रतन टाटा का जन्म 28 दिसंबर 1937 को ब्रिटिश भारत के बॉम्बे (अब मुंबई) में एक पारसी परिवार में हुआ। वे नवल टाटा के पुत्र थे, जिन्हें टाटा परिवार में गोद लिया गया था। रतन टाटा के बचपन का बड़ा हिस्सा उनके दादा-दादी और विशेष रूप से उनकी दादी नवाजबाई टाटा के सानिध्य में बीता, जिन्होंने उन्हें गोद लेकर उनकी परवरिश की।
पारिवारिक पृष्ठभूमि
रतन टाटा के पिता नवल टाटा का जन्म सूरत में हुआ था और वे टाटा परिवार के संस्थापक जमशेदजी टाटा के वंशज थे। उनके परिवार में एक छोटा भाई, जिमी टाटा, और एक सौतेला भाई, नोएल टाटा, थे। उनके माता-पिता के बीच 1948 में तलाक हो गया, जब वे मात्र 10 वर्ष के थे। तलाक के बाद उनकी परवरिश उनकी दादी नवाजबाई टाटा ने की।
रतन टाटा का प्रारंभिक जीवन और शिक्षा
रतन टाटा ने प्रारंभिक शिक्षा मुंबई के कैंपियन स्कूल से पूरी की। इसके बाद उन्होंने शिमला के बिशप कॉटन स्कूल और मुंबई के कैथेड्रल और जॉन कॉनन स्कूल में पढ़ाई की। बाद में, वे न्यूयॉर्क के रिवरडेल कंट्री स्कूल गए, जहां से उन्होंने 1955 में स्नातक की उपाधि प्राप्त की। हाई स्कूल के बाद, उन्होंने कॉर्नेल विश्वविद्यालय में दाखिला लिया, जहां उन्होंने वास्तुकला में स्नातक की डिग्री 1959 में प्राप्त की। कॉर्नेल विश्वविद्यालय में पढ़ाई के दौरान, वे अल्फा सिग्मा फी बिरादरी के सदस्य बने।
कॉर्नेल विश्वविद्यालय के साथ रतन टाटा का गहरा जुड़ाव था। 2008 में, उन्होंने विश्वविद्यालय को 50 मिलियन डॉलर का दान दिया, जिससे वे विश्वविद्यालय के इतिहास में सबसे बड़े अंतरराष्ट्रीय दानकर्ता बन गए। यह दान शिक्षा और नवाचार को बढ़ावा देने के उनके दृष्टिकोण का एक उदाहरण था।रतन टाटा की शिक्षा और उनके शुरुआती अनुभवों ने उनके व्यक्तित्व और नेतृत्व कौशल को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
व्यवसाय
रतन टाटा, भारतीय उद्योग जगत के प्रतिष्ठित नाम, ने 1970 के दशक में टाटा समूह में प्रबंधकीय पद से अपने करियर की शुरुआत की। 1991 में, जे.आर.डी. टाटा ने उन्हें टाटा समूह का उत्तराधिकारी नियुक्त किया। उनके नेतृत्व में समूह ने अभूतपूर्व विकास किया, जिसमें राजस्व 40 गुना और लाभ 50 गुना बढ़ा। उन्होंने नवाचार को बढ़ावा दिया, युवा प्रतिभाओं को प्रोत्साहित किया, और संगठनात्मक संरचना को मजबूत किया। टाटा समूह ने वैश्वीकरण की ओर कदम बढ़ाते हुए टेटली, जगुआर लैंड रोवर, और कोरस जैसी अंतरराष्ट्रीय कंपनियों का अधिग्रहण किया, जिससे यह एक वैश्विक ब्रांड बन गया।
रतन टाटा ने किफायती कार टाटा नैनो की अवधारणा पेश की और इलेक्ट्रिक वाहनों के क्षेत्र में भी कदम रखा। 2012 में उन्होंने चेयरमैन पद से सेवानिवृत्ति ली, लेकिन समूह के मार्गदर्शक बने रहे। उन्होंने कई स्टार्टअप्स में निवेश किया, जिनमें स्नैपडील, ओला कैब्स, और शाओमी शामिल हैं। रतन टाटा के नेतृत्व और दूरदृष्टि ने टाटा समूह को वैश्विक पहचान दिलाई।
रतन टाटा का निजी जीवन
रतन टाटा ने जीवन भर अविवाहित रहने का निर्णय लिया और उनकी कोई संतान भी नहीं थी। उनके व्यक्तिगत जीवन को लेकर वे सदैव सरल और संजीदा रहे। 2011 में, एक साक्षात्कार में उन्होंने साझा किया था कि वे चार बार विवाह के निकट पहुंचे थे, लेकिन हर बार किसी कारणवश, चाहे वह भय हो या परिस्थितियों का दबाव, उन्होंने विवाह नहीं किया।
रतन टाटा का निधन
रतन टाटा की स्थिति उनके जीवन के अंतिम दिनों में गंभीर हो गई थी, जिसके चलते उन्हें मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में गहन चिकित्सा देखभाल में रखा गया। 7 अक्टूबर 2024 को, उन्होंने अपनी आयु और संबंधित स्वास्थ्य स्थितियों के कारण नियमित चिकित्सा परीक्षण कराने की बात कही थी। लेकिन 9 अक्टूबर 2024 को, 86 वर्ष की आयु में, उन्होंने इस दुनिया को अलविदा कह दिया।
रतन टाटा को मिले पुरस्कार और सम्मान
* पद्म भूषण (2000) - भारत सरकार द्वारा उद्योग एवं व्यापार क्षेत्र में यह सम्मान दिया गया।
* 2008 में राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल द्वारा रतन टाटा को पद्म विभूषण से सम्मानित करते हुए
* पद्मविभूषण (2008) - यह भारत का दूसरा सर्वोच्च नागरिक सम्मान है, जो उन्हें उनके व्यापारिक योगदान के लिए दिया गया।
* जर्मनी का आदेश - 2014 में, उन्हें जर्मनी के राष्ट्रपति द्वारा इस आदेश से सम्मानित किया गया।
* सर्वश्रेष्ठ सीईओ - 2012 में, रतन टाटा को "सर्वश्रेष्ठ सीईओ" का खिताब दिया गया।
* FICCI लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड - यह पुरस्कार उन्हें 2012 में दिया गया।
* 2008 में उन्हें नैसकॉम ग्लोबल लीडरशिप पुरस्कार भी मिला, जो उन्हें मुम्बई में एक भव्य समारोह में दिया गया।
* टाटा परिवार की ओर से 2007 में उन्हें परोपकार के लिए कारनैगी पदक भी प्रदान किया गया।
* 2006 में कॉर्नेल विश्वविद्यालय द्वारा उन्हें रॉबर्ट एस सम्मान से सम्मानित किया गया।
* 2004 में उन्हें चीन के झोज्यांग प्रांत के हांग्जो शहर में मानद आर्थिक सलाहकार की उपाधि से नवाजा गया।