवश्यकता है। इसका उद्देश्य पार्ट्स की शुद्धता को मिलियन (ppm) से बिलियन (ppb) तक लाना है। इसके लिए प्रोसेस में बदलाव किए जा रहे हैं, और इंडस्ट्री इस दिशा में तेजी से काम कर रही है।

भारत की सेमीकंडक्टर महत्वाकांक्षाएं और सरकारी योजनाएं

भारत सरकार ने दिसंबर 2021 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले निर्माण को बढ़ावा देने के लिए सेमीकॉन इंडिया प्रोग्राम को मंजूरी दी थी। इसके तहत 76,000 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया गया था, जिसका उद्देश्य सेमीकंडक्टर, डिस्प्ले निर्माण और डिज़ाइन इकोसिस्टम में निवेश करने वाली कंपनियों को वित्तीय सहायता प्रदान करना है। इस कदम से भारत को वैश्विक सेमीकंडक्टर बाजार में एक मजबूत पहचान दिलाने और तकनीकी आत्मनिर्भरता हासिल करने में मदद मिलेगी।

भारत में सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री को बढ़ावा देने के लिए विदेशी निवेश

भारत सरकार ने सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए ‘इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन’ (ISM) की शुरुआत की है। यह मिशन डिजिटल इंडिया कॉर्पोरेशन के तहत काम करेगा और देश में सेमीकंडक्टर डिज़ाइन और प्रोडक्शन के लिए एक दीर्घकालिक रणनीति तैयार करेगा। इसके साथ-साथ, विदेशी कंपनियां भी भारत में सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री को बढ़ावा देने के लिए बड़े निवेश कर रही हैं।

1. NXP Semiconductors ने भारत में रिसर्च और डेवलपमेंट (R&D) प्रयासों को बढ़ाने के लिए $1 बिलियन (करीब ₹8,200 करोड़) का निवेश करने की योजना बनाई है।
2. Analog Devices ने टाटा ग्रुप के साथ मिलकर भारत में सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग की संभावनाओं का पता लगाने के लिए साझेदारी की है।
3. Micron Technology गुजरात में $2.75 बिलियन (करीब ₹22,600 करोड़) की लागत से असेंबली और टेस्टिंग प्लांट स्थापित कर रही है, जिससे 5,000 प्रत्यक्ष और 15,000 सामुदायिक नौकरियां पैदा होने की संभावना है।

भारत का सेमीकंडक्टर बाजार 2026 तक का अनुमान

एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत का सेमीकंडक्टर बाजार 2026 तक $63 बिलियन (करीब ₹5.18 लाख करोड़) तक पहुंचने का अनुमान है। यह भारत के लिए सेमीकंडक्टर सेक्टर में आत्मनिर्भरता की ओर एक बड़ा कदम साबित हो सकता है।

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